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परफेक्शन लोगों से कनेक्ट नहीं होता : आयुष्मान खुराना

आयुष्मान खुराना का मानना है कि, फिल्मों में जो कैरेक्टर परफेक्ट नहीं होते हैं, वह लोगों से ज्यादा जल्दी और आसानी से कनेक्ट हो जाते हैं. साथ ही उन्होंने कहा मुझे परफेक्ट कैरेक्टर की कहानियां उबाऊ लगती हैं.

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Courtesy: IANS
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Published : Dec 6, 2019, 10:44 AM IST

Updated : Dec 6, 2019, 12:12 PM IST

मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना वर्तमान में सबके पसंदीदा बने हुए हैं. वह उन कैरेक्टर को वास्तविक मानते हैं जो परफेक्ट नहीं होते हैं. जिसके कारण दर्शक उससे तुरंत जुड़ जाते हैं. आयुषमान ने कहा, 'हम जैसे हैं, वैसे ही हैं और हम ऐसा ही महसूस करते हैं और सब एक ही जीवन जीते हैं.'

पढ़ें: 26/11 Attack: अमिताभ समेत बॉलीवुड के इन सेलेब्स ने शहीदों को किया याद

यही बात मुझे अपनी फिल्मों को चुनने के लिए प्रेरित करती है. हमारी खामियां हमें वास्तविक बनाती हैं और हर कोई ऐसे लोगों की कहानियों से जुड़ना चाहता है, जो बिल्कुल वास्तविक है, जिससे वह आसानी से उस पर विश्वास कर सकते हैं. लोगों को समस्याओं, खुशियों, दर्द, जीत, महत्वाकांक्षाओं को देखने में सक्षम होना चाहिए.'

'विक्की डोनर', 'दम लगा के हईशा', 'बरेली की बर्फी', 'शुभ मंगल सावधान', 'बाला' और 'अंधाधुन' जैसी फिल्मों में उनके अपूर्ण किरदारों को बहुत पसंद किया गया .

उन्होंने कहा, 'किसी की स्थिति पर विजय प्राप्त करना, किसी की खुद की कहानी है, जिसे लोग देखना पसंद करते हैं. यदि आप मेरी सभी फिल्मों को देखते हैं, तो मैंने एक ऐसे नायक की भूमिका निभाई है, जो परफेक्ट नहीं है बल्कि एक दोषपूर्ण इंसान है, जो अपने जीवन में संघर्षों के साथ आगे बढ़ने की कोशिश करता है. यह ऐसे किरदार हैं जो मुझसे अपील करते हैं, क्योंकि इस तरह के किरदार वास्तविक हैं और सौभाग्य से दर्शकों ने इन्हें पर्दे पर पसंद भी किया है.'

आयुष्मान ने खुलासा किया कि उन्हें परफेक्ट कहानियां उबाऊ लगती हैं. उन्होंने कहा, 'जहां सबकुछ परफेक्ट न हो, वहां एक अलग ही आनंद है. वह ज्यादा दिलचस्प होता है, उनका एक अलग व्यक्तित्व है.'

आखिरी में उन्होंने कहा, 'हम समझते हैं कि संघर्ष वास्तविक है और हम मनाते हैं कि हम वास्तव में कौन हैं और क्या करते हैं? हम अपनी आँखों में देखने से डरते नहीं हैं और अपने आप को अपने तुच्छ रूप में स्वीकार करते हैं. यही मैं अपने काम के जरिए स्क्रीन पर लाना चाहता हूं.

इनपुट-आईएएनएस

मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना वर्तमान में सबके पसंदीदा बने हुए हैं. वह उन कैरेक्टर को वास्तविक मानते हैं जो परफेक्ट नहीं होते हैं. जिसके कारण दर्शक उससे तुरंत जुड़ जाते हैं. आयुषमान ने कहा, 'हम जैसे हैं, वैसे ही हैं और हम ऐसा ही महसूस करते हैं और सब एक ही जीवन जीते हैं.'

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यही बात मुझे अपनी फिल्मों को चुनने के लिए प्रेरित करती है. हमारी खामियां हमें वास्तविक बनाती हैं और हर कोई ऐसे लोगों की कहानियों से जुड़ना चाहता है, जो बिल्कुल वास्तविक है, जिससे वह आसानी से उस पर विश्वास कर सकते हैं. लोगों को समस्याओं, खुशियों, दर्द, जीत, महत्वाकांक्षाओं को देखने में सक्षम होना चाहिए.'

