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'सांड की आंख' के लिए भूमि ने मां से सीखी थी हरियाणवी

बॉलीवुड अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने अपनी आगामी फिल्म 'सांड की आंख' के लिए अपनी मां सुमित्रा से हरियाणवी सीखी थी. उन्होंने अपने किरदार को निभाने के लिए पूरी जान लगा दी है.

Courtesy: IANS
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Published : Oct 14, 2019, 3:22 PM IST

मुंबई: अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने अपनी आगामी फिल्म 'सांड की आंख' के लिए अपनी मां सुमित्रा से हरियाणवी सीखी थी. भूमि का कहना है कि अपने किरदार को और अधिक प्रामाणिक बनाने के लिए अभिनेत्री के पास गुप्त हथियार के तौर पर उनकी मां थी. भूमि ने कहा, 'मैं चाहती हूं कि जब लोग मुझे पर्दे पर देखें तो वे भूल जाएं कि वे मुझे देख रहे हैं, इसलिए मेरी पूरी कोशिश रहती है कि मैं अपने किरदार को प्रामाणिक बनाऊं. मेरी कोशिश रहती है कि दर्शक मेरे किरदार से भावनात्मक रूप से जुड़ जाएं.

पढ़ें: राजस्थान में टैक्स फ्री हुई 'सांड की आंख'

'सांड की आंख' के लिए मैं अपने हरियाणवी लहजे को वास्तविक बनाना चाहती थी और इसके लिए मैंने अपने लहजे को प्रामाणिक बनाने के लिए फिल्मांकन और डबिंग के दौरान अपनी मां की मदद ली थी.' 'सांड की आंख' में भूमि ने दुनिया की सबसे बुजुर्ग शार्पशूटर प्रकाशी तोमर की भूमिका निभाई है, जो अपनी बहन चंद्रो (तासपी पन्नू) के साथ दुनिया की सबसे उम्रदराज महिला शार्पशूटर्स होने का खिताब जीतती हैं. फिल्म उत्तर प्रदेश के गांव जौहरी की दो बुजुर्ग महिलाओं, चंद्रो तोमर (86) और प्रकाशी तोमर (81) की वास्तविक कहानी पर आधारित है, जो शूटिंग की कला सीखने के लिए कड़ी मेहनत करती हैं. उनकी पूरी कोशिश से उन्हें खेल में उल्लेखनीय सफलता हासिल करने में मदद मिली और दोनों ने प्रतियोगिताओं में कई पदक जीते.

फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे दो महिला शूटिंग चैंपियन बाद में गांव की लड़कियों को खेलकूद के लिए प्रोत्साहित करना शुरू करती हैं और उनके बीच आत्मविश्वास पैदा करने में भी मदद करती हैं. 'सांड की आंख' महिला सशक्तीकरण और सामाजिक मानसिकता में बदलाव से संबंधित है.

25 अक्टूबर को रिलीज़ होने वाली फिल्म में तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर अहम किरदारों में हैं. तुषार हीरानंदानी द्वारा निर्देशित और अनुराग कश्यप द्वारा निर्मित इस फ़िल्म में विनीत सिंह और प्रकाश झा भी हैं.

बता दें कि राजस्थान सरकार ने पहले भी आईआईटी परीक्षा की तैयारी के लिए गरीब पृष्ठभूमि के छात्रों को प्रदान की जाने वाली मुफ्त कोचिंग के विषय पर आधारित फिल्म 'सुपर -30' और मासिक धर्म स्वच्छता को बढ़ावा देने वाली 'पैडमैन' को भी राज्य जीएसटी छूट की अनुमति दी थी.

मुंबई: अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने अपनी आगामी फिल्म 'सांड की आंख' के लिए अपनी मां सुमित्रा से हरियाणवी सीखी थी. भूमि का कहना है कि अपने किरदार को और अधिक प्रामाणिक बनाने के लिए अभिनेत्री के पास गुप्त हथियार के तौर पर उनकी मां थी. भूमि ने कहा, 'मैं चाहती हूं कि जब लोग मुझे पर्दे पर देखें तो वे भूल जाएं कि वे मुझे देख रहे हैं, इसलिए मेरी पूरी कोशिश रहती है कि मैं अपने किरदार को प्रामाणिक बनाऊं. मेरी कोशिश रहती है कि दर्शक मेरे किरदार से भावनात्मक रूप से जुड़ जाएं.

