नई दिल्ली: दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी आईबीएम ने स्वचालित क्लाउड डेटा सुरक्षा और अनुपालन देने वाली पोलर सिक्योरिटी का अधिग्रहण किया है. रिपोर्ट्स ने दावा किया है कि आईबीएम ने यह सौदा लगभग 60 मिलियन डॉलर में किया है. पोलर सिक्योरिटी डेटा सुरक्षा प्रबंधन (डीएसपीएम) एक उभरता हुआ सिक्योरिटी सेगमेंट है. जो कि जनवरी 2021 में स्थापित हुआ था, यह बताता है कि सेंसिटिव डाटा कहां स्टोर है, इसका एक्सेस किसके पास है या इसका उपयोग कैसे किया जाता है और कैसे यह कमजोरियों की पहचान करता है.
आईबीएम ने कहा कि वह प्रमुख डेटा सिक्योरिटी प्रोडक्ट के अपने 'गार्डियम' फैमिली के अंदर पोलर सिक्योरिटी की डीएसपीएम टेक्नोलॉजी को एकीकृत करने की योजना बना रहा है. आईबीएम सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट दिनेश निर्मल ने कहा, इस एकीकरण के साथ, आईबीएम सिक्योरिटी गार्डियम सुरक्षा टीमों को एक डेटा सुरक्षा प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा. जो सभी स्टोरेज स्थानों एसएएएस में, परिसर में और सार्वजनिक क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर में सभी डेटा टाइप्स को फैलाता है.
इस साल आईबीएम का यह पांचवां अधिग्रहण है. अप्रैल 2020 में अरविंद कृष्णा के सीईओ बने. जिसके बाद आईबीएम ने अपने हाइब्रिड क्लाउड और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की क्षमताओं को मजबूत करते हुए 30 से अधिक कंपनियों का अधिग्रहण किया है. पोलर सिक्योरिटी स्वचालित रूप से क्लाउड सेवा प्रदाताओं, एसएएएस प्रोपर्टीज और डेटा लेक के अंदर संरचित और असंरचित संपत्तियों के साथ ही क्लाउड पर अज्ञात और संवेदनशील डेटा पा सकती है. एक बार खोजने के बाद, यह डेटा को वर्गीकृत करता है और उस डेटा के संभावित और वास्तविक प्रवाह को मैप करता है साथ ही कमजोरियों की भी पहचान करता है.
आईबीएम ने कहा जोखिम-आधारित प्राथमिकता पद्धति के आधार पर, पोलर सिक्योरिटी सुधारात्मक रिपोर्ट प्रदान करती है. जो सबसे अधिक दबाव वाले सुरक्षा जोखिमों और अनुपालन उल्लंघनों को इंगित करती है और अंतर्निहित कारणों का विश्लेषण और उनके समाधान करने के लिए व्यावहारिक सिफारिशें प्रदान करती है.
..आईएएनएस