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'बाला' पर फिर आई मुसीबत, फिल्म निर्माताओं ने लगाया साहित्यिक चोरी का आरोप

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Published : Nov 6, 2019, 5:45 PM IST

फिल्म 'बाला' फिर से मुसीबतों में हैं. दो फिल्म निर्माताओं ने फिल्म पर साहित्यिक चोरी का आरोप लगाते हुए अदालत का सहारा लिया है. अपनी पहली फिल्म 'मार्कशीट' पर काम कर रहे कमल कांत चंद्रा ने बॉम्बे हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. वहीं फिल्म निर्माता नमन गोयल जयपुर जिला अदालत गए. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट को 8 नवंबर तक एक प्रस्ताव पर पहुंचने का निर्देश दिया.

Bala lands in legal trouble yet again

मुंबई: आयुष्मान खुराना की आगामी फिल्म 'बाला' से एक के बाद एक मुसीबतें जुड़ती जा रही हैं. दो फिल्म निर्माताओं ने फिल्म पर साहित्यिक चोरी का आरोप लगाते हुए अदालत का सहारा लिया है, जिसमें कहा गया है कि इस फिल्म की कहानी को दिखा कर गंजे आदमी की अवधारणा को कमजोर किया जा रहा है.

कमल कांत चंद्रा, जो अपनी पहली फिल्म 'मार्कशीट' पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. वहीं, फिल्म निर्माता नमन गोयल जयपुर जिला अदालत में गए. दरअसल, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट को 8 नवंबर तक एक प्रस्ताव पर पहुंचने का निर्देश दिया है.

आपको बता दें कि, जयपुर की एक जिला अदालत ने बुधवार को साहित्यिक चोरी मामले में बाला के निर्माताओं को अदालत में पेश होने के लिए बुलाया है. चंद्रा, जिन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक मामला दायर किया और बाद में सुप्रीम कोर्ट चले गए. उन्होंने कहा कि वह 8 नवंबर को रिलीज़ होने से पहले 'बाला' पर स्टे पाने की उम्मीद करते हैं.

पढ़ें- 'बाला' आपको खुद से प्यार करना सिखाएगी : भूमि पेडनेकर

यह दावा करते हुए कि 'बाला' को उनकी पटकथा से हटा दिया गया है. चंद्रा ने आगे कहा कि वह बरेली की बर्फी की शूटिंग के दौरान आयुष्मान से मिले थे और सितंबर 2017 में उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से कॉन्सेप्ट भेजा.

चंद्रा ने पीटीआई से कहा, "मुझे एक घंटे के भीतर आयुष्मान का संदेश मिला. उन्होंने कहा कि उन्हें यह कॉन्सेप्ट पसंद आया और नरेशन चाहते हैं. एक संघर्षरत सहायक निर्देशक के रूप में, मुझे स्टार से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने पर बहुत खुशी हुई.

मैंने उनसे पटकथा के साथ मिलने का फैसला किया. वहीं, उनके प्रबंधक से संदेश मिला कि वह व्यस्त हैं, इसलिए मैंने उनके पास स्क्रिप्ट छोड़ दी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. उन्होंने आरोप लगाया कि आयुष्मान ने उनके संदेशों का जवाब देना बंद कर दिया और उनके प्रबंधक ने उन्हें बताया कि वह गंजेपन पर फिल्म करने में दिलचस्पी नहीं रखते हैं.

पढ़ें- फिल्म निर्माता जिनकी पहली फिल्म 'उजड़ा चमन' से प्रेरित थी, ईटीवी भारत से की खास बात-चीत..

चंद्रा ने पीटीआई से आगे कहा, "मैंने इस बात को वहीं खत्म कर दिया, लेकिन इस घोषणा पर मुझे आश्चर्य हुआ कि वह इस विषय पर एक फिल्म करने जा रहे थे. मैंने तुरंत उन्हें कानूनी नोटिस भेजा."

