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किराए के मकान का फर्जी दस्तावेज बनाकर लिया करोड़ों का लोन, आरोपी गिरफ्तार

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Published : Nov 30, 2020, 2:06 AM IST

Updated : Nov 30, 2020, 9:40 AM IST

सूरजमल विहार में एक मकान किराए पर लेकर फर्जी दस्तावेज के आधार पर कई बैंकों और फाइनेंस कंपनियों से लोन लेने वाले एक शख्स को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है.

Economic Offence Wing of Delhi Police arrested fake loan taker
दिल्ली पुलिस

नई दिल्ली: दिल्ली के सूरजमल विहार में एक मकान किराए पर लेकर फर्जी दस्तावेज के आधार पर कई बैंकों और फाइनेंस कंपनियों से लोन लेने वाले एक शख्स को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी की पहचान सुनील आनंद के तौर पर की गई है.

किराए के मकान का फर्जी दस्तावेज बनाकर लिया करोड़ों का लोन

लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी को पुलिस टीम ने शनिवार को गिरफ्तार किया था. इसके खिलाफ साल 2017 में मकान मालकिन रीता बब्बर ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर करोड़ों रुपए लोन लेने का मामला दर्ज करवाया था.

पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया था कि उन्होंने सूरजमल विहार में डी-117 को राहुल शर्मा, सचिन शर्मा और मांगे राम शर्मा को किराए पर रहने के लिए दिया था. बाद में इस मकान को लंबे समय के लिए लीज पर दिया था. उसके बाद आरोपी ने खेल शुरू कर दिया और करोड़ों रुपए की लोन फर्जी दस्तावेज के आधार पर ले ली.

6 करोड़ 70 लाख का लिया लोन

आर्थिक अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा ने रविवार को बताया कि साल 2015 में कृष्णा नगर लाल क्वार्टर में रहने वाली रीता बब्बर की शिकातय पर जब छानबीन शुरू की गई तो, पता चला कि आरोपी ने उन से किराए पर मकान लिया था. उसका रेंट एग्रीमेंट समाप्त होने के बाद साल 2016 तक लीज पर मकान को दे दिया गया था पर जुलाई 2016 में उनके पति के पास एक फोन आया, जो कि एक निजी फाइनसेंस कंपनी की ओर से किया गया था. उन्हें बताया गया कि उनकी डी-117 नंबर मकान पर राहुल शर्मा ने सवा दो करोड़ रुपए का लोन लिया है.

वहीं छानबीन में पुलिस टीम को पता चला कि इसके साथ ही आरोपी ने एक्सिस बैंक और अन्य कंपनियों से लोन लिया है. सूरजमल स्थित मकान नंबर डी-117 पर आरोपी ने कुल 6 करोड़ 70 लाख रुपए का लोन लिया था. इसके लिए जो दस्तावेज दिए गए थे, सभी फर्जी तौर पर बनाए गए थे.


आरोपी का असली नाम है सुनील आनंद

संयुक्त आयुक्त ने जब दस्तावेज की गहनता से छानबीन की गई तो पता चला कि आरोपी का असली नाम सुनील आनंद है. उसने रीता बब्बर की फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवा लिया था. इसके साथ ही उसने अपने पिता के नाम का भी इस्तेमाल फर्जी तरीके से किया था. इसके साथ ही उसने दीपक बब्बर, नितिन शर्मा, संजय अवध के नाम से दस्तावेज बनाया हुआ था, जिसके आधार पर बैंक और फाइनेंस कंपनियों को चूना लगा रहा था. ओपी मिश्रा ने बताया कि इसी बीच टीम को सूचना मिली कि चूना लगाने वाले का असली नाम सुनील आनंद है. पुलिस ने सूचना के आधार पर शनिवार को सुनील आनंद को गिरफ्तार कर लिया.

नई दिल्ली: दिल्ली के सूरजमल विहार में एक मकान किराए पर लेकर फर्जी दस्तावेज के आधार पर कई बैंकों और फाइनेंस कंपनियों से लोन लेने वाले एक शख्स को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी की पहचान सुनील आनंद के तौर पर की गई है.

किराए के मकान का फर्जी दस्तावेज बनाकर लिया करोड़ों का लोन

लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी को पुलिस टीम ने शनिवार को गिरफ्तार किया था. इसके खिलाफ साल 2017 में मकान मालकिन रीता बब्बर ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर करोड़ों रुपए लोन लेने का मामला दर्ज करवाया था.

पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया था कि उन्होंने सूरजमल विहार में डी-117 को राहुल शर्मा, सचिन शर्मा और मांगे राम शर्मा को किराए पर रहने के लिए दिया था. बाद में इस मकान को लंबे समय के लिए लीज पर दिया था. उसके बाद आरोपी ने खेल शुरू कर दिया और करोड़ों रुपए की लोन फर्जी दस्तावेज के आधार पर ले ली.

6 करोड़ 70 लाख का लिया लोन

आर्थिक अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा ने रविवार को बताया कि साल 2015 में कृष्णा नगर लाल क्वार्टर में रहने वाली रीता बब्बर की शिकातय पर जब छानबीन शुरू की गई तो, पता चला कि आरोपी ने उन से किराए पर मकान लिया था. उसका रेंट एग्रीमेंट समाप्त होने के बाद साल 2016 तक लीज पर मकान को दे दिया गया था पर जुलाई 2016 में उनके पति के पास एक फोन आया, जो कि एक निजी फाइनसेंस कंपनी की ओर से किया गया था. उन्हें बताया गया कि उनकी डी-117 नंबर मकान पर राहुल शर्मा ने सवा दो करोड़ रुपए का लोन लिया है.

वहीं छानबीन में पुलिस टीम को पता चला कि इसके साथ ही आरोपी ने एक्सिस बैंक और अन्य कंपनियों से लोन लिया है. सूरजमल स्थित मकान नंबर डी-117 पर आरोपी ने कुल 6 करोड़ 70 लाख रुपए का लोन लिया था. इसके लिए जो दस्तावेज दिए गए थे, सभी फर्जी तौर पर बनाए गए थे.


आरोपी का असली नाम है सुनील आनंद

संयुक्त आयुक्त ने जब दस्तावेज की गहनता से छानबीन की गई तो पता चला कि आरोपी का असली नाम सुनील आनंद है. उसने रीता बब्बर की फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवा लिया था. इसके साथ ही उसने अपने पिता के नाम का भी इस्तेमाल फर्जी तरीके से किया था. इसके साथ ही उसने दीपक बब्बर, नितिन शर्मा, संजय अवध के नाम से दस्तावेज बनाया हुआ था, जिसके आधार पर बैंक और फाइनेंस कंपनियों को चूना लगा रहा था. ओपी मिश्रा ने बताया कि इसी बीच टीम को सूचना मिली कि चूना लगाने वाले का असली नाम सुनील आनंद है. पुलिस ने सूचना के आधार पर शनिवार को सुनील आनंद को गिरफ्तार कर लिया.

Last Updated : Nov 30, 2020, 9:40 AM IST

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