ETV Bharat / science-and-technology

टोक्यो: अगली पीढ़ी के एआई उपकरणों के लिए रास्ता खुला - इंटरनेट ऑफ थिंग्स

टोक्यो विश्वविद्यालय में औद्योगिक विज्ञान संस्थान किया गया शोध अगली पीढ़ी के एआई उपकरणों के लिए रास्ता खोल सकता है. शोध के वरिष्ठ लेखक ने बताया कि एआई हमारे रोजमर्रा के जीवन से जुड़ता जा रहा है. यह शोध इंटरनेट ऑफ थिंग्स की दिशा में एक अहम कदम है.

next generation of AI devices
प्रतीकात्मक फोटो
author img

By

Published : Jun 17, 2020, 5:15 AM IST

Updated : Feb 16, 2021, 7:51 PM IST

टोक्यो: टोक्यो विश्वविद्यालय में औद्योगिक विज्ञान संस्थान द्वारा एक शोध किया गया है. इसमें विशेष कंप्यूटर हार्डवेयर की डिजाइनिंग और निर्माण शामिल है. इसका इस्तेमाल आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) के अनुप्रयोगों में किया जाएगा. इस हार्डवेयर में कई मेमोरी मॉड्यूलों का इस्तामाल किया गया है. यह शोध अगली पीढ़ी के एआई उपकरणों के लिए रास्ता खोल सकता है, जिनको कार्य करने के लिए बेहद कम उर्जा की जरूरत पड़ेगी.

मशीन लर्निंग एक प्रकार का एआई है. इसकी मदद से कंप्यूटर को जानकारियां देकर प्रशिक्षित किया जा सकता है, जिसका इस्तामाल करके वह अन्य भविष्यवाणियां या कार्य कर सकता है. उदाहरण के लिए एलेक्सा जैसा स्मार्ट स्पीकर एल्गोरिदम आपके वॉइस कमांड को समझना सीख सकता है. इससे यह तब भी आपको समझ सकता है जब आप इससे कुछ नया पूछते हैं. हालांकि, इस काम में बहुत सारी विद्युतीय उर्जा खर्च होती है. यह पर्यावरण के लिए चिंता का विषय है.

इस शोध में एक नॉन वॉलेटाइन चिप को प्रोसेसर के पास लगाया गया है. जो मशीन लर्निंग की प्रक्रिया को तेज कर देता है और इसमें उर्जा की खपत कम होती है. यह इसलिए क्योंकि पारंपरिक कंप्यूटर हार्डवेयर की तुलना में विद्युत संकेतों कम दूरी तय करनी पड़ती है. इसमें कई चिप लगाए जाते हैं क्योंकि एल्गोरिदम एक साथ कई कार्य कर रहा होता है.

शोध के लेखक जिक्सुआन वू ने बताया कि उनकी मशीन का डिजाइन ऐसा है कि उसमें अतिरिक्त वायरिंग की जरूरत नहीं पड़ती. एक चिप का आउटपुट दूसरी चिप के इनपुस से जुड़ा होता है.

शोध के वरिष्ठ लेखक मासाहारू कोबायाशी ने बताया कि एआई हमारे रोजमर्रा के जीवन से जुड़ता जा रहा है. उर्जा की खपत को कम करने के लिए हमें बेहतर हार्डवेयर की जरूरत होगी. यह शोध इंटरनेट ऑफ थिंग्स की दिशा में एक अहम कदम है.

टोक्यो: टोक्यो विश्वविद्यालय में औद्योगिक विज्ञान संस्थान द्वारा एक शोध किया गया है. इसमें विशेष कंप्यूटर हार्डवेयर की डिजाइनिंग और निर्माण शामिल है. इसका इस्तेमाल आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) के अनुप्रयोगों में किया जाएगा. इस हार्डवेयर में कई मेमोरी मॉड्यूलों का इस्तामाल किया गया है. यह शोध अगली पीढ़ी के एआई उपकरणों के लिए रास्ता खोल सकता है, जिनको कार्य करने के लिए बेहद कम उर्जा की जरूरत पड़ेगी.

मशीन लर्निंग एक प्रकार का एआई है. इसकी मदद से कंप्यूटर को जानकारियां देकर प्रशिक्षित किया जा सकता है, जिसका इस्तामाल करके वह अन्य भविष्यवाणियां या कार्य कर सकता है. उदाहरण के लिए एलेक्सा जैसा स्मार्ट स्पीकर एल्गोरिदम आपके वॉइस कमांड को समझना सीख सकता है. इससे यह तब भी आपको समझ सकता है जब आप इससे कुछ नया पूछते हैं. हालांकि, इस काम में बहुत सारी विद्युतीय उर्जा खर्च होती है. यह पर्यावरण के लिए चिंता का विषय है.

इस शोध में एक नॉन वॉलेटाइन चिप को प्रोसेसर के पास लगाया गया है. जो मशीन लर्निंग की प्रक्रिया को तेज कर देता है और इसमें उर्जा की खपत कम होती है. यह इसलिए क्योंकि पारंपरिक कंप्यूटर हार्डवेयर की तुलना में विद्युत संकेतों कम दूरी तय करनी पड़ती है. इसमें कई चिप लगाए जाते हैं क्योंकि एल्गोरिदम एक साथ कई कार्य कर रहा होता है.

शोध के लेखक जिक्सुआन वू ने बताया कि उनकी मशीन का डिजाइन ऐसा है कि उसमें अतिरिक्त वायरिंग की जरूरत नहीं पड़ती. एक चिप का आउटपुट दूसरी चिप के इनपुस से जुड़ा होता है.

शोध के वरिष्ठ लेखक मासाहारू कोबायाशी ने बताया कि एआई हमारे रोजमर्रा के जीवन से जुड़ता जा रहा है. उर्जा की खपत को कम करने के लिए हमें बेहतर हार्डवेयर की जरूरत होगी. यह शोध इंटरनेट ऑफ थिंग्स की दिशा में एक अहम कदम है.

Last Updated : Feb 16, 2021, 7:51 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.