नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के थाना नंदनगरी पुलिस ने हत्या की गुत्थी को सुलझाते हुए 3 अपराधियों को गिरफ्तार किया है. जिनकी पहचान वसीम (33) शकील (24) और इंद्रजीत (28) के रूप में हुई है. पुलिस ने इनके कब्जे से वारदात में इस्तेमाल की गई ईको कार, लकड़ी का तख्ता और मृतक की जली हुई स्कूटी बरामद की है.
30 जुलाई को घर से फोन कर बुलाया
उत्तर पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त वेद प्रकाश सूर्या ने बताया कि 30 जुलाई को थाना नंद नगरी पुलिस को सूचना मिली कि कुछ लोग गाड़ी से एक शव को फेंक कर चले गए हैं. जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पुलिस ने पॉलिथीन के अंदर बंद शव को खोला. शव की पहचान करने के लिए पुलिस ने शरीर पर पहचान चिन्ह भी देखे, लेकिन शव की कोई पहचान नहीं हो पाई. जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू की.
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हुई गिरफ्तारी
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि सीमापुरी पुलिस थाने में एक युवक की मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. जिसके बाद पुलिस ने उस रिपोर्ट के आधार पर परिवार को बुलाया और उस शव की शिनाख्त कराई, तो शव की पहचान सुमित ठाकुर के रूप में हुई. जिसके बाद पुलिस को परिवार ने पूरी जानकारी दी. पुलिस ने सबसे पहले मृतक सुमित ठाकुर के हर्ष विहार मौजूद घर के आसपास की सीसीटीवी फुटेज और जहां सुमित का शव मिला था, वहां के आसपास की सभी सीसीटीवी फुटेज को पुलिस ने खंगालना शुरू किया. तकरीबन 100 कमरों की सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस को एक अहम सबूत मिला. जिसमें अंतिम बार पुलिस ने सुमित ठाकुर को उसके दोस्त वसीम के घर जाते हुए देखा था.
सुमित के दोस्त वसीम ने ब्याज पर दिलवाए थे पैसे
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने वसीम को पकड़ा और उससे पूछताछ की, लेकिन वसीम बार-बार अपना बयान बदलता रहा. जिसके बाद पुलिस को शक हुआ और पुलिस ने जब सख्ती से वसीम से पूछताछ की, तो वसीम ने अपना गुनाह कबूल लिया. पुलिस ने बताया कि सुमित ठाकुर माइक्रो फाइनेंस का काम करता था. वसीम ने अपने दोस्त अनीस को सुमित ठाकुर से 46 हजार रुपये मासिक ब्याज पर दिलवाए थे.
ब्याज के पैसे को लेकर था झगड़ा
लेकिन लॉकडाउन के दौरान वसीम अनीस से पैसे लेकर सुमित को नहीं दे पाया, क्योंकि अनीस ने वसीम को ब्याज के पैसे नहीं दिए थे. वसीम ने अपने दोस्त सुमित को बताया कि अनीस का काम नहीं चल रहा है, इस वजह से वह पैसे नहीं दे पा रहा है. लेकिन फिर भी लगातार सुमित ठाकुर अपने दोस्त वसीम से पैसे की डिमांड करता रहा. जिससे परेशान होकर वसीम ने अपने दोस्त सुमित ठाकुर की हत्या की साजिश रच डाली. पुलिस ने बताया कि 30 जुलाई को वसीम ने सुमित ठाकुर को यह कहकर अपने घर बुलाया कि वह अपने 4 हजार रुपये ब्याज के आकर ले जाए. लेकिन जैसे ही सुमित ठाकुर वसीम के घर पहुंचा, तो वहां पहले से ही वसीम का एक दोस्त शकील मौजूद था. इसी बीच वसीम और सुमित में कहासुनी हुई, वहीं वसीम ने लकड़ी के तख्ते से सुमित ठाकुर के सिर पर जोरदार वार कर दिया. जिसके बाद सुमित बेहोश हो गया और शकील ने भी सुमित के सिर पर कई बार लकड़ी के तख्ते से वार किए. जिसके बाद गमछे से सुमित ठाकुर का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी.
शव को पॉलिथीन में बंद कर लगाया ठिकाने
वसीम और शकील ने प्लान के मुताबिक सुमित ठाकुर के शव को ठिकाने लगाने के लिए पहले बेडशीट में बंद किया. उसके बाद एक पॉलिथीन में भर लिया, जिसके बाद वसीम और शकील ने भोपुरा में रहने वाले इंद्रजीत पांडे को गाड़ी के लिए फोन किया. जिसके लिए उन्होंने इंद्रजीत पांडे को ₹10000 देने की बात कही, जिसके बाद इंद्रजीत पांडे अपनी इको कार लेकर के वसीम और शकील के पास पहुंच गया. जिसके बाद सुमित ठाकुर का शव इन्होंने ईको कार में रखा और उसे ताहिरपुर इलाके में फेंक कर फरार हो गए.
स्कूटी को आग लगाई
पुलिस ने बताया कि उसके बाद वसीम और शकील ने मृतक सुमित ठाकुर का पर्स और मोबाइल पास ही एक नाले में फेंक दिया और सुमित की स्कूटी को ताहिरपुर इलाके में ले जाकर जला दिया गया. वहीं पुलिस ने इस तीनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.