ETV Bharat / science-and-technology

गूगल एंड्रॉइड 11 में एक्सपोजर नोटिफिकेशन से यूजर को मिलेगा नया एक्सपीरियंस

author img

By

Published : Aug 3, 2020, 9:04 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 7:31 PM IST

गूगल ने कहा कि उसने एक्सपोजर नोटिफिकेशन को अपडेट किया है, जिससे अब जब तक कि डिवाइस लोकेशन सेटिंग चालू न हो अन्य सभी एप और सेवाओं को तब तक ब्लूटूथ स्कैनिंग किसी के लोकेशन का पता नहीं लगाया जा सकता.

एक्सपोजर नोटिफिकेशन तकनीक
एक्सपोजर नोटिफिकेशन तकनीक

नई दिल्ली : गूगल ने कहा कि उसने एक्सपोजर नोटिफिकेशन को अपडेट किया है, जिससे अब जब तक कि डिवाइस लोकेशन सेटिंग चालू न हो अन्य सभी एप और सेवाओं को तब तक ब्लूटूथ स्कैनिंग से किसी के लोकेशन का पता नहीं लगाया जा सकता.

एक्सपोजर नोटिफिकेशन एप (जिसे पहले कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग एप कहा जाता था) सरकारों और स्वास्थ्य एजेंसियों को कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के माध्यम से कोविड -19 के प्रसार को कम करने में मदद करते है और इसके लिए ब्लूटूथ तकनीक का उपयोग किया जाता है.

एक्सपोजर नोटिफिकेशन तकनीक
एक्सपोजर नोटिफिकेशन तकनीक

गूगल के इंजीनियरिंग उपाध्यक्ष डेव बर्क ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि ENS को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि न तो सिस्टम और न ही इसका उपयोग करने वाले एप ब्लूटूथ स्कैनिंग के माध्यम से डिवाइस लोकेशन का पता लगा सकते हैं और ईएनएस का उपयोग करने की अनुमति देने वाले एप अतिरिक्त नीतियों के अधीन हैं, जो स्थान के स्वत: संग्रह को बाधित करते हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, गूगल एंड्रॉइड11 को 8 सितंबर को जनता के लिए रिलीज करने की तैयारी कर रहा है.

एपल और गूगल ने साथ मिलकर कोरोना वायरस से निपटने के लिए खास तकनीक को लॉन्च किया था, जिसका नाम एक्सपोजर नोटिफिकेशन एपीआई कॉन्टैक्ट ट्रैसिंग है.

यह तकनीक अब एंड्रॉयड और आईफोन यूजर्स के लिए एक्सपोजर नोटिफिकेशन एपीआई तकनीक के जरिए आसानी से कोरोना संक्रमितों की पहचान कर सकेंगे.

इसके अलावा दोनों डिवाइस के यूजर्स को कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने पर नोटिफिकेशन भी मिलेगा.

आज तक, सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने ईएनएस का उपयोग अफ्रीका और एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के 16 देशों और क्षेत्रों में लॉन्च करने के लिए किया है, जिसमें वर्तमान में अधिक एप्लिकेशन हैं.

पढ़ें - फेसबुक मैसेंजर में आया स्क्रीन शेयरिंग फीचर, देख सकेंगे दोस्तों की फोन स्क्रीन

जब जोखिम का पता चलता है, तो एपीआई से तकनीकी जानकारी के आधार पर उस जोखिम से जुड़े जोखिम के स्तर को निर्धारित करने में सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों के पास अब अधिक लचीलापन होगा.

गूगल ने कहा कि आस-पास के सैकड़ों उपकरणों के लिए ब्लूटूथ अंशांकन मूल्यों को अपडेट किया गया है.

हमने उपयोगकर्ताओं के लिए स्पष्टता, पारदर्शिता और नियंत्रण में सुधार किया है. उदाहरण के लिए, एंड्रॉइड पर एक्सपोजर अधिसूचना सेटिंग्स में अब पृष्ठ के शीर्ष पर एक सरल / बंद टॉगल शामिल है.

नई दिल्ली : गूगल ने कहा कि उसने एक्सपोजर नोटिफिकेशन को अपडेट किया है, जिससे अब जब तक कि डिवाइस लोकेशन सेटिंग चालू न हो अन्य सभी एप और सेवाओं को तब तक ब्लूटूथ स्कैनिंग से किसी के लोकेशन का पता नहीं लगाया जा सकता.

एक्सपोजर नोटिफिकेशन एप (जिसे पहले कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग एप कहा जाता था) सरकारों और स्वास्थ्य एजेंसियों को कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के माध्यम से कोविड -19 के प्रसार को कम करने में मदद करते है और इसके लिए ब्लूटूथ तकनीक का उपयोग किया जाता है.

एक्सपोजर नोटिफिकेशन तकनीक
एक्सपोजर नोटिफिकेशन तकनीक

गूगल के इंजीनियरिंग उपाध्यक्ष डेव बर्क ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि ENS को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि न तो सिस्टम और न ही इसका उपयोग करने वाले एप ब्लूटूथ स्कैनिंग के माध्यम से डिवाइस लोकेशन का पता लगा सकते हैं और ईएनएस का उपयोग करने की अनुमति देने वाले एप अतिरिक्त नीतियों के अधीन हैं, जो स्थान के स्वत: संग्रह को बाधित करते हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, गूगल एंड्रॉइड11 को 8 सितंबर को जनता के लिए रिलीज करने की तैयारी कर रहा है.

एपल और गूगल ने साथ मिलकर कोरोना वायरस से निपटने के लिए खास तकनीक को लॉन्च किया था, जिसका नाम एक्सपोजर नोटिफिकेशन एपीआई कॉन्टैक्ट ट्रैसिंग है.

यह तकनीक अब एंड्रॉयड और आईफोन यूजर्स के लिए एक्सपोजर नोटिफिकेशन एपीआई तकनीक के जरिए आसानी से कोरोना संक्रमितों की पहचान कर सकेंगे.

इसके अलावा दोनों डिवाइस के यूजर्स को कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने पर नोटिफिकेशन भी मिलेगा.

आज तक, सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने ईएनएस का उपयोग अफ्रीका और एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के 16 देशों और क्षेत्रों में लॉन्च करने के लिए किया है, जिसमें वर्तमान में अधिक एप्लिकेशन हैं.

पढ़ें - फेसबुक मैसेंजर में आया स्क्रीन शेयरिंग फीचर, देख सकेंगे दोस्तों की फोन स्क्रीन

जब जोखिम का पता चलता है, तो एपीआई से तकनीकी जानकारी के आधार पर उस जोखिम से जुड़े जोखिम के स्तर को निर्धारित करने में सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों के पास अब अधिक लचीलापन होगा.

गूगल ने कहा कि आस-पास के सैकड़ों उपकरणों के लिए ब्लूटूथ अंशांकन मूल्यों को अपडेट किया गया है.

हमने उपयोगकर्ताओं के लिए स्पष्टता, पारदर्शिता और नियंत्रण में सुधार किया है. उदाहरण के लिए, एंड्रॉइड पर एक्सपोजर अधिसूचना सेटिंग्स में अब पृष्ठ के शीर्ष पर एक सरल / बंद टॉगल शामिल है.

Last Updated : Feb 16, 2021, 7:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.