पढ़ें: राजस्थान में टैक्स फ्री हुई 'सांड की आंख'

'सांड की आंख' के लिए मैं अपने हरियाणवी लहजे को वास्तविक बनाना चाहती थी और इसके लिए मैंने अपने लहजे को प्रामाणिक बनाने के लिए फिल्मांकन और डबिंग के दौरान अपनी मां की मदद ली थी.' 'सांड की आंख' में भूमि ने दुनिया की सबसे बुजुर्ग शार्पशूटर प्रकाशी तोमर की भूमिका निभाई है, जो अपनी बहन चंद्रो (तासपी पन्नू) के साथ दुनिया की सबसे उम्रदराज महिला शार्पशूटर्स होने का खिताब जीतती हैं. फिल्म उत्तर प्रदेश के गांव जौहरी की दो बुजुर्ग महिलाओं, चंद्रो तोमर (86) और प्रकाशी तोमर (81) की वास्तविक कहानी पर आधारित है, जो शूटिंग की कला सीखने के लिए कड़ी मेहनत करती हैं. उनकी पूरी कोशिश से उन्हें खेल में उल्लेखनीय सफलता हासिल करने में मदद मिली और दोनों ने प्रतियोगिताओं में कई पदक जीते.

फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे दो महिला शूटिंग चैंपियन बाद में गांव की लड़कियों को खेलकूद के लिए प्रोत्साहित करना शुरू करती हैं और उनके बीच आत्मविश्वास पैदा करने में भी मदद करती हैं. 'सांड की आंख' महिला सशक्तीकरण और सामाजिक मानसिकता में बदलाव से संबंधित है.

25 अक्टूबर को रिलीज़ होने वाली फिल्म में तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर अहम किरदारों में हैं. तुषार हीरानंदानी द्वारा निर्देशित और अनुराग कश्यप द्वारा निर्मित इस फ़िल्म में विनीत सिंह और प्रकाश झा भी हैं.

बता दें कि राजस्थान सरकार ने पहले भी आईआईटी परीक्षा की तैयारी के लिए गरीब पृष्ठभूमि के छात्रों को प्रदान की जाने वाली मुफ्त कोचिंग के विषय पर आधारित फिल्म 'सुपर -30' और मासिक धर्म स्वच्छता को बढ़ावा देने वाली 'पैडमैन' को भी राज्य जीएसटी छूट की अनुमति दी थी.

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मुंबई: अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने अपनी आगामी फिल्म 'सांड की आंख' के लिए अपनी मां सुमित्रा से हरियाणवी सीखी थी. भूमि का कहना है कि अपने किरदार को और अधिक प्रामाणिक बनाने के लिए अभिनेत्री के पास गुप्त हथियार के तौर पर उनकी मां थी. भूमि ने कहा, 'मैं चाहती हूं कि जब लोग मुझे पर्दे पर देखें तो वे भूल जाएं कि वे मुझे देख रहे हैं, इसलिए मेरी पूरी कोशिश रहती है कि मैं अपने किरदार को प्रामाणिक बनाऊं. मेरी कोशिश रहती है कि दर्शक मेरे किरदार से भावनात्मक रूप से जुड़ जाएं. 'सांड की आंख' के लिए मैं अपने हरियाणवी लहजे को वास्तविक बनाना चाहती थी और इसके लिए मैंने अपने लहजे को प्रामाणिक बनाने के लिए फिल्मांकन और डबिंग के दौरान अपनी मां की मदद ली थी.'

'सांड की आंख' में भूमि ने दुनिया की सबसे बुजुर्ग शार्पशूटर प्रकाशी तोमर की भूमिका निभाई है, जो अपनी बहन चंद्रो (तासपी पन्नू) के साथ दुनिया की सबसे उम्रदराज महिला शार्पशूटर्स होने का खिताब जीतती हैं.

फिल्म उत्तर प्रदेश के गांव जौहरी की दो बुजुर्ग महिलाओं, चंद्रो तोमर (86) और प्रकाशी तोमर (81) की वास्तविक कहानी पर आधारित है, जो शूटिंग की कला सीखने के लिए कड़ी मेहनत करती हैं. उनकी पूरी कोशिश से उन्हें खेल में उल्लेखनीय सफलता हासिल करने में मदद मिली और दोनों ने प्रतियोगिताओं में कई पदक जीते.

फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे दो महिला शूटिंग चैंपियन बाद में गांव की लड़कियों को खेलकूद के लिए प्रोत्साहित करना शुरू करती हैं और उनके बीच आत्मविश्वास पैदा करने में भी मदद करती हैं.

'सांड की आंख' महिला सशक्तीकरण और सामाजिक मानसिकता में बदलाव से संबंधित है.

25 अक्टूबर को रिलीज़ होने वाली फिल्म में तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर अहम किरदारों में हैं. तुषार हीरानंदानी द्वारा निर्देशित और अनुराग कश्यप द्वारा निर्मित इस फ़िल्म में विनीत सिंह और प्रकाश झा भी हैं.

बता दें कि राजस्थान सरकार ने पहले भी आईआईटी परीक्षा की तैयारी के लिए गरीब पृष्ठभूमि के छात्रों को प्रदान की जाने वाली मुफ्त कोचिंग के विषय पर आधारित फिल्म 'सुपर -30' और मासिक धर्म स्वच्छता को बढ़ावा देने वाली 'पैडमैन' को भी राज्य जीएसटी छूट की अनुमति दी थी.


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