बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- ISRO ने ‘लैंडर हजार्ड डिटेक्टशन एंड अवॉइडेंस कैमरा’ - LHDAC में कैद की गई चंद्रमा के सुदूर पार्श्व भाग की तस्वीरें सोमवार को जारी कीं. LHDAC को इसरो के अहमदाबाद स्थित प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र ‘स्पेस ऐप्लीकेशंस सेंटर’- SAC ने विकसित किया है. यह कैमरा लैंडिंग के लिहाज से सुरक्षित उन क्षेत्र की पहचान करने में मदद करता है, जहां बड़े-बड़े पत्थर या गहरी खाइयां नहीं होती हैं.
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Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Here are the images of
Lunar far side area
captured by the
Lander Hazard Detection and Avoidance Camera (LHDAC).
This camera that assists in locating a safe landing area -- without boulders or deep trenches -- during the descent is developed by ISRO… pic.twitter.com/rwWhrNFhHB
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— ISRO (@isro) August 21, 2023
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Lunar far side area
captured by the
Lander Hazard Detection and Avoidance Camera (LHDAC).
This camera that assists in locating a safe landing area -- without boulders or deep trenches -- during the descent is developed by ISRO… pic.twitter.com/rwWhrNFhHBChandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 21, 2023
Here are the images of
Lunar far side area
captured by the
Lander Hazard Detection and Avoidance Camera (LHDAC).
This camera that assists in locating a safe landing area -- without boulders or deep trenches -- during the descent is developed by ISRO… pic.twitter.com/rwWhrNFhHB
ISRO के अनुसार, चंद्रयान-3 मिशन के कई लक्ष्यों को हासिल करने के लिए लैंडर में LHDAC जैसी कई अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी मौजूद हैं. चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था और इसका मकसद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की उपलब्धि हासिल करना है. इसरो ने रविवार को कहा कि रोवर के साथ लैंडर मॉड्यूल के 23 अगस्त को शाम तकरीबन छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरने की संभावना है. इसरो ने कहा है कि चंद्रयान-3 मिशन चंद्रमा की सतह पर 23 अगस्त को साफ्ट लैंडिंग ( Chandrayaan 3 Vikram Lander Soft landing) करेगा.इस दौरान उसका सीधा प्रसारण 23 अगस्त को शाम 5.27 बजे से किया जाएगा.
Failure Based Design: ISRO ने चंद्रयान-3 मिशन के लिए चुने गए 'फेलियर बेस्ड डिजाइन' (failure based design ) पर भरोसा जताया है. ISRO के अध्यक्ष S Somnath के अनुसार 'विक्रम' लैंडर का पूरा डिजाइन यह सुनिश्चित करता है कि यह खराबी का सामना करने में सक्षम होगा. Chandrayaan-3 में विफलता-आधारित डिज़ाइन इस बात पर केंद्रित है कि क्या विफल हो सकता है और इसे कैसे सुरक्षित रखा जाए और एक सफल लैंडिंग सुनिश्चित की जाए.भले ही सभी सेंसर विफल हो जाएं और कुछ भी काम न करे, फिर भी Vikram Lander उतर जाएगा. ISRO Chairman S Somnath ने कहा, 'यह मानते हुए कि प्रणोदन प्रणाली अच्छी तरह से काम करती है, इसे इसी तरह डिजाइन किया गया है.
(एक्स्ट्रा इनपुट एजेंसी )