बीजिंगः एआई में इनोवेशन के लिए, चीन की एआई से संबंधित एजेंसियां तमाम संसाधन मुहैया करवा रही हैं, साथ ही रिसर्च और डिवेलपमेंट पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है. चीन विश्व का प्रमुख एआई इको-सिस्टम तैयार करने के लिए टैलेंट, रिसर्च और पूंजी के साथ बड़ी मात्रा में डेटा को जोड़ने पर जोर दे रहा है.
चीन ने साल 2017 में ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास की योजना पर काम करना शुरु कर दिया था. यह चीन की मेड इन चाइना 2025 योजना का भी हिस्सा है. इसके साथ ही चीन इसे अपनी डिजिटल सिल्क रोड योजना से भी जोड़ रहा है. चीन सरकार हर प्रांत, शहर व नगरपालिका को एआई का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.
ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि चीन इस क्षेत्र में दुनिया को राह दिखाने का काम कर रहा है. इन योजनाओं के साथ, चीन का उद्देश्य दुनिया की प्रमुख आर्थिक शक्ति बने रहना और अपने नागरिकों का जीवन खुशहाल बनाना है.
चीन के पास अब एक कुशल स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है, जिस पर तमाम छोटी एआई कंपनियां स्थापित हो रही हैं. चीन में एआई स्टार्ट-अप्स की स्थापना, स्केलिंग और बढ़ोतरी के लिए, सरकार और निजी दोनों क्षेत्र निवेश करने में लगे हैं.
थ्येनचिन और शांगहाई जैसे शहर इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं. इन शहरों में अरबों डॉलर के एआई शहर वेंचर कैपिटल फंड लॉन्च किए जा चुके हैं. यहां तक की एआई कंपनियों के लिए बड़े क्षेत्र तैयार किए गए हैं. वहीं अन्य शहर भी एआई तकनीक का इस्तेमाल करने में रुचि दिखा रहे हैं.
इस क्षेत्र में चीन द्वारा उठाए जा रहे कदमों को विभिन्न जगहों पर इस्तेमाल किया गया है. जिनमें अस्पताल, ऑटो इंडस्ट्री, होटल, बैंक व तकनीकी कंपनियों आदि शमिल है एआई के द्वारा बनाए गए चालक रहित कार, स्मार्ट कारें व रोबोट, चीन में इनोवेशन का प्रतीक बन रहे हैं.
वहीं इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) और इन्सपुर ग्रुप की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल चीन का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बाजार लगभग 6.27 अरब डॉलर तक पहुंचेगा. जबकि इसके 2024 में 17.22 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद है. ऐसी स्थिति में ग्लोबल आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस मार्केट में चीन की हिस्सेदारी 15 फीसदी से ज्यादा होगी. इस तरह चीन एआई के क्षेत्र में वैश्विक लीडर बनने की दिशा में तेज कदम बढ़ा रहा है.