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टैबू वाले विषयों को सिनेमा के माध्यम से संबोधित किए जाने की आवश्यकता : आयुष्मान

आयुष्मान खुराना की फिल्म 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' आज ही के दिन एक साल पहले रिलीज हुई थी, जिसमें उन्होंने समलैंगिक का किरदार निभाया था. उनका कहना है कि रूढ़िगत विषयों के बारे में सिनेमा के माध्यम से निरंतर बात किए जाने की आवश्यकता है क्योंकि इससे लोगों की मानसिकता बदलती है.

Ayushmann: Taboo topics need to be addressed through cinema
टैबू वाले विषयों को सिनेमा के माध्यम से संबोधित किए जाने की आवश्यकता : आयुष्मान
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Published : Feb 21, 2021, 2:49 PM IST

मुंबई : आयुष्मान खुराना की फिल्म 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' आज ही के दिन एक साल पहले रिलीज हुई थी. इसमें वह एक समलैंगिक व्यक्ति के किरदार में नजर आए थे. आयुष्मान का कहना है कि समाज में जिन विषयों के बारे में लोग बात करने से कतराते हैं उन्हें नॉर्मल बनाने में वक्त लगता है.

पढ़ें : आयुष्मान खुराना-स्टारर 'चंडीगढ़ करे आशिकी' 9 जुलाई को होगी रिलीज

आयुष्मान कहते हैं, 'टैबू या रूढ़िगत विषयों के बारे में सिनेमा के माध्यम से निरंतर बात किए जाने की आवश्यकता है क्योंकि इससे लोगों की मानसिकता बदलती है. हालांकि इसमें काफी वक्त और प्रयास लगता है और तब जाकर हम ऐसे विषयों को समाज में सहज बना पाते हैं. मुझे खुशी है कि 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' के माध्यम से हम भारत में मुख्यधारा की किसी फिल्म में समलैंगिक रिश्ते पर बात छेड़ पाए हैं.'

पढ़ें : 'अनेक' में कटी भौंहे रखना आयुष्मान का था आईडिया

उन्होंने आगे कहा, 'अगर इससे लोगों की सोच कहीं न कहीं प्रभावित हुई है, तो हमारा प्रयास सफल हुआ है.'

(इनपुट - आईएएनएस)

मुंबई : आयुष्मान खुराना की फिल्म 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' आज ही के दिन एक साल पहले रिलीज हुई थी. इसमें वह एक समलैंगिक व्यक्ति के किरदार में नजर आए थे. आयुष्मान का कहना है कि समाज में जिन विषयों के बारे में लोग बात करने से कतराते हैं उन्हें नॉर्मल बनाने में वक्त लगता है.

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आयुष्मान कहते हैं, 'टैबू या रूढ़िगत विषयों के बारे में सिनेमा के माध्यम से निरंतर बात किए जाने की आवश्यकता है क्योंकि इससे लोगों की मानसिकता बदलती है. हालांकि इसमें काफी वक्त और प्रयास लगता है और तब जाकर हम ऐसे विषयों को समाज में सहज बना पाते हैं. मुझे खुशी है कि 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' के माध्यम से हम भारत में मुख्यधारा की किसी फिल्म में समलैंगिक रिश्ते पर बात छेड़ पाए हैं.'

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उन्होंने आगे कहा, 'अगर इससे लोगों की सोच कहीं न कहीं प्रभावित हुई है, तो हमारा प्रयास सफल हुआ है.'

(इनपुट - आईएएनएस)

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