मुंबई: केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी)ने हिंदी फिल्म 'दे दे प्यार दे' के निर्माता को यह सुझाव दिया कि वह फिल्म के एक गाने में शराब की बोतल को फूलों के गुलदस्ते से रिप्लेस कर सकते हैं.
अपने आधिकारिक वेबसाइट पर सीबीएफसी ने उल्लेख किया है कि अजय देवगन, तब्बू और रकुल प्रीत स्टारर इस फिल्म को तीन कट्स के बाद सात मई को यू/ए प्रमाण पत्र दिया गया.
एक कट के विवरण में लिखा गया है, 'फिल्म के एक गाने 'वड्डी शराबन' में हीरोईन अपने हाथ में शराब की बोतल को पकड़कर नाचते हुए दिख रही थीं, जिसमें शराब के बोतल को डिलीट कर उसकी जगह हीरोईन को फूलों का गुलदस्ता पकड़कर दृश्य को फिल्माते हुए दिखाया गया.'
दो और दृश्य और संवादों पर कैंची चलाई गई है.
इनमें से एक दृश्य में संवाद 'परफार्मेस बेटर होती है' के साथ जो दृश्य दिखाए गए हैं उन्हें काटा गया है.
फाइनल कट में भी कुछ दृश्य और संवाद थे जैसे कि 'मन्नू जी के आलू ओ हो हो..वही अच्छे हैं..' और 'कि ये सब झूठ है.'
'दे दे प्यार दे' की कहानी लव रंजन ने लिखी है. लव इससे पहले ‘प्यार का पंचनामा', 'आकाशवाणी' और 'सोनू के टीटू की स्वीटी' जैसी फिल्में बना चुके हैं. अकिव अली ने फिल्म को निर्देशित किया है.
इस फिल्म को लेकर पहला विवाद तब खड़ा हुआ जब इसका ट्रेलर लॉन्च हुआ था, क्योंकि इसमें अभिनेता आलोक नाथ को दिखाया गया था जिन पर हैशटैग मी टू मूवमेंट में दोषी होने का आरोप लगा था.
'दे दे प्यार दे' के सीन्स पर चली सेंसर बोर्ड की कैंची, रिलीज से पहले फिल्म में हुए बदलाव - CBFC
अजय देवगन, रकुल प्रीत और तब्बू की अपकमिंग फिल्म 'दे दे प्यार दे' इन दिनों खूब सुर्खियों में हैं. फिल्म 17 मई को रिलीज होने वाली है. लेकिन रिलीज से एक दिन पहले फिल्म पर सेंसर बोर्ड ने अपनी कैंची चला डाली है. कुछ बदलावों के बाद फिल्म को सेंसर बोर्ड ने यू/ए सर्टिफिकेट दे कर पास कर दिया.
मुंबई: केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी)ने हिंदी फिल्म 'दे दे प्यार दे' के निर्माता को यह सुझाव दिया कि वह फिल्म के एक गाने में शराब की बोतल को फूलों के गुलदस्ते से रिप्लेस कर सकते हैं.
अपने आधिकारिक वेबसाइट पर सीबीएफसी ने उल्लेख किया है कि अजय देवगन, तब्बू और रकुल प्रीत स्टारर इस फिल्म को तीन कट्स के बाद सात मई को यू/ए प्रमाण पत्र दिया गया.
एक कट के विवरण में लिखा गया है, 'फिल्म के एक गाने 'वड्डी शराबन' में हीरोईन अपने हाथ में शराब की बोतल को पकड़कर नाचते हुए दिख रही थीं, जिसमें शराब के बोतल को डिलीट कर उसकी जगह हीरोईन को फूलों का गुलदस्ता पकड़कर दृश्य को फिल्माते हुए दिखाया गया.'
दो और दृश्य और संवादों पर कैंची चलाई गई है.
इनमें से एक दृश्य में संवाद 'परफार्मेस बेटर होती है' के साथ जो दृश्य दिखाए गए हैं उन्हें काटा गया है.
फाइनल कट में भी कुछ दृश्य और संवाद थे जैसे कि 'मन्नू जी के आलू ओ हो हो..वही अच्छे हैं..' और 'कि ये सब झूठ है.'
'दे दे प्यार दे' की कहानी लव रंजन ने लिखी है. लव इससे पहले ‘प्यार का पंचनामा', 'आकाशवाणी' और 'सोनू के टीटू की स्वीटी' जैसी फिल्में बना चुके हैं. अकिव अली ने फिल्म को निर्देशित किया है.
इस फिल्म को लेकर पहला विवाद तब खड़ा हुआ जब इसका ट्रेलर लॉन्च हुआ था, क्योंकि इसमें अभिनेता आलोक नाथ को दिखाया गया था जिन पर हैशटैग मी टू मूवमेंट में दोषी होने का आरोप लगा था.
मुंबई: केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी)ने हिंदी फिल्म 'दे दे प्यार दे' के निर्माता को यह सुझाव दिया कि वह फिल्म के एक गाने में शराब की बोतल को फूलों के गुलदस्ते से रिप्लेस कर सकते हैं.
अपने आधिकारिक वेबसाइट पर सीबीएफसी ने उल्लेख किया है कि अजय देवगन, तब्बू और रकुल प्रीत स्टारर इस फिल्म को तीन कट्स के बाद सात मई को यू/ए प्रमाण पत्र दिया गया.
एक कट के विवरण में लिखा गया है, 'फिल्म के एक गाने 'वड्डी शराबन' में हीरोईन अपने हाथ में शराब की बोतल को पकड़कर नाचते हुए दिख रही थीं, जिसमें शराब के बोतल को डिलीट कर उसकी जगह हीरोईन को फूलों का गुलदस्ता पकड़कर दृश्य को फिल्माते हुए दिखाया गया.'
दो और दृश्य और संवादों पर कैंची चलाई गई है.
इनमें से एक दृश्य में संवाद 'परफार्मेस बेटर होती है' के साथ जो दृश्य दिखाए गए हैं उन्हें काटा गया है.
फाइनल कट में भी कुछ दृश्य और संवाद थे जैसे कि 'मन्नू जी के आलू ओ हो हो..वही अच्छे हैं..' और 'कि ये सब झूठ है.'
'दे दे प्यार दे' की कहानी लव रंजन ने लिखी है. लव इससे पहले ‘प्यार का पंचनामा', 'आकाशवाणी' और 'सोनू के टीटू की स्वीटी' जैसी फिल्में बना चुके हैं. अकिव अली ने फिल्म को निर्देशित किया है.
इस फिल्म को लेकर पहला विवाद तब खड़ा हुआ जब इसका ट्रेलर लॉन्च हुआ था, क्योंकि इसमें अभिनेता आलोक नाथ को दिखाया गया था जिन पर हैशटैग मी टू मूवमेंट में दोषी होने का आरोप लगा था.
Conclusion: