नई दिल्ली : किराना सामान की ऑनलाइन बिक्री करने वाली कंपनी बिगबास्केट के डेटा में सेंध लगने का अंदेशा है. साइबर इंटेलिजेंस कंपनी साबइल के अनुसार डेटा में सेंध से बिगबास्टकेट के करीब दो करोड़ प्रयोगकर्ताओं का ब्योरा 'लीक' हो गया है.
कंपनी ने इस बारे में बेंगलुरु में साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराई है तथा वह साइबर विशेषज्ञों द्वारा किए गए दावों की पड़ताल कर रही है. साबइल ने कहा है कि एक हैकर ने कथित रूप से बिगबास्केट के डेटा को 30 लाख रुपये में बिक्री के लिए रखा है.
साइबल ने ब्लॉग में कहा कि डार्क वेब की नियमित निगरानी के दौरान साबइल की शोध टीम ने पाया कि साइबर अपराध बाजार में बिगबास्केट का डेटाबेस 40,000 डॉलर में बेचा जा रहा है. एसक्यूएल फाइल का आकार करीब 15 जीबी है जिसमें करीब दो करोड़ प्रयोगकर्ताओं का डेटा है.
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इसमें कहा गया है कि इस डेटा में नाम, ई-मेल आईडी, पासवर्ड हैशेज, संपर्क नंबर (मोबाइल फोन और फोन, पता, जन्मतिथि, स्थान और आईपी पता शामिल है. साइबल ने पासवर्ड का उल्लेख किया है, वहीं कंपनी वन-टाइम पासवर्ड का इस्तेमाल करती है, जो प्रत्येक बार लॉग इन में बदलता है.
बिगबास्केट ने बयान में कहा कि कुछ दिन पहले हमें संभावित डेटा सेंध की जानकारी मिली है. हम इसका आकलन तथा दावे की सत्यता की पुष्टि करने का प्रयास कर रहे हैं. इस बारे में हमने बेंगलुरु के साइबर क्राइम सेल में शिकायत भी दर्ज की है.
क्या होता है डार्क वेब
वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) पर उपलब्ध संपूर्ण सामग्री का केवल 4 प्रतिशत हिस्सा आम लोग सर्च कर सकते हैं, जबकि 96 प्रतिशत हिस्सा छिपा हुआ है. जिसे हम डार्क वेब या डार्क नेट के नाम से जानते हैं.
डार्क वेब डार्कनेट्स, ओवरले नेटवर्क पर मौजूद है, जो इंटरनेट का उपयोग करते हैं. लेकिन एक्सेस करने के लिए विशिष्ट सॉफ्टवेयर, कॉन्फिगरेशन या प्राधिकरण की आवश्यकता होती है.
डार्क वेब को इंटरनेट की 'काली दुनिया' भी कहा जाता है, जहां सभी गैरकानूनी काम होते हैं.