नई दिल्ली : चंद्रमा पर अपने वर्चस्व के लिए विश्व के कई देश चंद्र मिशन पर काम कर रहे हैं. अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग की वकालत की आड़ में चीन की वर्चस्ववादी नीति अब नई आशंकाओं को जन्म दे रही है. चीन अपने चंद्र मिशन से चांद पर कब्जे की तैयारी में है. हाल में प्रकाशित कई मीडिया रिपोर्ट में चीन के इस कदम से अमेरिका की बेचैनी बढ़ गई है. वहीं अमेरिका का एक धड़ा स्पेश रेस में ज्यादा कूदने के खिलाफ है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नासा के शीर्ष अधिकारी ने चेतावनी दी है कि अमेरिका, चीन के साथ अंतरिक्ष में वर्चस्व की कोशिश न करें और चंद्र संसाधनों पर हावी होने से बचने की वकालत कर रहे हैं. नासा के एक प्रशासक बिल नेल्सन, जो कि पूर्व आंतरिक्ष यात्री और फ्लोरिडा के सीनेटर रहे हैं ने अपने एक बयान में चेतावनी दी थी कि चीन आने वाले समय में चंद्रमा के संसाधन समृद्ध क्षेत्रों पर स्वामित्व करने का दावा कर सकता है.
जर्मनी के मीडिया हाउस को दिये बयान में नेल्सन ने कहा है कि हम एक अंतरिक्ष दौड़ में हैं. अगर आने वाले समय में हम चंद्रमा पर जगह पर जगह नहीं पाते हैं. तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए. इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि चीन कभी भी यह कह सकता है कि हम यहां हैं, यह हमारा क्षेत्र है. नेल्सन ने दक्षिण चीन सागर के द्वीपों पर चीनी आक्रमण का हवाला देते हुए कहा है कि बीजिंग ने अपनी क्षेत्रीय महत्वाकांक्षा के प्रमाण के रूप में सैन्य ठिकाने स्थापित किए हैं. यदि आपको संदेह है, तो देखें कि उन्होंने स्प्रैटली द्वीपों के साथ क्या किया है.
बीते 2022 में चीन ने अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत एक Earth Orbiting Space Station की मदद से चांद की परिक्रमा करने वाले और वहां के सैंपल को जमा करने वाली कई योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है. चीन की ओर से 2025 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर Autonomus Lunar Station स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. चीन स्पेस ट्रांसपोर्ट की मदद से चालक दल के साथ चांद पर एक दल भेजने की तैयारी में है. अध्ययन के लिए चीन ने इस दशक के अंत तक चांद पर टाइकोनॉट्स उतारने का लक्ष्य रखा है, इसकी घोषणा चीन की ओर से पहले ही किया जा चुका है. वहीं बता दें कि नासा ने हाल ही में चंद्रमा की तस्वीरों के लिए 26 दिनों वाला आर्टेमिस I मिशन पूरा किया है. इसका मकसद भविष्य में चंद्रमा के बारे में ज्यादा सटीक जानकारी की मदद से चांद पर अपनी गतिविधियों को बढ़ाना है.
ये भी पढ़ें-Pak China Friendship: पाकिस्तान के लिए अंतरिक्ष केंद्र और कई उपग्रह बनाएगा चीन