मुंबई : बहुमुखी प्रतिभा के धनी किशोर कुमार न केवल एक बेहतरीन गायक बल्कि संगीतकार, लेखक, निर्माता और निर्देशक थे. उनका जन्म 4 अगस्त 1929 को खंडवा शहर में हुआ था. किशोर कुमार का असली नाम आभास कुमार गांगुली था. 13 अक्टूबर 1987 को उनका मुंबई में निधन हो गया था. अपनी मधुर आवाज में गाए गीतों के जरिए किशोर कुमार आज भी हमारे आसपास मौजूद हैं. आज क दौर में भी लोग उनके गाने के दीवाने हैं. तो उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर एक नजर उनके सदाबहार नगमों पर...
'ओ मेरे दिल के चैन', फिल्म 'मेरे जीवन साथी' का यह गाना बैचेन दिलों को चैन दिलाने में कारगर साबित होता है. किशोर दा की आवाज से सजा यह गाना राजेश खन्ना और तनुजा पर फिल्माया गया था. गाने को लिखा था मजरूह सुल्तानपुरी ने और म्यूजिक दिया था राहुल देव बर्मन साहब ने.
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'मिस्टर एक्स इन बॉम्बे' फिल्म का गाना 'मेरे महबूब कयामत होगी' बेहद मशहूर और सभी का पसंदीदा है. किशोर दा की आवाज से सजे इस गानो में खुद किशोर ही अपने महबूब से शिकायत करते और अपना हाल बयां करते नजर आ रहे हैं. आनंद बख्शी के अल्फाजों से सजे इस गाने में म्यूजिक दिया था लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की जोड़ी ने.
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सदाबहार रोमांटिक गानों की लिस्ट में एक गाना आता है फिल्म 'सागर' का 'चेहरा है या चांद खिला है'. इस गाने में किशोर दा की मदमस्त आवाज से सभी मदहोश होते नजर आते हैं. आज भी अपने महबूब की तारीफ में यह गाना अक्सर ही गुनगुनाया जाता है. आर डी बर्मन के संगीत से सजा यह गाना सभी का पसंदीदा है.
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साल 1968 में आई फिल्म 'पड़ोसन' का गाना 'मेरे सामने वाली खिड़की' में भला कैसे भुलाया जा सकता है. इस गाने में अपनी आवाज देने के साथ-साथ किशोर दा इसमें अभिनय भी करते नजर आए थे. उनका मस्तमौला अंदाज इस गाने में बखूबी देखा जा सकता है.
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फिल्म 'मुकद्दर का सिकंदर' का गाना 'ओ साथी रे' भी किशोर दा के सदाबहार गानों की लिस्ट में जरूर शुमार किया जाता है. अमिताभ बच्चन पर फिल्माए इस गाने में किशोर कुमार की दर्द भरी आवाज से सभी खुद को जुड़ा महसूस करते हैं.
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किशोर कुमार के शानदार अभिनय से सजी साल 1958 की फिल्म 'चलती का नाम गाड़ी' के सारे ही गाने मशहूर हुए. जो खुद किशोर दा ने ही गाए थे. चाहे वो 'हाल कैसा है जनाब का' हो या 'पांच रुपए बारह आना हो'. हर गाने को बेहद पसंद किया गया.
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कॉलेज के दिनों में किशोर कुमार कैटींन टेबल को अपना तबला बनाकर दोस्तों के साथ मिलकर गाना गाया करते थे. ये वो दौर था जब किशोर के पास ज्यादा पैसे नहीं होते थे. उन पर कॉलेज कैंटीन का पांच रुपए बारह आना का उधार रह गया था. वह जब भी कैंटीन में आते तो, कैंटीन वाले अंकल गुनगुनाते हुए कहते 'ओए, पांच रुपया बारह आना'. इस पर वह जवाब देते हुए कहते 'मारेगा भईया, ना..ना'. इस तरह, फिल्म 'चलती का नाम गाड़ी' में पांच रुपए वाले गाने का दिलचस्प आइडिया और गाने के बोल किशोर दा की असल जिंदगी से लिए गए हैं.
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किशोर दा की आवाज से सजा फिल्म 'आराधना' का गाना 'मेरे सपनों की रानी' काफी मशहूर हुआ. राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर पर फिल्माए गए इस गाने को आज भी बेहद पसंद किया जाता है.
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फिल्म 'कटी पतंग' का गाना 'प्यार दीवाना होता है' भी किशोर कुमार की आवाज से सजे शानदार गानों की लिस्ट में शामिल किया जाता है. यह गाना फिल्माया गया था राजेश खन्ना और आशा पारेख पर. गाने को कंपोज किया था आर डी बर्मन ने और इसके बोल लिखे थे आनंद बख्शी ने.
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धर्मेंद और राखी पर फिल्माए गए फिल्म 'ब्लैकमेल' के गाने 'पल पल दिल के पास' को आज भी बेहद पसंद किया जाता है. किशोर कुमार की आवाज से सजा यह गाना सभी का पसंदीदा है. किशोर दा भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन अपने गाने के बोल की तरह वह पल पल सभी के दिल के पास रहेंगे.
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