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डॉक्टरों की हड़ताल से AIIMS के मरीज परेशान, बोले- हमारी बात कोई सुनने को तैयार नहीं - DELHI

एम्स में उपचार कराने आए मरीजों ने ईटीवी भारत को बताया कि हम यहां उपचार की आस लिए आये थे. लेकिन यहां डॉक्टर ही हड़ताल पर है. इसकी वजह से कोई भी यहां हमारी बात सुनने को तैयार नहीं हैं. लोगों ने बताया कि यहां पर डॉक्टर के साथ कोई स्टाफ भी हमारी मदद नहीं कर रहा है. अगर हमें पहले जानकारी होती तो हम यहां आते नहीं.

एम्स में मरीजों की सुनने वाला कोई नहीं
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Published : Jun 14, 2019, 10:45 PM IST

नई दिल्ली: कोलकाता में रेजिडेंट डॉक्टर के साथ मारपीट का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इसी कड़ी में शुक्रवार को देश के सबसे बड़े अस्पताल दिल्ली के एम्स में इसका असर देखने को मिल रहा है. बता दें कि एम्स के सभी डॉक्टर पूर्ण रूप से हड़ताल पर हैं.

मरीज की सुनने वाला कोई नहीं
अस्पताल में सिर्फ इमरजेंसी सुविधा ही चालू हैं लेकिन ओपीडी और जिन लोगों को डेट मिली हुई थी. उन्हें मजबूर होकर वापस जाना पड़ रहा है.

एम्स में उपचार कराने आए मरीजों ने ईटीवी भारत को बताया कि हम यहां उपचार की आस लिए आये थे. लेकिन यहां डॉक्टर ही हड़ताल पर है. इसकी वजह से कोई भी यहां हमारी बात सुनने को तैयार नहीं हैं. लोगों ने बताया कि यहां पर डॉक्टर के साथ कोई स्टाफ भी हमारी मदद नहीं कर रहा है. अगर हमें पहले जानकारी होती तो हम यहां आते नहीं.

उचित कदम उठाया जाए

एम्स में मरीजों की सुनने वाला कोई नहीं
आपको बता दें कि एम्स में करीब 700 रेजिडेंट और जूनियर डॉक्टर हैं. जो कि पूर्ण रूप से हड़ताल पर गए हुए हैं. डॉक्टरों की मांग है कि वेस्ट बंगाल में जिस तरीके से घटना हुई है. उसके बाद से हम काफी डरे हुए हैं कल को हमारे साथ कोई ऐसी घटना ना हो जाए इसलिए आज जरूरी है कि उचित कदम उठाया जाए.

नई दिल्ली: कोलकाता में रेजिडेंट डॉक्टर के साथ मारपीट का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इसी कड़ी में शुक्रवार को देश के सबसे बड़े अस्पताल दिल्ली के एम्स में इसका असर देखने को मिल रहा है. बता दें कि एम्स के सभी डॉक्टर पूर्ण रूप से हड़ताल पर हैं.

मरीज की सुनने वाला कोई नहीं
अस्पताल में सिर्फ इमरजेंसी सुविधा ही चालू हैं लेकिन ओपीडी और जिन लोगों को डेट मिली हुई थी. उन्हें मजबूर होकर वापस जाना पड़ रहा है.

एम्स में उपचार कराने आए मरीजों ने ईटीवी भारत को बताया कि हम यहां उपचार की आस लिए आये थे. लेकिन यहां डॉक्टर ही हड़ताल पर है. इसकी वजह से कोई भी यहां हमारी बात सुनने को तैयार नहीं हैं. लोगों ने बताया कि यहां पर डॉक्टर के साथ कोई स्टाफ भी हमारी मदद नहीं कर रहा है. अगर हमें पहले जानकारी होती तो हम यहां आते नहीं.

उचित कदम उठाया जाए

एम्स में मरीजों की सुनने वाला कोई नहीं
आपको बता दें कि एम्स में करीब 700 रेजिडेंट और जूनियर डॉक्टर हैं. जो कि पूर्ण रूप से हड़ताल पर गए हुए हैं. डॉक्टरों की मांग है कि वेस्ट बंगाल में जिस तरीके से घटना हुई है. उसके बाद से हम काफी डरे हुए हैं कल को हमारे साथ कोई ऐसी घटना ना हो जाए इसलिए आज जरूरी है कि उचित कदम उठाया जाए.
Intro:हड़ताल पर डॉक्टर मरीजों को हो रही परेशानी, देखिये ग्राउंड रिपोर्ट

नई दिल्ली: कोलकाता में रेजिडेंट डॉक्टर के साथ मारपीट का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है.इसी कड़ी में शुक्रवार को देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में इसका असर देखने को मिल रहा है.आपको बता दें कि यहां के सीनियर और जूनियर डॉक्टर मिलकर सभी डॉक्टर पूर्ण रूप से हड़ताल पर हैं. सिर्फ इमरजेंसी सुविधा की चालू हैं. लेकिन ओपीडी और जिन लोगों को डेट मिली हुई थी.उन्हें मजबूर होकर वापस जाना पड़ रहा है.इस बाबत एम्स में आए मरीजो से ईटीवी भारत ने उनसे बातचीत की.


Body:यहां उपचार कराने आए मरीजों ने बताया कि हम यहां उपचार की आस लिए आये थे.लेकिन यहां डॉक्टर ही हड़ताल पर हैं.इसकी वजह से कोई भी यहां हमारी बात सुनने को तैयार नहीं हैं. सुबह से यहां भटक रहे हैं. लोगों ने बताया कि यहां पर डॉक्टर के साथ था यहां का कोई भी स्टाफ हमारी मदद नहीं कर रहा हैअगर हमें इस तरीके की पहले जानकारी होती तो हम दूर-दूर से यहां नहीं आते. आपको बता दें कि यहां करीब 700 रेजिडेंट और जूनियर डॉक्टर हैं जो कि पूर्ण रूप से हड़ताल पर हैं.उनकी मांग है कि वेस्ट बंगाल में जिस तरीके से घटना हुई है उसके बाद से हम काफी डरे हुए हैं कल को हमारे साथ कोई ऐसी घटना ना हो जाए इसलिए आज जरूरी है कि उचित कदम उठाया जाए.


Conclusion:फिलहाल यहां पर जिस तरीके से लोगों ने अपना दर्द बयां किया है वह बेहद ही दुख की बात है कि एम्स जैसे बड़े अस्पताल में हड़ताल के बाद लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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