बेंगलुरु: भारत का महत्वाकांक्षी तीसरा चंद्र मिशन 'चंद्रयान-3' सोमवार को कक्षा में नीचे लाए जाने की एक और सफल प्रक्रिया से गुजरने के साथ ही चंद्रमा की सतह के और नजदीक पहुंच गया. बेंगलुरु में स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- ISRO ने बताया कि Chandrayaan 3 अब चंद्रमा की ''निकटवर्ती कक्षा'' में पहुंच गया है. 'चंद्रयान-3' का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था और पांच अगस्त को इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था. इसके बाद छह और नौ अगस्त को Chandrayaan को कक्षा में नीचे लाए जाने की दो प्रक्रियाओं को अंजाम दिया गया.
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Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) July 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
The orbit-raising maneuver (Earth-bound perigee firing) is performed successfully from ISTRAC/ISRO, Bengaluru.
The spacecraft is expected to attain an orbit of 127609 km x 236 km. The achieved orbit will be confirmed after the observations.
The next… pic.twitter.com/LYb4XBMaU3
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The spacecraft is expected to attain an orbit of 127609 km x 236 km. The achieved orbit will be confirmed after the observations.
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— ISRO (@isro) July 25, 2023
The orbit-raising maneuver (Earth-bound perigee firing) is performed successfully from ISTRAC/ISRO, Bengaluru.
The spacecraft is expected to attain an orbit of 127609 km x 236 km. The achieved orbit will be confirmed after the observations.
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ISRO ने ट्वीट किया, ''Chandrayaan 3 को चंद्रमा की सतह के नजदीक लाने की प्रक्रिया शुरू. आज की गई प्रक्रिया के बाद चंद्रयान-3 की कक्षा घटकर 150 किमी x 177 किमी रह गई है.'' उसने बताया कि अगली प्रक्रिया को 16 अगस्त को सुबह करीब साढ़े आठ बजे अंजाम दिए जाने की योजना है. इसरो ने अभियान के आगे बढ़ने पर चंद्रयान-3 की कक्षा धीरे-धीरे घटानी शुरू की तथा उसे चंद्र ध्रुव के समीप लाने की प्रक्रियाओं को अंजाम दिया.
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ISRO के सूत्रों के अनुसार, Chandrayaan 3 को 100 किमी की कक्षा तक पहुंचाने के लिए एक और प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा जिसके बाद लैंडर और रोवर से युक्त 'लैंडिंग मॉड्यूल' आगे की प्रक्रिया के तहत 'प्रॅपल्शन मॉड्यूल' से अलग हो जाएगा. इसके बाद, लैंडर के 'डीबूस्ट' (धीमे होने की प्रक्रिया) से गुजरने और 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' करने की उम्मीद है.
(आईएएनएस)