सूरत: स्मार्ट मटेरियल सेफ मेमरी एनोईस (Safe Memory Annois) से आने वाले दिनों में हार्ट ब्लॉकेज, वाहन खराब होने की समस्या दूर हो जाएगी. इलेक्ट्रिक वाहनों की क्षमता दोगुनी होगी. वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय (Veer Narmad South Gujarat University) भौतिकी विभाग में इस विशेष परियोजना को आधिकारिक तौर पर बौद्धिक संपदा भारत द्वारा पेटेंट के रूप में अनुमोदित किया गया है.
विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर डॉ. ईश्वर बी. डॉ पटेल के मार्गदर्शन में तेजल रावल ने थर्मोइलेक्ट्रिक हिट इंजन (Thermoelectric heat engine) पर शोध कि और 16 मई-2018 को पेटेंट दर्ज कराया. डॉ. तेजल रावल विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं और वर्तमान में कनाडा में प्रिंस एडवर्ड इंग्लैंड विश्वविद्यालय में भौतिकी के सहायक प्रोफेसर के रूप में काम कर रही हैं. संशोधन से वर्तमान में बाजार में आ रहे इलेक्ट्रिक वाहनों में बैटरी की दक्षता को दोगुना कर सकते है. इसके अलावा, इस डिजाइन का उपयोग कई जगहों पर किया जा सकता है. वाहन ही नहीं हृदय रोगियों में ब्लोकेज को दूर करने के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है.
उन्होंने कहा, इसी तरह स्प्रिंग्स की एक और संपत्ति से सुरक्षित परिवर्तन किया जा है. सेफ मेमरी स्प्रिंग द्वारा सेफ चेंज के विचार से स्प्रिंग विकसित और डिजाइन किए गए एनोइस के रूप में काम करती है. ताकि यह काम अपने आप हो जाए. यह इसमें कुछ वोल्टेज लगाने से काम करता है और अगर एक बार वोल्टेज लगाया जाता है तो यह कुछ चक्र विस्तार वाले कंप्रेस के लिए काम करेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रकार के उपकरणों को कई अन्य जगहों जैसे साइकिल आदि में भी चलाया जा सकता है.
"हमारा स्मार्ट मटेरियल जिसे सेफ मेमरी एनोइस कहा जाता है. यह सुरक्षित मेमोरी एनोइस का एक रूप है जो उच्च, निम्न, कमरे के तापमान पर काम कर सकता है. जिसका एक बेहतरीन उदाहरण है हार्ट नो स्टैंड जैसे हृदय के अंदर एक छोटा सूक्ष्म स्तर का स्टैंड रखा जाता है, यदि एक छोटी सी सुई बनाकर नस के अंदर डाली जाए, जहां शरीर का तापमान आता है, जहां रुकावट आती है, तो वह स्वतः ही सीधे स्प्रिंग रूप में परिवर्तित हो जाती है." :-डॉ ईश्वर पटेल, भौतिकीशास्त्र के प्रोफेसर
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