बीजिंग: चीन के निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने वाले एक अंतरिक्ष यान में सवार तीन अंतरिक्ष यात्रियों ने बुधवार को वहां मौजूद अपने तीन सहकर्मियों से मुलाकात की. इसके साथ ही अंतरिक्ष में पहली बार देश के छह अंतरिक्ष यात्री इकट्ठा हुआ. चीन ने मंगलवार रात अपने निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक अंतरिक्ष यान के जरिये तीन अंतरिक्ष यात्रियों-फी जुनलॉन्ग, डेंग किंगमिंग और झांग लू को रवाना किया था. चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी (सीएमएसए) के अनुसार, शेनझोउ-15 अंतरिक्ष यान को उत्तर-पश्चिमी चीन स्थित जियुक्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से प्रक्षेपित किया गया.
सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक, अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद तीन लोगों ने तीन नए क्रू सदस्यों का गले लगाकर स्वागत किया. उन्होंने एक सामूहिक तस्वीर भी खींची. ये छह अंतरिक्ष यात्री निर्धारित कार्यों के लिए करीब पांच दिन एक साथ मिलकर काम करेंगे. इसके बाद अंतरिक्ष स्टेशन में छह महीने तक रहने वाले पहले के तीन यात्री पृथ्वी पर लौट आएंगे. चीन और अमेरिका के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच बीजिंग के इस साल के अंत तक अपने अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण पूरा करने की उम्मीद है.
निर्माण पूरा होने के बाद चीन अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन रखने वाला एकमात्र देश होगा, क्योंकि रूस का अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) कई देशों की भागीदारी वाला एक प्रोजेक्ट है. इससे पहले चीन ने मंगलवार को अमेरिका के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच अपने निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक अंतरिक्ष यान के जरिए तीन अंतरिक्ष यात्रियों को रवाना किया. शेनझोउ-15 अंतरिक्ष यान को उत्तर-पश्चिमी चीन स्थित जियुक्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से रवाना किया गया.
इसमें तीन अंतरिक्ष यात्री- फी जुनलॉन्ग, डेंग किंगमिंग और झांग लू सवार हैं. सीएमएसए के निदेशक के सहायक जी किमिंग ने मीडिया को बताया कि फी मिशन के कमांडर होंगे. यह प्रक्षेपण 'लॉन्ग मार्च-2एफ' रॉकेट के जरिए किया गया. चालक दल लगभग छह महीने तक कक्षा में रहेगा, एक ऐसी अवधि जिसमें निचली कक्षा में अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है. यह चीन द्वारा अपने अंतरिक्ष स्टेशन के लिए भेजा गया तीसरा मानव मिशन है.
पढ़ें: व्हाट्सएप में आ रहे हैं ये शानदार फीचर्स, यूजर्स को मिलेंगी कई काम की चीजें
निर्माण पूरा होने के बाद चीन अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन रखने वाला एकमात्र देश होगा क्योंकि रूस का अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) कई देशों की एक सहयोगी परियोजना है. चीन द्वारा पूर्व में घोषित योजनाओं के अनुसार, अंतरिक्ष स्टेशन के इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है. चाइना स्पेस स्टेशन (सीएसएस) के रूस निर्मित आईएसएस का एक प्रतिस्पर्धी होने की भी उम्मीद है. पर्यवेक्षकों का कहना है कि आने वाले वर्षों में आईएसएस के सेवानिवृत्त होने के बाद सीएसएस कक्षा में रहने वाला एकमात्र अंतरिक्ष स्टेशन बन सकता है.
पढ़ें: एलन मस्क का दावा, Apple ने ऐप स्टोर से ट्विटर को हटाने की धमकी दी