दोहा : अफगानिस्तान में सबसे लंबे वक्त तक चले युद्ध से अमेरिका अपने सैनिकों को धीरे-धीरे वापस बुलाने के लिए शनिवार को तालिबान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला है. इसको लेकर अफगान सरकार तथा आतंकवादियों के बीच वार्ता शुरू हो गई है.
अफगानिस्तान में नए युग की शुरुआत होने की उम्मीद के साथ इस समझौते की घोषणा होने की संभावना है.
हालांकि तालिबान की मंशा को लेकर संशय के बादल मंडरा रहे हैं.
दोहा में जिस समझौते पर हस्ताक्षर की उम्मीद है, वह तालिबान और अमेरिका के बीच वार्ता के एक साल से अधिक समय बाद होने वाला है.
समझौते की बातों के बारे में सार्वजनिक खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन यह उम्मीद है कि पेंटागन अफगानिस्तान से सैनिक वापस बुलाना शुरू करेगा.
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शनिवार को समझौते पर होने वाले हस्ताक्षर से एक हफ्ते पहले आंशिक युद्ध विराम हुआ, जिसका मकसद युद्धरत पक्षों के बीच विश्वास कायम करना और यह दिखाना है कि तालिबान अपने आतंकवादियों को नियंत्रित कर सकता है.
बहरहाल ग्रामीण इलाकों में छिटपुट हमले होते रहे.
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने मंगलवार को कहा कि युद्धविराम की अवधि का असर हो रहा है.
उन्होंने कहा कि हम बहुत बड़े राजनीतिक अवसर के मुहाने पर हैं.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पिछले दशक में 100,000 से अधिक अफगान नागरिक मारे गए या घायल हो गए.