ETV Bharat / science-and-technology

Quantum Code Breaking Algorithm चीन का नया हथियार, जानें क्यों परेशान है अमेरिका

Quantum Code Breaking Algorithm विकसित करने के चीन के दावे के बाद एक बार अमेरिकी विशेषज्ञ चिंतित हैं. चीनी वैज्ञानिकों के दावे के बाद से अमेरिकी विशेषज्ञ चीन के दावे को परखने के प्रयास में लगे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

क्वांटम कोड ब्रेकिंग एल्गोरिथम क्या है (प्रतीकात्मक चित्र )
Quantum Code Breaking Algorithm
author img

By

Published : Jan 12, 2023, 10:50 AM IST

Updated : Jan 12, 2023, 11:19 AM IST

हांगकांगः चीन की एक टीम ने दावा किया है कि उनका नया, क्वांटम कोड-ब्रेकिंग एल्गोरिथम व्यावहारिक क्वांटम कंप्यूटर (Practical Quantum Computer) के पैमाने को कम कर सकता है, जिस पर अमेरिका की भौंहें तन गई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स को बुधवार को यह जानकारी दी. South China Morning Post (साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट) की रिपोर्ट में खुलासा किया है कि सिंघुआ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लॉन्ग गुइलु (Professor Long Guilu of Tsinghua University) के नेतृत्व में टीम ने एक पेपर तैयार किया है, जिसमें कि दावा किया गया है कि इसका नया एल्गोरिदम एक व्यावहारिक क्वांटम कंप्यूटर के पैमाने को 372 क्विबिट तक कम कर सकता है- आईबीएम के osprey (ओस्प्रे) से भी कम है. हालांकि यह पेपर अभी तक प्रकाशित नहीं हुआ है.

Osprey 433 क्विबिट्स के साथ काम करता है और ब्रेकिंग कोड के पास कहीं नहीं है. IBM (आईबीएम) ने पिछले साल नवंबर में नए 433 क्विबिट क्वांटम प्रोसेसर (Qubit Quantum Processor) का अनावरण किया, जिसमें किसी भी सामान्य कंप्यूटर की कम्प्यूटेशनल क्षमता से परे जटिल क्वांटम कंप्यूटेशंस चलाने की क्षमता है. इसे 'IBM Osprey' कहा जाता है. इसमें किसी भी आईबीएम क्वांटम प्रोसेसर की सबसे बड़ी क्विबिट काउंट (Qubit Count) है, जो 2021 में अनावरण किए गए आईबीएम 'ईगल' प्रोसेसर पर 127 क्विबिट को तीन गुना करने से अधिक है.

अमेरिका के क्वांटम विशेषज्ञों में चिंता
रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी वैज्ञानिकों के नए दावे ने अमेरिका के वरिष्ठ सुरक्षा और क्वांटम विशेषज्ञों को चिंतित कर दिया है. अमेरिकी क्रिप्टोग्राफर ब्रूस श्नेयर (American cryptographer Bruce Schneier) ने कहा कि चीनी दावा गंभीरता से लेने वाला है. श्नेयर ने कहा- यह सही नहीं हो सकता है, लेकिन यह स्पष्ट रूप से गलत नहीं है और एक बड़ा सवाल है कि चीन सरकार ने इस शोध को वर्गीकृत क्यों नहीं किया.

ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय (The University of Texas at Austin) में क्वांटम सूचना केंद्र के निदेशक स्कॉट आरोनसन ने कहा कि चीनी शोध पत्र के साथ बड़ी समस्या क्लासिकल कंप्यूटरों पर क्वांटम प्रौद्योगिकी के लाभ को स्पष्ट करने में इसकी विफलता थी. एरोनसन ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा है, मुझे ऐसा लगता है कि आपके लैपटॉप पर क्लासिकल श्नोर के एल्गोरिथम को चलाने की तुलना में यह एक चमत्कार की तरह होगा.

समस्याओं को निपटाने में कारगर
आईबीएम के अनुसार, 'आईबीएम ऑस्प्रे' प्रोसेसर पर एक राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए आवश्यक क्लासिकल बिट्स की संख्या ज्ञात विश्व में परमाणुओं की कुल संख्या से कहीं अधिक है. आईबीएम के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और रिसर्च डायरेक्टर डा. डेरियो गिल ने कहा, नया 433 क्विबिट 'ओस्प्रे' प्रोसेसर हमें उस बिंदु के करीब लाता है जहां क्वांटम कंप्यूटर का इस्तेमाल पहले से न सुलझाई जा सकने वाली समस्याओं से निपटने के लिए किया जाएगा.

