काबुल : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार को हुए धमाके और गोलीबारी की दो अलग-अलग घटनाओं में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई जिनमें से एक स्वतंत्र अफगान चुनाव निगरानीकर्ता समूह के प्रमुख थे. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
अफगानिस्तान में हिंसा की यह नवीनतम घटना है और ये हमले ऐसे समय हुए हैं जब तालिबान और अफगान सरकार के वार्ताकार कतर में दो दशक पुराने युद्ध की समाप्ति के उद्देश्य से शांति समझौता करने का प्रयास कर रहे हैं.
काबुल पुलिस प्रमुख के प्रवक्ता फिरदौस फरामर्ज ने बताया कि अज्ञात बंदूकधारियों ने गैर सरकारी 'फ्री ऐंड फेयर इलेक्शन फोरम ऑफ अफगानिस्तान' (एफईएफए) के कार्यकारी निदेशक युसूफ रशीद की गोली मारकर हत्या कर दी.
उन्होंने बताया कि रशीद की हत्या उस समय की गई जब वह एफईएफए के कार्यालय जाने के लिए निकले थे. इस हमले में उनका वाहन चालक भी घायल हुआ था जिसकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और अमेरिका के कार्यवाहक राजदूत और कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने रशीद पर हमले की निंदा की.
गनी ने एक बयान में कहा कि रशीद ने लोकतंत्र को संस्थागत बनाने और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के प्रयास में कई साल बिताए.
उन्होंने कहा, 'ऐसे हमलों को अंजाम देकर दुश्मन मौजूदा अफगानिस्तान को पीछे नहीं पहुंचा सकता जिसने लोगों के अथक प्रयासों और बलिदान से हालिया प्रगति और उपलब्धियां हासिल की हैं.'
अफगानिस्तान में अमेरिकी राजनयिक रॉस विल्सन ने ट्वीट किया कि रशीद देश में प्रतिनिधि लोकतंत्र के समर्पित व दृढ़ पैरोकार थे.
उन्होंने कहा, 'उन्होंने सालों तक स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिये अथक प्रयास किये जिसमें सभी अफगानों की सहभागिता हो. उनकी मौत परिवार, मित्रों और राष्ट्र का नुकसान है.'
फरामर्ज ने बताया कि एक अलग घटना में बुधवार को काबुल के पूर्वी इलाके में पुलिस के वाहन को निशाना बनाकर बम धमाका किया गया जिसमें एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हुए हैं.
तत्काल इन हमलों की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है लेकिन काबुल में हाल में हुए आतंकी हमलों की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट लेता रहा है.
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उल्लेखनीय है कि मंगलवार को काबुल में सड़क पर बम धमाके की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी जिसकी चपेट में एक वाहन आ गया था और उसमें सवार पांच लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से तीन चिकित्सक थे.