वाराणसी : अशोक इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के तीन छात्रों ने एक ग्लेशियर फ्लड अलार्म सेंसर विकसित किया है, जो किसी भी प्राकृतिक आपदा से पहले लोगों को सचेत करेगा.
अलार्म विकसित करने वाले छात्रों में से एक छात्रा, अनु सिंह ने बताया कि उत्तराखंड आपदा में बहुत सारे लोगों ने अपनी जान गंवाई. हमने यह सेंसर विकसित किया है ताकि लोगों को ऐसी आपदाओं से पहले सतर्क किया जा सके. इस सेंसर का अलार्म, बांध या ग्लेशियर के पास रखा जाएगा और इसका रिसीवर राहत केंद्र में होगा. अभी इस अलार्म की रेंज 500 मीटर है. हम सेंसर की रेंज बढ़ाने पर काम कर रहे हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि यह एक रिचार्जेबल सेंसर है और एक बार चार्ज करने पर यह छह महीने तक काम करता है. एक सेंसर अलार्म को विकसित करने की कुल लागत 7,000 रुपये से 8,000 रुपये है.
अशोक इंस्टीट्यूट रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल के प्रभारी श्याम चौरसिया ने कहा कि यह सेंसर अलार्म हजारों लोगों की जान बचाने में मदद करेगा. यह हिमस्खलन, बादल फटने, बाढ़ आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के मामले में लोगों को सतर्क करेगा.
क्षेत्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक महादेव पांडे ने कहा कि पूर्वानुमान की कमी के कारण प्राकृतिक आपदाओं में बहुत सारे लोगों की जान चली जाती है. इसे ग्लेशियर सेंसर अलार्म की मदद से रोका जा सकता है. यह मानवता के लिए एक बड़ा वरदान साबित होगा.
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