चेन्नई: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के इनक्यूबेटेड फर्म ने एक स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित किया है जो भारत के 100 करोड़ मोबाइल फोन यूजर को लाभ पहुंचा सकता है. 'BharOS' नामक इस सॉफ्टवेयर को कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ हैंडसेट पर इंस्टॉल किया जा सकता है. यह यूजर के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करता है और 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान है.
BharOS सेवाएं वर्तमान में उन संगठनों को प्रदान की जा रही हैं जिन्हें निजता और सुरक्षा की अत्यधिक आवश्यकताएं हैं जिनके यूजर उन संवेदनशील जानकारियों का नियंत्रण करते हैं जिनके लिए मोबाइल पर प्रतिबंधित ऐप्स पर गोपनीय संचार की आवश्यकता होती है. ऐसे यूजर को निजी 5G नेटवर्क के माध्यम से निजी क्लाउड सेवाएं एक्सेस करने की आवश्यकता होती है.
BharOS को जैंडके ऑपरेशंस प्राइवेट लिमिटेड (जैंडकोप्स) द्वारा विकसित किया गया था, जिसे आईआईटी मद्रास प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन द्वारा विकसित किया गया है, जो आईआईटी मद्रास द्वारा धारा 8 के तहत स्थापित एक (नॉट फॉर प्रॉफिट) कंपनी है. इस फाउंडेशन को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार द्वारा अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणालियों (एनएमआईसीपीएस) पर अपने राष्ट्रीय मिशन के तहत वित्त पोषित किया जाता है. यह भारत को उन कुछ देशों के समकक्ष करने की इच्छा रखता है जिनके पास वर्तमान में ऐसी क्षमताएं हैं.
आज (19 जनवरी 2023) एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारत निर्मित मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम की घोषणा की गई. आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी.कामकोटि ने कहा, 'भरोस सर्विस एक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है, जो भरोसे की बुनियाद पर बना है जो यूजर को केवल उन्हीं ऐप्स को चुनने और उपयोग करने के लिए अधिक स्वतंत्रता, नियंत्रण और लचीलापन प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करता है जो उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप हों. यह अभिनव प्रणाली यूजर को अपने मोबाइल उपकरणों पर सुरक्षा और निजता के बारे में सोच के तरीके में क्रांति लाने का वादा करती है.'
इसके अलावा, प्रोफेसर कामकोटि ने कहा, 'आईआईटी मद्रास हमारे देश में भरोस के उपयोग और अपनाने को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य निजी उद्योग, सरकारी एजेंसियों, सामरिक एजेंसियों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर काम करने की इच्छा रखता है.'
भरोस में नो डिफॉल्ट ऐप्स (एनडीए) सुविधा है. इसका अर्थ है कि यूजर को उन ऐप्स का उपयोग करने के लिए मजबूर नहीं किया जाता है जिनसे वे परिचित नहीं हो सकते हैं या जिन पर वे भरोसा नहीं कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त, यह दृष्टिकोण यूजर को उन परमीशन पर अधिक नियंत्रण रखने की स्वतंत्रता देता है जो उनके डिवाइस पर ऐप्स में उपलब्ध हैं, क्योंकि वे केवल उन ऐप्स को परमीशन देना चुन सकते हैं जिन पर वे अपने डिवाइस पर कुछ सुविधाओं या डेटा तक पहुंचने के लिए भरोसा करते हैं.
इस मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को विकसित करने वाले स्टार्ट-अप, जैंडके ऑपरेशंस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक कार्तिक अय्यर ने आगे विस्तार से बताया, 'इसके अलावा, भरोस नेटिव ओवर द एयर (नोटा) अपडेट प्रदान करता है जो उपकरणों को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है. यूजर को मैन्युअल रूप से प्रक्रिया शुरू करने की आवश्यकता नहीं होती है और नोटा अपडेट अपने आप डिवाइस पर डाउनलोड और इंस्टॉल हो जाते हैं. यह सुनिश्चित करता है कि डिवाइस में हमेशा नवीनतम ऑपरेटिंग सिस्टम कार्यरत है जिसमें नवीनतम सुरक्षा पैच और बग फिक्स शामिल हैं. एनडीए, पास और नोटा के साथ, भरोस सुनिश्चित करता है कि भारतीय मोबाइल फोन भरोसेमंद हैं.'
भरोस संगठन-विशिष्ट प्राइवेट ऐप स्टोर सर्विसेज (पास) से विश्वसनीय ऐप्स तक पहुंच प्रदान करता है. पास उन ऐप्स की क्यूरेटेड लिस्ट तक पहुंच प्रदान करता है, जिन्हें पूरी तरह से जांचा गया है और संगठनों के कुछ सुरक्षा और निजता मानकों को पूरा किया है. इसका मतलब यह है कि यूजर आश्वस्त हो सकते हैं कि वे जो ऐप इंस्टॉल कर रहे हैं वे उपयोग करने के लिए सुरक्षित हैं और किसी भी संभावित सुरक्षात्मक संवेदनशीलता या गोपनीयता संबंधी चिंताओं की पूरी तरह से जांच की गई है.
ये भी पढ़ें-आईआईटी मद्रास लगातार चौथी बार देश का सर्वश्रेष्ठ संस्थान बना