रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुए नक्सल हमले में शहीद नेताओं और जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की है. झीरम घाटी शहादत दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि '' झीरम घाटी के शहीदों और पिछले वर्षों में नक्सल हिंसा के शिकार हुए सभी लोगों की स्मृति में वर्ष 2020 से 25 मई को हर वर्ष ’झीरम श्रद्धांजलि दिवस’ मनाया जाता है. जिसमें सभी शासकीय और अर्धशासकीय कार्यालयों में शोक सभा का आयोजन होगा. इसके तहत नक्सल हिंसा में शहीदों की स्मृति में 25 मई को दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी जाएगी. इस दौरान राज्य को पुनः शांति का टापू बनाने के लिए शपथ ली जाएगी.''
झीरम के पीड़ितों को नहीं मिला न्याय : सीएम भूपेश ने इस दौरान कहा कि ''झीरम नक्सली हमले के पीड़ितों को अभी तक न्याय नहीं मिला है.इस बात का अफसोस हमें है,बहुत दुख है.यह हमारे लिए भावात्मक मामला है.न्याय पीड़ित परिवारों और दिवंगत आत्माओं को न्याय मिलना चाहिए.जो अभी तक नहीं हो पाया है.इस बात का दुख हमें जरुर है.''
कांग्रेस की शीर्ष नेताओं की हुई थी हत्या : झीरम घाटी में 25 मई 2013 के दिन कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर नक्सलियों ने धावा बोला था.करीब डेढ़ किलोमीटर तक नक्सलियों ने एंबुश लगाकर कांग्रेसी नेताओं के काफिले को रोका.इसके बाद एक-एक करके सभी नेताओं को गाड़ियों से बाहर निकालकर पहचान जानने के बाद हत्या की गई थी.इस दौरान दोपहर दो बजे से लेकर शाम तक नक्सलियों ने खूनी खेल खेला था. बैकअप टीम आते तक नक्सली अपने नापाक मंसूबों में कामयाब हो चुके थे.
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किन नेताओं की हुई थी हत्या : झीरम घाटी नक्सल हमले में छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल,महेन्द्र कर्मा सहित कई नेता और सुरक्षाबल के जवान शहीद हुए.शहीद नेताओं और जवानों की याद में पहले सुकमा जिले के दरभा घाटी में शहीद स्थल बनाने का संकल्प लिया गया था.लेकिन लोगों की पहुंच और नक्सल क्षेत्र के कारण सुरक्षा की दृष्टि से जगदलपुर में कांग्रेस सरकार ने शहीद स्मारक बनाकर झीरम के शहीदों को श्रद्धांजलि दी है.