चंद्रा के अनुसार, बाला का पूरा ट्रेलर उस कॉन्सेप्ट पर आधारित है, जिसे उन्होंने आयुष्मान को भेजा था. उन्होंने कहा कि, यह कहानी उनकी खुद की बायोपिक है और इस बारे में है कि आंतरिक सुंदरता शारीरिक बनावट से ज्यादा महत्वपूर्ण है.

फिल्म निर्माता नमन गोयल ने भी यह दावा किया कि 'बाला' की कई दृश्यों और सामग्री को उनकी पुरस्कार विजेता लघु फिल्म 'द बिगनिंग टू गेट बाल्ड' से लिया गया था. कॉपीराइट उल्लंघन के लिए निर्माताओं और फिल्म के निर्देशक और लेखक के खिलाफ 2 नवंबर को एक अपील प्रस्तुत की गई थी.

याचिकाकर्ता जी डी बंसल ने मंगलवार को कहा कि याचिका पर सुनवाई करते हुए जयपुर की अदालत ने बाला निर्माता मैडॉक फिल्म्स को 6 नवंबर को अदालत में पेश होने का नोटिस जारी किया. वहीं, बाला और आयुष्मान के निर्माताओं से संपर्क करने का प्रयास असफल रहा.

इससे पहले संवाददाताओं से बातचीत के दौरान, आयुष्मान ने चंद्रा के दावों को खारिज करते हुए कहा था, "मुझे छह अलग-अलग लोगों से एक ही विचार मिला. मैं सिर्फ उस व्यक्ति के साथ जाऊंगा, जो अधिक विश्वसनीय है. 2011 में 'हेयर फॉलिंग' नाम की एक फिल्म थी और बहुत सारी फिल्में थीं जो हेयरलाइन को पुन: बनाने पर बनी थीं लेकिन वे सफल नहीं रहे.

बता दें कि 'बाला' को हालिया रिलीज फिल्म 'उजड़ा चमन' के निर्माताओं से कानूनी चुनौती भी मिली थी. हालांकि, निर्माताओं ने अब अपना मामला वापस ले लिया है.

मुंबई: आयुष्मान खुराना की आगामी फिल्म 'बाला' से एक के बाद एक मुसीबतें जुड़ती जा रही हैं. दो फिल्म निर्माताओं ने फिल्म पर साहित्यिक चोरी का आरोप लगाते हुए अदालत का सहारा लिया है, जिसमें कहा गया है कि इस फिल्म की कहानी को दिखा कर गंजे आदमी की अवधारणा को कमजोर किया जा रहा है.

कमल कांत चंद्रा, जो अपनी पहली फिल्म 'मार्कशीट' पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. वहीं, फिल्म निर्माता नमन गोयल जयपुर जिला अदालत में गए. दरअसल, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट को 8 नवंबर तक एक प्रस्ताव पर पहुंचने का निर्देश दिया है.

आपको बता दें कि, जयपुर की एक जिला अदालत ने बुधवार को साहित्यिक चोरी मामले में बाला के निर्माताओं को अदालत में पेश होने के लिए बुलाया है. चंद्रा, जिन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक मामला दायर किया और बाद में सुप्रीम कोर्ट चले गए. उन्होंने कहा कि वह 8 नवंबर को रिलीज़ होने से पहले 'बाला' पर स्टे पाने की उम्मीद करते हैं.

पढ़ें- 'बाला' आपको खुद से प्यार करना सिखाएगी : भूमि पेडनेकर

यह दावा करते हुए कि 'बाला' को उनकी पटकथा से हटा दिया गया है. चंद्रा ने आगे कहा कि वह बरेली की बर्फी की शूटिंग के दौरान आयुष्मान से मिले थे और सितंबर 2017 में उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से कॉन्सेप्ट भेजा.

चंद्रा ने पीटीआई से कहा, "मुझे एक घंटे के भीतर आयुष्मान का संदेश मिला. उन्होंने कहा कि उन्हें यह कॉन्सेप्ट पसंद आया और नरेशन चाहते हैं. एक संघर्षरत सहायक निर्देशक के रूप में, मुझे स्टार से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने पर बहुत खुशी हुई.

