नई दिल्ली : इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने सोमवार को दक्षिण एशियाई बाजार में लोकप्रिय मीडिया प्लेयर वीएलसी से नौ महीने बाद डाउनलोड प्रतिबंध को हटा दिया है. टेकक्रंच (TechCrunch Report) के अनुसार, लोकप्रिय सॉफ्टवेयर डेवलपर, वीडियोलैन (VideoLAN) ने पिछले महीने एक कानूनी नोटिस दायर कर देश के आईटी और दूरसंचार मंत्रालयों से ब्लॉक ऑर्डर के लिए स्पष्टीकरण मांगा था और इसके लिए एक कानूनी नोटिस दायर किया था. Ministry of electronics and it lifted VLC download ban in india . VLC download ban removed .
दिल्ली स्थित वकालत समूह इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन (Internet Freedom Foundation IFF) ने Video LAN को कानूनी सहायता प्रदान की. IFF ने ट्विटर पर लिखा : "जीत! वीएलसी मीडिया प्लेयर की वेबसाइट पर लगे प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया गया है. IFF ने इस पूरी प्रक्रिया के दौरान वीडियोलैन को कानूनी सहायता प्रदान की (What the block) , व्हाट द ब्लॉक." यह प्रतिबंध बिना किसी पूर्व सूचना के और वीडियोलैन को सुनवाई का अवसर दिए बिना लगाया गया था, जो 2009 के ब्लॉकिंग नियमों (2009 Blocking Rules) और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा (Supreme Court case Shreya Singhal vs Union of India) श्रेया सिंघल बनाम भारत संघ में निर्धारित कानून के खिलाफ था. यह अजीब था क्योंकि वीएलसी मीडिया प्लेयर एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है, जिसका इस्तेमाल करीब 8 करोड़ भारतीय करते हैं.
भारत वीएलसी के सबसे बड़े बाजारों में से एक है, और अधिकांश उपयोगकर्ता आधिकारिक वेबसाइट से सॉफ्टवेयर डाउनलोड करते हैं. वीडियोलैन के अध्यक्ष और प्रमुख डेवलपर जीन-बैप्टिस्ट केम्फ ने भारत में अवरोधन के बारे में कहा, अधिकांश प्रमुख आईएसपी (इंटरनेट सेवा प्रदाता) विविध तकनीकों के साथ साइट पर प्रतिबंध लगा रहे हैं. Tech Crunch की रिपोर्ट के अनुसार, अवरोध के आलोक में, साइट ने तुरंत दक्षिण एशियाई बाजार में 80 प्रतिशत की गिरावट देखी. दुनिया भर में 3.5 बिलियन से अधिक डाउनलोड के साथ, वीएलसी एक मीडिया प्लेयर है जिसे संचालित करने के लिए किसी विशेष सेवा के लिए इंटरनेट एक्सेस या कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं है.--आईएएनएस
5G Network : बहुत उम्मीदें हैं 5G से, साथ में कई बाधाएं व लग सकता है लंबा वक्त