नई दिल्ली : लगभग 237 साइबर उल्लंघनों की घटनाओं ने 2020 में वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को प्रभावित किया है, जबकि इस साल फरवरी 2021 तक ही 56 और ऐसे मामलों का खुलासा हो चुका है. साइबर सिक्योरिटी कंपनी टेनेबल की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.
यानी पिछले 14 महीने की अवधि के दौरान कुल 293 साइबर उल्लंघनों की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं और 57.34 प्रतिशत मामलों का सार्वजनिक रूप से खुलासा हुआ.
डाटा में इस बात का भी पता चला है कि 2020 में 10 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य सेवा (हेल्थकेयर) रिकॉर्ड सामने आए, जबकि 2021 के पहले दो महीनों में ही 28.6 लाख रिकॉर्ड का खुलासा किया गया है.
- रैंसमवेयर को स्वास्थ्य संबंधी उल्लंघनों के सबसे प्रमुख मूल कारण के रूप में रिपोर्ट किया गया है, जो कि 54.95 प्रतिशत रहा है.
- रयूक सबसे अधिक इस्तेमाल किए गए रैंसमवेयर में शामिल रहा, और कुल रैंसमवेयर में से इसकी साइबर उल्लंघनों का प्रतिशत 8.64 दर्ज किया गया.
- इसके बाद मेज (6.17 प्रतिशत), कोंटी (3.7 प्रतिशत) और रेविल/सोंडिनोकीबी (3.09 प्रतिशत) का स्थान रहा।
- अन्य प्रमुख कारणों में ईमेल कोम्प्रोमाइज/फिशिंग (21.16 प्रतिशत), अंदरूनी खतरे (7.17 प्रतिशत) और असुरक्षित डेटाबेस (3.75 प्रतिशत) शामिल रहे हैं.
टेनेबल के सिक्योरिटी रिस्पांस मैनेजर रिओ क्विनलान ने एक बयान में माना कि जिस तरह से कोविड-19 महामारी वैश्विक स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे पर अभूतपूर्व दबाव डाल रही है, इस समय सेंधमारी करने वाले हमलावर भी इस मौके को भुना रहे हैंय
टेनेबल ने स्वास्थ्य क्षेत्र को सचेत करते हुए कहा है कि स्वास्थ्य संगठनों को अपने संगठन को लक्षित करने और प्रभावित करने की संभावना और कमजोरियों की पहचान करके इसका निवारण करना चाहिए.
पढ़ेंः ट्रांजेक्शन हिस्ट्री और गतिविधि रिकॉर्ड को देख और मिटा सकते हैं गूगल पे यूजर्स
(इनपुट-आईएएनएस)