बीजिंग : रिपोर्ट के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी द्वारा जारी की गयी जापान के फुकुशिमा में परमाणु दूषित पानी के निपटान पर व्यापक मूल्यांकन रिपोर्ट के बाद परमाणु-दूषित पानी को समुद्र में छोड़े जाने का विरोध जापान और विदेशों में लगातार बढ़ रहा है. इसकी चर्चा में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वनपिन ने 6 जुलाई को आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जापान ने सब से कम आर्थिक लागत वाली समुद्री निर्वहन योजना को चुना, लेकिन परमाणु प्रदूषण का खतरा पूरी दुनिया पर डाल दिया. पैसे को मानव जीवन और स्वास्थ्य से ऊपर रखने वाली इस कार्रवाई को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का विरोध ज़रूर मिलेगा.
रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने हाल ही में कहा कि अमेरिका भविष्य के किसी दिन में दक्षिण कोरिया की यात्रा के लिए एक रणनीतिक परमाणु पनडुब्बी भेजेगा. उनके अलावा दक्षिण कोरिया और अमेरिका इस महीने के अंत में सियोल में परमाणु सलाहकार समूह की पहली बैठक आयोजित करेंगे. इस की चर्चा में वांग वनपिन ने कहा कि चीन इस बात पर ध्यान देता है. रिपोर्ट के अनुसार अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी (आईएईए) ने जापान के फुकुशिमा नाभिकीय प्रदूषित पानी के निपटारे की चतुर्मुखी मूल्यांकन रिपोर्ट जारी की. इसमें कहा गया कि जापान की परमाणु प्रदूषित पानी निकासी योजना अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मापदंड से मेल खाती है और आईएईए जापान की परमाणु प्रदूषित पानी निकासी की दीर्घकालिक निगरानी करेगी.
कोरियाई प्रायद्वीप मुद्दा मूलतः एक राजनीतिक सुरक्षा मुद्दा है. यदि वे प्रायद्वीप पर शांति तंत्र की स्थापना को बढ़ावा देने का सही रास्ता नहीं अपनाते, लेकिन सैन्य निरोध और दबाव के गलत रास्ते से ग्रस्त हैं, तो प्रायद्वीप पर स्थिति तनाव की सुरक्षा दुविधा से छुटकारा पाना मुश्किल होगा. इसके अलावा वांग वनपिन ने इस बात की घोषणा की कि सोलोमन द्वीप के प्रधान मंत्री मनश्शे सोगावरे 9 से 15 जुलाई तक चीन की आधिकारिक यात्रा करेंगे.
(आईएएनएस)