नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान कहा, "चार्जर और मोबाइल फोन्स के कुछ पार्ट्स पर छूट वापस लेने से स्मार्टफोन्स के स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन तेजी से बढ़ा है. अब हम मोबाइल और चार्जर जैसी वस्तुओं का निर्यात कर रहे हैं."
उन्होंने कहा, "अधिक घरेलू मूल्य को बढ़ाने के लिए, हम चार्जर के कुछ पार्ट्स और मोबाइल फोन्स के छोटे पुर्जो पर कुछ छूट वापस ले रहे हैं. अब मोबाइल के कुछ पार्ट्स के दाम 'शून्य' से 2.5 प्रतिशत की दर तक बढ़ जाएंगे."
'मेक इन इंडिया' मोबाइल फोन्स और इलेक्ट्रॉनिक्स के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने मोबाइल चार्जर और फोन के कुछ छोटे पुर्जो पर 10 प्रतिशत तक आयात शुल्क बढ़ाने की घोषणा की है.
सेल्यूलर मोबाइल फोन्स के बैक कवर और साइड कीज जैसे पार्ट्स में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की दर को शून्य से 10 प्रतिशत कर दिया गया है.
प्रोफेसर एन.के. गोयल, अध्यक्ष, एमेरिटस, टीमा(टेलीकॉम डिवाइस मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन), इंडिया ने कहा, "मोबाइल पर 2.5% की अतिरिक्त ड्यूटी 'मेक इन इंडिया' मोबाइल फोन्स और इलेक्ट्रॉनिक्स को बढ़ावा देगी. यह फोन्स के निर्माण के लिए उपयोग किए जाने वाले मटेरियल्स के कुल बिल का 0.1 से 0.3% होगी."
सेल्यूलर मोबाइल फोन्स के चार्जर या एडॉप्टर के प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (पीसीबीए) के इनपुट और प्लास्टिक के पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी शून्य से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दी गई है.
चार्जर और मोबाइल फोन्स के कुछ पार्ट्स के लिए नए कस्टम ड्यूटी स्लैब दो फरवरी से लागू हो जाएगें.
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्टर तरुण पाठक ने बताया, "इस बजट में, इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्माण पर खासकर ध्यान केंद्रित किया गया है. छोटे-छोटे पार्ट्स के शुल्क में वृद्धि, इनके स्थानीय उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक सराहनीय प्रयास है."
पाठक ने यह भी कहा, "हम भविष्यवाणी करते हैं कि मोबाइल फोन्स की कीमतों में 3-4 प्रतिशत की बढ़ोतरी संभव है."
केंद्र ने पहले ही विशेष रूप से मोबाइल फोन्स निर्माण और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की है, ताकि आयात पर अंकुश लगाया जा सके.
पिछले साल अक्टूबर में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने पीएलआई योजना के तहत, भारत में मोबाइल फोन्स के निर्माण के लिए अंतर्राष्ट्रीय आवेदकों के आवेदन को मंजूरी दी थी. इसमें सैमसंग, फॉक्सकॉन होन हेई, पेगाट्रॉन, राइजिंग स्टार और विस्ट्रॉन शामिल थे.
योजना के तहत मोबाइल फोन्स निर्माण के लिए स्वीकृत घरेलू कंपनियों में लावा, भगवती (माइक्रोमैक्स), पैडगेट इलेक्ट्रॉनिक्स, यूटीएल नियोलिंक और ऑप्टिमस इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं.
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इनपुट-आईएएनएस