'विक्की डोनर', 'दम लगा के हईशा', 'बरेली की बर्फी', 'शुभ मंगल सावधान', 'बाला' और 'अंधाधुन' जैसी फिल्मों में उनके अपूर्ण किरदारों को बहुत पसंद किया गया .

उन्होंने कहा, 'किसी की स्थिति पर विजय प्राप्त करना, किसी की खुद की कहानी है, जिसे लोग देखना पसंद करते हैं. यदि आप मेरी सभी फिल्मों को देखते हैं, तो मैंने एक ऐसे नायक की भूमिका निभाई है, जो परफेक्ट नहीं है बल्कि एक दोषपूर्ण इंसान है, जो अपने जीवन में संघर्षों के साथ आगे बढ़ने की कोशिश करता है. यह ऐसे किरदार हैं जो मुझसे अपील करते हैं, क्योंकि इस तरह के किरदार वास्तविक हैं और सौभाग्य से दर्शकों ने इन्हें पर्दे पर पसंद भी किया है.'

आयुष्मान ने खुलासा किया कि उन्हें परफेक्ट कहानियां उबाऊ लगती हैं. उन्होंने कहा, 'जहां सबकुछ परफेक्ट न हो, वहां एक अलग ही आनंद है. वह ज्यादा दिलचस्प होता है, उनका एक अलग व्यक्तित्व है.'

आखिरी में उन्होंने कहा, 'हम समझते हैं कि संघर्ष वास्तविक है और हम मनाते हैं कि हम वास्तव में कौन हैं और क्या करते हैं? हम अपनी आँखों में देखने से डरते नहीं हैं और अपने आप को अपने तुच्छ रूप में स्वीकार करते हैं. यही मैं अपने काम के जरिए स्क्रीन पर लाना चाहता हूं.

इनपुट-आईएएनएस

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मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना वर्तमान में सबके पसंदीदा बने हुए हैं. वह उन कैरेक्टर को वास्तविक मानते हैं जो परफेक्ट नहीं होते हैं. जिसके कारण दर्शक उससे तुरंत जुड़ जाते हैं.

आयुषमान ने कहा, 'हम जैसे हैं, वैसे ही हैं और हम ऐसा ही महसूस करते हैं और सब एक ही जीवन जीते हैं.' यही बात मुझे अपनी फिल्मों को चुनने के लिए प्रेरित करती है. हमारी खामियां हमें वास्तविक बनाती हैं और हर कोई ऐसे लोगों की कहानियों से जुड़ना चाहता है, जो बिल्कुल वास्तविक है, जिससे वह आसानी से उस पर विश्वास कर सकते हैं. लोगों को समस्याओं, खुशियों, दर्द, जीत, महत्वाकांक्षाओं को देखने में सक्षम होना चाहिए.'

'विक्की डोनर', 'दम लगा के हईशा', 'बरेली की बर्फी', 'शुभ मंगल सावधान', 'बाला' और 'अंधाधुन' जैसी फिल्मों में उनके अपूर्ण किरदारों को बहुत पसंद किया गया .

उन्होंने कहा, 'किसी की स्थिति पर विजय प्राप्त करना, किसी की खुद की कहानी है, जिसे लोग देखना पसंद करते हैं. यदि आप मेरी सभी फिल्मों को देखते हैं, तो मैंने एक ऐसे नायक की भूमिका निभाई है, जो परफेक्ट नहीं है बल्कि एक दोषपूर्ण इंसान है, जो अपने जीवन में संघर्षों के साथ आगे बढ़ने की कोशिश करता है. यह ऐसे किरदार हैं जो मुझसे अपील करते हैं, क्योंकि इस तरह के किरदार वास्तविक हैं और सौभाग्य से दर्शकों ने इन्हें पर्दे पर पसंद भी किया है.'

आयुष्मान ने खुलासा किया कि उन्हें परफेक्ट कहानियां उबाऊ लगती हैं.

उन्होंने कहा, 'जहां सबकुछ परफेक्ट न हो, वहां एक अलग ही आनंद है. वह ज्यादा दिलचस्प होता है, उनका एक अलग व्यक्तित्व है.'

आखिरी में उन्होंने कहा, 'हम समझते हैं कि संघर्ष वास्तविक है और हम मनाते हैं कि हम वास्तव में कौन हैं और क्या करते हैं? हम अपनी आँखों में देखने से डरते नहीं हैं और अपने आप को अपने तुच्छ रूप में स्वीकार करते हैं. यही मैं अपने काम के जरिए स्क्रीन पर लाना चाहता हूं.

इनपुट-आईएएनएस




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Last Updated : Dec 6, 2019, 12:12 PM IST
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