मैंने उनसे पटकथा के साथ मिलने का फैसला किया. वहीं, उनके प्रबंधक से संदेश मिला कि वह व्यस्त हैं, इसलिए मैंने उनके पास स्क्रिप्ट छोड़ दी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. उन्होंने आरोप लगाया कि आयुष्मान ने उनके संदेशों का जवाब देना बंद कर दिया और उनके प्रबंधक ने उन्हें बताया कि वह गंजेपन पर फिल्म करने में दिलचस्पी नहीं रखते हैं.

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चंद्रा ने पीटीआई से आगे कहा, "मैंने इस बात को वहीं खत्म कर दिया, लेकिन इस घोषणा पर मुझे आश्चर्य हुआ कि वह इस विषय पर एक फिल्म करने जा रहे थे. मैंने तुरंत उन्हें कानूनी नोटिस भेजा."

चंद्रा के अनुसार, बाला का पूरा ट्रेलर उस कॉन्सेप्ट पर आधारित है, जिसे उन्होंने आयुष्मान को भेजा था. उन्होंने कहा कि, यह कहानी उनकी खुद की बायोपिक है और इस बारे में है कि आंतरिक सुंदरता शारीरिक बनावट से ज्यादा महत्वपूर्ण है.

फिल्म निर्माता नमन गोयल ने भी यह दावा किया कि 'बाला' की कई दृश्यों और सामग्री को उनकी पुरस्कार विजेता लघु फिल्म 'द बिगनिंग टू गेट बाल्ड' से लिया गया था. कॉपीराइट उल्लंघन के लिए निर्माताओं और फिल्म के निर्देशक और लेखक के खिलाफ 2 नवंबर को एक अपील प्रस्तुत की गई थी.

याचिकाकर्ता जी डी बंसल ने मंगलवार को कहा कि याचिका पर सुनवाई करते हुए जयपुर की अदालत ने बाला निर्माता मैडॉक फिल्म्स को 6 नवंबर को अदालत में पेश होने का नोटिस जारी किया. वहीं, बाला और आयुष्मान के निर्माताओं से संपर्क करने का प्रयास असफल रहा.

इससे पहले संवाददाताओं से बातचीत के दौरान, आयुष्मान ने चंद्रा के दावों को खारिज करते हुए कहा था, "मुझे छह अलग-अलग लोगों से एक ही विचार मिला. मैं सिर्फ उस व्यक्ति के साथ जाऊंगा, जो अधिक विश्वसनीय है. 2011 में 'हेयर फॉलिंग' नाम की एक फिल्म थी और बहुत सारी फिल्में थीं जो हेयरलाइन को पुन: बनाने पर बनी थीं लेकिन वे सफल नहीं रहे.

बता दें कि 'बाला' को हालिया रिलीज फिल्म 'उजड़ा चमन' के निर्माताओं से कानूनी चुनौती भी मिली थी. हालांकि, निर्माताओं ने अब अपना मामला वापस ले लिया है.

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मुंबई: आयुष्मान खुराना की आगामी फिल्म 'बाला' से एक के बाद एक मुसीबतें जुड़ती जा रही हैं. दो फिल्म निर्माताओं ने फिल्म पर साहित्यिक चोरी का आरोप लगाते हुए अदालत का सहारा लिया है, जिसमें कहा गया है कि इस फिल्म की कहानी को दिखा कर गंजे आदमी की अवधारणा को कमजोर किया जा रहा है. 



कमल कांत चंद्रा, जो अपनी पहली फिल्म मार्कशीट पर काम कर रहे हैं. उन्होंने  बॉम्बे हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. वहीं, फिल्म निर्माता नमन गोयल जयपुर जिला अदालत में गए. दरअसल, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट को 8 नवंबर तक एक प्रस्ताव पर पहुंचने का निर्देश दिया है.



