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AI के इस्तेमाल के लिए कितनी तैयार हैं भारतीय कंपनियां - India Artificial Intelligence

AI in India : भारत में एआई अपनाने में धीरे-धीरे प्रगति हो रही है. भारत में 95 प्रतिशत संगठनों के पास पहले से ही एक मजबूत एआई रणनीति मौजूद है या इसे विकसित करने की प्रक्रिया में है.

Just 26% of Indian organisations fully prepared to deploy, leverage AI
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
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By IANS

Published : Nov 16, 2023, 5:00 PM IST

बेंगलुरु : एक रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि भारत में केवल 26 प्रतिशत कंपनियां ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) संचालित प्रौद्योगिकियों को इस्‍तेमाल करने के लिए तैयार हैं. सिस्को के 'एआई रेडीनेस इंडेक्स' के अनुसार, ''भारतीय कंपनियां समय के खिलाफ दौड़ रही हैं क्योंकि सर्वेक्षण में शामिल 75 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके पास अपनी एआई रणनीति को लागू करने के लिए अधिकतम एक वर्ष का समय है अन्यथा इसका व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.''

शोध में पाया गया कि दशकों से एआई अपनाने में धीरे-धीरे प्रगति हो रही है, पिछले वर्ष में सार्वजनिक उपलब्धता के साथ जेनरेटिव एआई में प्रगति प्रौद्योगिकी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों, बदलावों और नई संभावनाओं पर अधिक ध्यान दे रही है. सिस्को के कार्यकारी उपाध्यक्ष और महाप्रबंधक, एप्लिकेशन और मुख्य रणनीति अधिकारी, लिज सेंटोनी ने कहा, "जैसे-जैसे कंपनियां एआई समाधानों को तैनात करने के लिए दौड़ती हैं, उन्हें यह आकलन करना चाहिए कि कहां निवेश की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका बुनियादी ढांचा एआई वर्कलोड की मांगों का सर्वोत्तम समर्थन कर सके.'

'

सेंटोनी ने कहा, "संगठनों को यह भी देखने में सक्षम होना चाहिए कि आरओआई, सुरक्षा और विशेष रूप से जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए एआई का उपयोग कैसे किया जा रहा है." हालांकि, कुछ सकारात्मक खबरें भी हैं. जब एआई रणनीतियों के निर्माण की बात आती है, तो भारत में 95 प्रतिशत संगठनों के पास पहले से ही एक मजबूत एआई रणनीति मौजूद है या इसे विकसित करने की प्रक्रिया में है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 में से आठ (86 प्रतिशत) से अधिक संगठनों को या तो पेससेटर्स या चेजर (पूरी तरह से/आंशिक रूप से तैयार) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जबकि केवल एक प्रतिशत पिछड़े (तैयार नहीं) की श्रेणी में आते हैं. वैश्विक स्तर पर 93 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि एआई का उनके व्यावसायिक संचालन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, यह डेटा गोपनीयता और सुरक्षा के आसपास नए मुद्दे भी उठाता है. निष्कर्षों से पता चला कि जब अपने डेटा के साथ-साथ एआई का लाभ उठाने की बात आती है तो कंपनियों को सबसे अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. वास्तव में 73 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने स्वीकार किया कि ऐसा उनके साइलो में मौजूद डेटा के कारण है.

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बेंगलुरु : एक रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि भारत में केवल 26 प्रतिशत कंपनियां ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) संचालित प्रौद्योगिकियों को इस्‍तेमाल करने के लिए तैयार हैं. सिस्को के 'एआई रेडीनेस इंडेक्स' के अनुसार, ''भारतीय कंपनियां समय के खिलाफ दौड़ रही हैं क्योंकि सर्वेक्षण में शामिल 75 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके पास अपनी एआई रणनीति को लागू करने के लिए अधिकतम एक वर्ष का समय है अन्यथा इसका व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.''

शोध में पाया गया कि दशकों से एआई अपनाने में धीरे-धीरे प्रगति हो रही है, पिछले वर्ष में सार्वजनिक उपलब्धता के साथ जेनरेटिव एआई में प्रगति प्रौद्योगिकी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों, बदलावों और नई संभावनाओं पर अधिक ध्यान दे रही है. सिस्को के कार्यकारी उपाध्यक्ष और महाप्रबंधक, एप्लिकेशन और मुख्य रणनीति अधिकारी, लिज सेंटोनी ने कहा, "जैसे-जैसे कंपनियां एआई समाधानों को तैनात करने के लिए दौड़ती हैं, उन्हें यह आकलन करना चाहिए कि कहां निवेश की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका बुनियादी ढांचा एआई वर्कलोड की मांगों का सर्वोत्तम समर्थन कर सके.'

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सेंटोनी ने कहा, "संगठनों को यह भी देखने में सक्षम होना चाहिए कि आरओआई, सुरक्षा और विशेष रूप से जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए एआई का उपयोग कैसे किया जा रहा है." हालांकि, कुछ सकारात्मक खबरें भी हैं. जब एआई रणनीतियों के निर्माण की बात आती है, तो भारत में 95 प्रतिशत संगठनों के पास पहले से ही एक मजबूत एआई रणनीति मौजूद है या इसे विकसित करने की प्रक्रिया में है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 में से आठ (86 प्रतिशत) से अधिक संगठनों को या तो पेससेटर्स या चेजर (पूरी तरह से/आंशिक रूप से तैयार) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जबकि केवल एक प्रतिशत पिछड़े (तैयार नहीं) की श्रेणी में आते हैं. वैश्विक स्तर पर 93 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि एआई का उनके व्यावसायिक संचालन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, यह डेटा गोपनीयता और सुरक्षा के आसपास नए मुद्दे भी उठाता है. निष्कर्षों से पता चला कि जब अपने डेटा के साथ-साथ एआई का लाभ उठाने की बात आती है तो कंपनियों को सबसे अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. वास्तव में 73 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने स्वीकार किया कि ऐसा उनके साइलो में मौजूद डेटा के कारण है.

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