हैदराबाद: आजकल की भागमभाग भरी जिंदगी में लोग सभी चीजें फौरन और हाथों हाथ चाहते हैं. इसके लिए लोग गूगल मैप का भी सहारा लेते हैं. वहीं, कहीं भी ट्रैवल करना होता है और रास्ता पता नहीं होता तो हम गूगल मैप्स का सहारा लेते हैं. पहले के जमाने में लोग एक दूसरे से रास्ता पूछ लेते थे तो वहीं, आजकल हम बस सर्च बार में लोकेशन डालते हैं और अपने डेस्टिनेशन तक पहुंच जाते हैं. लेकिन क्या आपको what3words एप (What3Words app) के बारे में पता है? what3words एप एक ऐसा ऐप है जिसके बारे में बेहद कम लोग जानते हैं. दुनिया को हम जगहों और उसके नाम से पहचानते हैं लेकिन इस ऐप में सबकुछ स्क्वायर और ग्रिड की मदद से होता है. यानी की आपके आसपास के 3 मीटर की दूरी पर हर लोकेशन का एक कोड है जिसे तीन शब्दों में बांटा गया है. यानी की इंडिया गेट का कोड नेम thrillers.widgets.income है.
ठीक उसी जगह पहुंच सकते हैं
ऐसे में अब आप एप में इस तीन वर्ड्स वाले कोड की मदद से ठीक उसी जगह पहुंच सकते हैं. लेकिन अगर आप ताज महल के बगल में खड़े हैं और अपने दोस्त को बताना चाहते हैं कि मैं ताज महल से 200 मीटर की दूरी पर हूं तो फिर आप सर्च बार में जाकर अपना लोकेशन सेट कर सकते हैं. इसके बाद आपके पास तीन वर्ड्स वाला अलग कोड आएगा जो इस तरह से होगा moats.flinches.upwardly. इसे आप अपने दोस्त के साथ शेयर कर सकते हैं. और फिर आपका दोस्त ताज महल से ठीक 200 की दूरी पर आपके पास पहुंच जाएगा.
लेकिन, अगर आप यही गूगल मैप्स से सर्च करेंगे तो वो सटीक लोकेशन नहीं लेगा और ताज महल ही दिखाएगा. ऐसे में आपका दोस्त आपको ढूंढता रह जाएगा और उसे सही लोकेशन नहीं मिलेगा. इसलिए ये ऐपबहुत फायदेमंद है.
कैसे काम करता है what3words?
what3words (What3Words app) तीन शब्दों वाले कोड पर काम करता है और आपको उस लोकेशन की जानकारी एप के जरिए जनरेट किए गए तीन कोड से देता है जिसे आप स्क्वायर के रूप में सेव कर सकते हैं और फिर उसका इस्तेमाल वहां तक पहुंचने या किसी को बुलाने के लिए कर सकते हैं. ऐप यहां आपको बताता है कि दुनिया में हर तीन मीटर पर एक वर्ड एड्रेस है. यानी की अगर आपके पास स्मार्टफोन है और उसमें जीपीएस है तो आप what3words एप का इस्तेमाल कर सकते हैं. what3words एप (What3Words app) की मदद से आप कहीं भी पहुंच सकते हैं, तो वहीं कोई भी आप तक बिना दिक्कत के पहुंच सकता है.
इस एप के पीछे Chris Sheldrick का दिमाग है. क्रिस को उस वक्त ये आइडिया आया जब वो गलत लोकेशन के चलते परेशान हो गए थे. यानी की अगर आप गांव में रहते हैं और वहां के किसी लोकेशन का नाम नहीं है तो आपके पास कोई सामान नहीं पहुंच सकता, लेकिन अगर आप किसी के साथ भी 3 शब्दों वाले कोड को शेयर करते हैं तो वो व्यक्ति बिना किसी नाम के भी आप तक बिना परेशानी के पहुंच जाएगा.
Emergency में कारगर साबित हो चुका है एप
बता दें कि इस एप (What3Words app) को Emergency सर्विस ने गेम चेंजिंग बताया है. क्योंकि अगर आप 999 डायल करते हैं तो आपसे आपका लोकेशन पूछा जाता है जिसके बाद आप सीधे एक टेक्स्ट मैसेज की मदद से आप उन्हें अपना सही लोकेशन कोड के जरिए भेज सकते हैं और फिर आप तक कोई भी पहुंच सकता है. यानी की अगर आपके साथ दुर्घटना हो गई या आप कहीं फंस गए तो ये एप आपके लिए वरदान साबित हो सकता है.
हो रहा है विवाद
बता दें कि एप को लेकर अब कई सारे विवाद भी हो रहे हैं. यूके में कई इमरजेंसी सर्विसेज इस एप का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में उन्होंने आरोप लगाया है कि, मदद के दौरान एप में कई सारे तीन वर्ड्स वाले कोड एक ही तरह के होते हैं. यानी की अगर उन्हें X लोकेशन तक पहुंचना है तो उनके पास X से जुड़े कई सारे एक जैसे ही लोकेशन दिखाते हैं जिससे वो सही लोकेशन पर नहीं पहुंच पाते हैं और लोगों की मदद नहीं हो पाती. इसपर कंपनी के हेड क्रिस शेल्ड्रिक ने कहा कि, हो सकता है कि आसपास के शब्द एक जैसे हों जिससे कंफ्यूजन हो सकती है लेकिन ऐसा बेहद कम बार होता है.
इससे पहले W3W (What3Words app) एक सिक्योरिटी रिसर्चर पर ये आरोप लगा चुका है कि, उसने कंपनी के ओपन सोर्स प्रोजेक्ट को एक दूसरे रिसर्चर के साथ शेयर किया है. ऐसे में कंपनी ने उसपर केस भी किया है. रिसर्चर ने बताया कि, एप कितना सही इसको टेस्ट करने के लिए उसने इसे शेयर किया. लोग इसका जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं.