सैन फ्रांसिस्को : ट्विटर ने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर "अस्थायी रूप से" रेट लिमिट लागू करने के अपने औचक कदम पर स्पष्टीकरण दिया है. कंपनी ने अपने बिजनेस ब्लॉग पर कहा, "हमारे उपयोगकर्ता आधार की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए हमें अपने प्लेटफॉर्म से स्पैम और बॉट्स को हटाने के लिए अत्यधिक उपाय करने होंगे. इसलिए हमने अस्थायी रूप से उपयोग सीमित कर दिया है ताकि हम उन बॉट्स और अन्य बुरे तत्त्वों का पता लगा सकें और उन्हें खत्म कर सकें जो प्लेटफ़ॉर्म को नुकसान पहुंचा रहे हैं."
रेट लिमिट का मतलब यह है कि कंपनी ने एक निश्चित समयांतराल में एक किसी अकाउंट से होने वाले ट्वीट की संख्या सीमित कर दी है. इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि बुरे तत्त्वों को इन कार्यों के बारे में पहले से पता होता, तो वे पहचाने जाने से बचने के लिए अपना व्यवहार बदल देते. उच्च स्तर पर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) मॉडल बनाकर लोगों के सार्वजनिक ट्विटर डेटा को स्क्रैप करने और प्लेटफ़ॉर्म पर लोगों तथा वार्तालाप में विभिन्न तरीकों से हेरफेर करने से रोकने के लिए कंपनी काम कर रही है.
कंपनी ने कहा, "वर्तमान में प्रतिबंध प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करने वाले लोगों मामूली हिस्से को प्रभावित करते हैं. काम पूरा होने पर हम एक अपडेट प्रदान करेंगे." ट्विटर ने यह भी दावा किया कि रेट लिमिट का विज्ञापन पर "न्यूनतम" प्रभाव पड़ा है. इसमें कहा गया है, "हालांकि यह काम कभी पूरा नहीं होगा, हम सब ट्विटर को सभी के लिए एक बेहतर जगह बनाने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध हैं."
स्पष्टीकरण पर टिप्पणी करते हुए, ट्विटर के सीईओ लिंडा याकारिनो ने मंगलवार को कहा, "जब आपके पास ट्विटर जैसा मिशन है - तो आपको प्लेटफॉर्म को मजबूत करने के लिए बड़े कदम उठाने की जरूरत है. यह काम सार्थक और सतत है." ट्विटर के मालिक एलन मस्क ने पिछले सप्ताह कहा था कि उन्होंने डेटा स्क्रैपिंग और सिस्टम हेरफेर को रोकने के लिए एक दिन में कौन कितने पोस्ट पढ़ेगा, इस पर अस्थायी सीमाएं लागू की हैं. उनका स्पष्टीकरण तब आया जब भारत सहित दुनिया भर के लाखों उपयोगकर्ताओं ने उनकी आलोचना की क्योंकि माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफ़ॉर्म को वैश्विक स्तर पर एक बड़ी तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा, जिससे हजारों उपयोगकर्ता प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे थे.
(आईएएनएस)