कानपुर : आईआईटी कानपुर में साइबर सुरक्षा के कोर्सेज में पीएचडीए मास्टर ऑफ साइंस, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री शामिल है. 12वीं क्लास के बाद साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अपना भविष्य देखने वाले स्टूडेंट्स, 2021-22 सेशन से बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी, मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी की डिग्री वाले कोर्स में दाखिला ले सकेंगे. ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट की मेरिट के आधार पर ही मास्टर इन साइंस की पोस्ट ग्रेजुएशन में दाखिला मिलेगा. वहीं पीएचडी में भी परीक्षा की रैंकिंग के आधार पर दाखिला दिया जाएगा.
कोर्स के बारे कुछ अहम जानकारियां:
- अगले साल अप्रैल और मई में इन कोर्सेज के लिए, स्टूडेंट्स आवेदन कर सकेंगे.
- डिजिटल भारत को ध्यान में रख कर इन कोर्सेज को डिजाइन किया गया है.
- इन कोर्सेज को कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग के द्वारा चलाया जाएगा.
आईआईटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. राधाकृष्णन के. कोप्पिलिल ने बताया कि देश में साइबर योद्धाओं की जरूरत है. आईआईटी देश की इस जरूरत पूरा करेगा.
कोर्स के डायरेक्टर प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि साइबर सुरक्षा में एमटेक के छात्रों को वल्नरेबिलिटी असेसमेंट एंड पेनेट्रेशन टेस्टिंग, कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम, जैसी सुरक्षा सिस्टम के बारे में बताया जाएगा. वहीं पीएचडी में साइबर स्पेस रिसर्चर, टेक्नोलॉजी डेवलपर, साइबर स्पेस स्ट्रेटेजिस्ट व टॉप लेवल साइबर स्पेस पॉलिसी डिजाइनर, जैसे कोर्सेज हैं. उन्होंने बताया कि आईआईटी के यह नए कोर्सेज साइबर विशेषज्ञ तैयार करेंगे. इससे देश में साइबर सुरक्षा को मजबूती मिलेगी.
आईआईटी डायरेक्टर प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि कोविड-19 के बाद अब अधिक से अधिक लोग ऑनलाइन व डिजिटल डिवाइसो का उपयोग कर रहे हैं. जिस कारण साइबर सुरक्षा की जरूरत बढ़ी है. इसलिए अब साइबर योद्धा तैयार किए जाएं.
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(इनपुट- आईएएनएस)