वॉशिंगटन : सन् 1610 में, इटली के खगोलशास्त्री गैलीलियो गैलिली ने अपने टेलिस्कोप से जुपिटर (बृहस्पति) के चार चंद्रमा, आईओ, यूरोपा, गेनीमेड और कैलिस्टो की खोज की थी. इसके अलावा उन्होंने बताया कि सैटर्न (शनि) के चारों ओर छल्ले हैं.
13 साल बाद, 1623 में जुपिटर और सैटर्न, आकाश में एक साथ चले और एक ऐसा समय आया, जहां जुपिटर, सैटर्न से आगे बढ़ गया. जिसे ग्रेट कन्जंक्शन कहा गया. ऐसा माना गया है कि हर 20 साल में एक बार यह ग्रेट कन्जंक्शन होता है.
लेकिन यह साल कुछ खास है, क्योंकि लगभग 400 साल बाद यह ग्रेट कन्जंक्शन हो रहा है. लगभग 800 साल बाद, जुपिटर और सैटर्न को रात के समय आकाश में एक ही लाइन (अलाइंमेंट) में देखा जा सकेगा.
21 तारीख को सूरज के डूबने के तुरंत बाद, दक्षिण-पश्चिम की ओर देखने पर आप इसे देख पाएंगे. इसके लिए आपको किसी उपकरण की जरूरत नहीं है.
इन ग्रहों का सबसे पास का अलाइंमेंट, केवल एक डिग्री के दसवें हिस्से की दूरी पर होगा और कुछ दिनों तक भी रहेगा.
वॉशिंगटन के नासा मुख्यालय के प्लैनेटरी साइंस डिवीजन के एक खगोलशास्त्री हेनरी थ्रूप ने कहा, "इस तरह के कन्जंक्शन, साल के किसी भी दिन हो सकते हैं. इस तरह के ग्रेट कंजंक्शन, इस बात पर निर्भर करते हैं कि ग्रह अपनी कक्षाओं में कहां पर हैं."
जो लोग इस घटना को देखना चाहते हैं, इन बातों का ध्यान रखें-
- एक ऐसी जगह पर जाएं, जहां से आकाश बिल्कुल साफ दिखाई देता है, जैसे- पार्क.
- जुपिटर और सैटर्न काफी ब्राइट (चमकते हुए) हैं, इसलिए उन्हें अधिकांश शहरों से देखा जा सकता है.
- सूरज के डूबने के एक घंटे बाद, दक्षिण-पश्चिम की ओर आकाश को देखें. आप जुपिटर को एक चमकते सितारे की तरह देख पाएंगे.
- जुपिटर के मुकाबले, सैटर्न कम चमकता हुआ दिखेगा. सैटर्न 21 दिसंबर तक जुपिटर के थोड़ा ऊपर, बाईं ओर दिखाई देगा. जब जुपिटर, सैटर्न से आगे निकल जाएगा, तो यह दोनों एक दूसरे की जगह बदल लेंगे.
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