(आईएएनएस)

ये भी पढ़ें- IIT-मद्रास ने कैंसर की बीमारी का पता लगाने के लिए बनाई नई योजना

हांगकांगः चीन की एक टीम ने दावा किया है कि उनका नया, क्वांटम कोड-ब्रेकिंग एल्गोरिथम व्यावहारिक क्वांटम कंप्यूटर (Practical Quantum Computer) के पैमाने को कम कर सकता है, जिस पर अमेरिका की भौंहें तन गई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स को बुधवार को यह जानकारी दी. South China Morning Post (साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट) की रिपोर्ट में खुलासा किया है कि सिंघुआ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लॉन्ग गुइलु (Professor Long Guilu of Tsinghua University) के नेतृत्व में टीम ने एक पेपर तैयार किया है, जिसमें कि दावा किया गया है कि इसका नया एल्गोरिदम एक व्यावहारिक क्वांटम कंप्यूटर के पैमाने को 372 क्विबिट तक कम कर सकता है- आईबीएम के osprey (ओस्प्रे) से भी कम है. हालांकि यह पेपर अभी तक प्रकाशित नहीं हुआ है.

Osprey 433 क्विबिट्स के साथ काम करता है और ब्रेकिंग कोड के पास कहीं नहीं है. IBM (आईबीएम) ने पिछले साल नवंबर में नए 433 क्विबिट क्वांटम प्रोसेसर (Qubit Quantum Processor) का अनावरण किया, जिसमें किसी भी सामान्य कंप्यूटर की कम्प्यूटेशनल क्षमता से परे जटिल क्वांटम कंप्यूटेशंस चलाने की क्षमता है. इसे 'IBM Osprey' कहा जाता है. इसमें किसी भी आईबीएम क्वांटम प्रोसेसर की सबसे बड़ी क्विबिट काउंट (Qubit Count) है, जो 2021 में अनावरण किए गए आईबीएम 'ईगल' प्रोसेसर पर 127 क्विबिट को तीन गुना करने से अधिक है.

अमेरिका के क्वांटम विशेषज्ञों में चिंता
रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी वैज्ञानिकों के नए दावे ने अमेरिका के वरिष्ठ सुरक्षा और क्वांटम विशेषज्ञों को चिंतित कर दिया है. अमेरिकी क्रिप्टोग्राफर ब्रूस श्नेयर (American cryptographer Bruce Schneier) ने कहा कि चीनी दावा गंभीरता से लेने वाला है. श्नेयर ने कहा- यह सही नहीं हो सकता है, लेकिन यह स्पष्ट रूप से गलत नहीं है और एक बड़ा सवाल है कि चीन सरकार ने इस शोध को वर्गीकृत क्यों नहीं किया.

ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय (The University of Texas at Austin) में क्वांटम सूचना केंद्र के निदेशक स्कॉट आरोनसन ने कहा कि चीनी शोध पत्र के साथ बड़ी समस्या क्लासिकल कंप्यूटरों पर क्वांटम प्रौद्योगिकी के लाभ को स्पष्ट करने में इसकी विफलता थी. एरोनसन ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा है, मुझे ऐसा लगता है कि आपके लैपटॉप पर क्लासिकल श्नोर के एल्गोरिथम को चलाने की तुलना में यह एक चमत्कार की तरह होगा.

समस्याओं को निपटाने में कारगर
आईबीएम के अनुसार, 'आईबीएम ऑस्प्रे' प्रोसेसर पर एक राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए आवश्यक क्लासिकल बिट्स की संख्या ज्ञात विश्व में परमाणुओं की कुल संख्या से कहीं अधिक है. आईबीएम के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और रिसर्च डायरेक्टर डा. डेरियो गिल ने कहा, नया 433 क्विबिट 'ओस्प्रे' प्रोसेसर हमें उस बिंदु के करीब लाता है जहां क्वांटम कंप्यूटर का इस्तेमाल पहले से न सुलझाई जा सकने वाली समस्याओं से निपटने के लिए किया जाएगा.

(आईएएनएस)

ये भी पढ़ें- IIT-मद्रास ने कैंसर की बीमारी का पता लगाने के लिए बनाई नई योजना

Last Updated : Jan 12, 2023, 11:19 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.