आपको बता दें कि, जयपुर की एक जिला अदालत ने बुधवार को एक साहित्यिक चोरी मामले में बाला के निर्माताओं को अदालत में पेश होने के लिए बुलाया है. चंद्रा, जिन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक मामला दायर किया और बाद में सुप्रीम कोर्ट चले गए. उन्होंने कहा कि वह 7 नवंबर को रिलीज़ होने से पहले बाला पर स्टे पाने की उम्मीद करते हैं.



यह दावा करते हुए कि बाला को अपनी पटकथा से हटा दिया जाता है. चंद्रा ने आगे कहा कि वह बरेली की बर्फी की शूटिंग के दौरान आयुष्मान से मिले थे और सितंबर 2017 में उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से अवधारणा भेजा.



चंद्रा ने पीटीआई से कहा, "मुझे एक घंटे के भीतर आयुष्मान का संदेश मिला. उन्होंने कहा कि उन्हें यह अवधारणा पसंद आई और एक कथन चाहिए. एक संघर्षरत सहायक निर्देशक के रूप में, मुझे स्टार से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने पर बहुत खुशी हुई.



मैंने उनसे पटकथा के साथ मिलने का फैसला किया. वहीं, उनके प्रबंधक से संदेश मिला कि वह व्यस्त थे इसलिए मैंने उनके साथ स्क्रिप्ट छोड़ दी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई. उन्होंने आरोप लगाया कि आयुष्मान ने उनके संदेशों का जवाब देना बंद कर दिया और उनके प्रबंधक ने उन्हें बताया कि वह गंजेपन पर फिल्म करने में दिलचस्पी नहीं रखते हैं.



चंद्रा ने पीटीआई से आगे कहा, "मैंने इसे होने दिया, लेकिन इस घोषणा पर मुझे आश्चर्य हुआ कि वह इस विषय पर एक फिल्म करने जा रहे थे. मैंने तुरंत उन्हें कानूनी नोटिस भेजा."



चंद्रा के अनुसार, बाला का पूरा ट्रेलर उस अवधारणा पर आधारित है, जिसे उन्होंने आयुष्मान को भेजा था.  उन्होंने कहा कि, यह कहानी उनकी खुद की बायोपिक है और इस बारे में है कि आंतरिक सुंदरता शारीरिक बनावट से ज्यादा महत्वपूर्ण है.



फिल्म निर्माता नमन गोयल ने यह भी दावा किया कि बाला की कई दृश्यों और सामग्री को उनकी पुरस्कार विजेता लघु फिल्म द बिगनिंग टू गेट बाल्ड से हटा दिया गया था. कॉपीराइट उल्लंघन के लिए निर्माताओं और फिल्म के निर्देशक और लेखक के खिलाफ 2 नवंबर को एक अपील प्रस्तुत की गई थी.



याचिकाकर्ता जी डी बंसल ने मंगलवार को कहा कि याचिका पर सुनवाई करते हुए जयपुर की अदालत ने बाला निर्माता मडॉक फिल्म्स को 6 नवंबर को अदालत में पेश होने का नोटिस जारी किया. वहीं, बाला और आयुष्मान के निर्माताओं से संपर्क करने का प्रयास असफल रहा.



आयुष्मान ने इससे पहले चंद्रा के दावों को खारिज कर दिया था. "मुझे छह अलग-अलग लोगों से एक ही विचार मिला. मैं सिर्फ उस व्यक्ति के साथ जाऊंगा, जो अधिक विश्वसनीय है. 2011 में 'हेयर फॉलिंग' नाम की एक फिल्म थी और बहुत सारी फिल्में थीं जो हेयरलाइन को पुन: बनाने पर बनी थीं लेकिन वे सफल नहीं थे, "उन्होंने पहले संवाददाताओं से कहा था।



बाला को उजड़ा चमन के निर्माताओं से कानूनी चुनौती भी मिली थी. हालांकि, निर्माताओं ने अब अपना मामला वापस ले लिया है.


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