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42 हजार करोड़ की ठगी के 2 आरोपी गिरफ्तार, बाइक बोट ठगी का मामला - Sanjay Bhati case

दिल्ली में लगातार क्राइम की वारदातें सामने आ रही हैं, जिसे देखते हुए दिल्ली पुलिस काफी सतर्क है. इसी बीच पुलिस ने ठगी करने वाले 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिन्होंने बाइक बोट के नाम पर 42,000 करोड़ से ज्यादा की ठगी की है.

Delhi Police arrested 2 accused for cheating more than 42,000 crores in bike boat
बाइक बोट ठगी का मामला
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Published : Sep 11, 2020, 5:44 PM IST

नई दिल्ली: बाइक बोट के नाम पर 42,000 करोड़ से ज्यादा की ठगी करने के मामले में दो आरोपियों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. यह दोनों आरोपी संजय भाटी और राजेश भारद्वाज पहले से जेल में बंद थे. दिल्ली में 8000 लोगों के साथ उन्होंने 250 करोड़ रुपये की ठगी की थी. इसे लेकर आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज किया था.

बाइक बोट ठगी का मामला



संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार कई लोगों ने संजय भाटी एवं गर्वित इन्नोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज की थी. गौतमबुद्ध नगर स्थित इस कंपनी के निदेशक एवं सीएमडी पर उन्होंने ठगी का आरोप लगाया था. लगभग 42,000 करोड़ रुपये की ठगी का यह मामला बताया गया था.

इस शिकायत पर मामला दर्ज कर आर्थिक अपराध शाखा ने जांच शुरु की. मामले की जांच के दौरान पता चला कि लगभग 8000 शिकायतकर्ता अकेले दिल्ली के हैं. उनसे 250 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की गई है.


ऐसे ठगी को दिया गया अंजाम

कंपनी ने लोगों से कहा कि वह 62000 रुपये एक बाइक के लिए कंपनी में जमा कराएं और इससे उन्हें एक साल तक 9500 रुपये प्रत्येक महीना आमदनी मिलेगी. इस तरह से उन्हें एक साल में लगभग दोगुनी रकम वापस मिल जाएगी. आकर्षक ऑफर होने के चलते लोग बड़ी संख्या में इसमें फंस गए. उन्होंने अपनी मेहनत का पैसा जमा करा दिया. जनवरी 2019 में कंपनी ने इलेक्ट्रिक बाइक स्कीम निकाली.

उन्होंने लोगों से बाइक के लिए 1.24 लाख रुपये जमा कराने के लिए कहा. उन्हें बताया गया कि एक साल तक उन्हें प्रत्येक महीना 17 हजार रुपये मिलेंगे. उन्होंने कुछ लोगों को रुपये भी दिए जिससे उनमें विश्वास जगा. बड़ी संख्या में लोगों ने जब रुपये जमा करा दिए तो यह कंपनी फरार हो गई.



दोनों आरोपियों को किया गिरफ्तार

पुलिस टीम ने उनके विभिन्न बैंक खातों की डिटेल निकाली. आरबीआई से भी इस बारे में जानकारी हासिल की गई. उन्होंने बताया कि वह आरबीआई या एनबीएफसी से रजिस्टर्ड नहीं थे. उन्होंने अवैध तरीके से लोगों से रुपये एकत्रित किए हैं. लखनऊ जोनल के प्रवर्तन निदेशालय द्वारा भी पूरे मामले की जांच की जा रही है.

नोएडा सहित देश के कई राज्यों में कंपनी के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे. इस मामले में आरोपी निदेशक संजय भाटी और राजेश भारद्वाज फिलहाल न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं. अदालत की अनुमति के बाद आर्थिक अपराध शाखा में दर्ज इस मामले में दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. आगे पूरे मामले की छानबीन की जा रही है.

नई दिल्ली: बाइक बोट के नाम पर 42,000 करोड़ से ज्यादा की ठगी करने के मामले में दो आरोपियों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. यह दोनों आरोपी संजय भाटी और राजेश भारद्वाज पहले से जेल में बंद थे. दिल्ली में 8000 लोगों के साथ उन्होंने 250 करोड़ रुपये की ठगी की थी. इसे लेकर आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज किया था.

बाइक बोट ठगी का मामला



संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार कई लोगों ने संजय भाटी एवं गर्वित इन्नोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज की थी. गौतमबुद्ध नगर स्थित इस कंपनी के निदेशक एवं सीएमडी पर उन्होंने ठगी का आरोप लगाया था. लगभग 42,000 करोड़ रुपये की ठगी का यह मामला बताया गया था.

इस शिकायत पर मामला दर्ज कर आर्थिक अपराध शाखा ने जांच शुरु की. मामले की जांच के दौरान पता चला कि लगभग 8000 शिकायतकर्ता अकेले दिल्ली के हैं. उनसे 250 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की गई है.


ऐसे ठगी को दिया गया अंजाम

कंपनी ने लोगों से कहा कि वह 62000 रुपये एक बाइक के लिए कंपनी में जमा कराएं और इससे उन्हें एक साल तक 9500 रुपये प्रत्येक महीना आमदनी मिलेगी. इस तरह से उन्हें एक साल में लगभग दोगुनी रकम वापस मिल जाएगी. आकर्षक ऑफर होने के चलते लोग बड़ी संख्या में इसमें फंस गए. उन्होंने अपनी मेहनत का पैसा जमा करा दिया. जनवरी 2019 में कंपनी ने इलेक्ट्रिक बाइक स्कीम निकाली.

उन्होंने लोगों से बाइक के लिए 1.24 लाख रुपये जमा कराने के लिए कहा. उन्हें बताया गया कि एक साल तक उन्हें प्रत्येक महीना 17 हजार रुपये मिलेंगे. उन्होंने कुछ लोगों को रुपये भी दिए जिससे उनमें विश्वास जगा. बड़ी संख्या में लोगों ने जब रुपये जमा करा दिए तो यह कंपनी फरार हो गई.



दोनों आरोपियों को किया गिरफ्तार

पुलिस टीम ने उनके विभिन्न बैंक खातों की डिटेल निकाली. आरबीआई से भी इस बारे में जानकारी हासिल की गई. उन्होंने बताया कि वह आरबीआई या एनबीएफसी से रजिस्टर्ड नहीं थे. उन्होंने अवैध तरीके से लोगों से रुपये एकत्रित किए हैं. लखनऊ जोनल के प्रवर्तन निदेशालय द्वारा भी पूरे मामले की जांच की जा रही है.

नोएडा सहित देश के कई राज्यों में कंपनी के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे. इस मामले में आरोपी निदेशक संजय भाटी और राजेश भारद्वाज फिलहाल न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं. अदालत की अनुमति के बाद आर्थिक अपराध शाखा में दर्ज इस मामले में दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. आगे पूरे मामले की छानबीन की जा रही है.

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