मुंबई : अभिनेत्री दिव्या दत्ता के लिए अपनी मां को खोना कितना दर्दनाक था, उनके क्या विचार थे ,इस बारे में उन्होनें अपनी पहली किताब मी एंड मां में उसका जिक्र किया था. अब दिव्या ने उसी किताब का ऑडियो संस्करण लॉन्च किया है.
दिव्या ने बताया 'ऑडियो बुक मेरी पहली किताब, 'मी एंड मां' के बारे में है. यह मेरी मां के साथ मेरी यात्रा, उनके साथ संस्मरण, बचपन से मेरे जीवन में उनकी उपस्थिति और जब तक वह मेरे साथ थीं, मेरा मतलब है कि वह हमेशा मेरे साथ हैं. उन्होंने मुझे एक अच्छा व्यक्ति, एक अच्छा पेशेवर, और कैसे मैं हर परिस्थिति को हैंडेल कर सकूं यह सब सिखाया.'
अपने विचारों को कलमबद्ध करने की प्रक्रिया के बारे में बात करते हुए, वह कहती है कि यह उनकी मां को खोने के दर्द और आघात से निपटने के लिए उनका एक तरीका था.
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वह कहती हैं 'मेरा सबसे बड़ा डर मेरी मां को खोना था. जब मैंने उसे जाते हुए देखा, तो मैं इससे उबर नहीं सकी. मैं यह बताना चाहती थी कि माता-पिता और बच्चे के बीच एक अच्छी साझेदारी बच्चे को वह बना सकती है जो वह है, और मैं इसे दुनिया के साथ साझा करना चाहती हूं.'
वह कहती हैं 'मुझे लगता है कि हमारे जीवन में सब कुछ नियोजित नहीं है. कुछ चीजें बस होती हैं. मैं थोड़ी देर के लिए स्तंभकार रही हूं और मैंने कॉलेज से लिखना शुरु किया था.मैंने कुछ समाचार पत्रों, अपने व्यक्तिगत कॉलमों के लिए लिखना शुरू कर दिया है जिन्हें अच्छी रिस्पॉन्स मिल रहा है.'
दिव्या ने अन्य लेखकों की पुस्तकों के लिए वाइस ओवर किया है, जिसने उन्हें अपनी पुस्तक के लिए भी ऑडियो संस्करण बनाने के लिए प्रेरित किया.
दिव्या ने कहा 'मुझे इस विचार आया था, क्योंकि पिछले साल मैं शोभा डे की पुस्तक के लिए कुछ रिकॉर्ड कर रही थी और मैंने इसका आनंद लिया. मुझे लगा कि यह विचार पाठकों के लिए बहुत अद्भुत है. मैंने सोचा कि जब मैं सभी के लिए रिकॉडिर्ंग कर रही हूं, तो क्यों न मैं इसे अपने लिए भी करूं. मेरे प्रकाशक ने भी कहा था कि चलो ऑडियो बुक करते हैं. हर चीज का अपना सही समय होता है. आने वाली ऑडियो बुक बहुत अच्छी है, और लोग भी अभी घर पर हैं.'
(इनपुट - आईएएनएस)