यरूशलम : विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को इजराइल के ओब्दा वायुसेना स्टेशन गए और द्विवार्षिक ब्लू फ्लैग अभ्यास में हिस्सा ले रहे भारतीय वायुसेना दल के सदस्यों से मुलाकात की.
इस अभ्यास में आठ देशों की वायुसेनाओं के दल हिस्सा ले रहे हैं. अभ्यास का मकसद परिचालनात्मक क्षमता को बेहतर बनाने के लिये ज्ञान एवं लड़ाई से जुड़े अनुभवों को साझा करना है.
इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना के 84 कर्मी तथा पांच उन्नत मिराज-2000 ल़ड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं . ये फ्रांसीसी विमानों के उन्नत प्रौद्योगिकी प्रारूप हैं तथा आधुनिक हथियार प्रणाली से लैस हैं. इजराइल में जारी इस अभ्यास में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, इटली, यूनान और इजराइल हिस्सा ले रहे हैं.
इसमें पहली बार एफ-35 विमान हिस्सा ले रहे हैं. इससे पहले, विदेश मंत्री जयशंकर ने इजराइल की संसद नेसेट के स्पीकर माइके लेवी से मुलाकात की. जयशंकर ने ट्वीट किया, 'इजराइल के नेसेट के स्पीकर माइके लेवी से आज सुबह मुलाकात की.'
उन्होंने कहा, 'विदेश मामलों और रक्षा समिति के अध्यक्ष बेन बराक से व्यापक चर्चा की.' विदेश मंत्री ने कहा कि वह भारत के साथ संबंधों को नेसेट में व्यापक समर्थन की सराहना करते हैं.
भारत इस द्विवार्षिक अभ्यास में वर्ष 2017 से ही हिस्सा ले रहा है . इन अभ्यासों में उसका ध्यान विभिन्न परिस्थितियों में तलाशी एवं बचाव अभियान, सीमापार आतंकवाद निरोधक अभियान सहित विशेष अभियानों से जुड़ी क्षमता को बढ़ाने पर था. भारत ने उस समय 45 सदस्यीय दल भेजा था जिसमें 16 गरूड़ कमांडो शामिल थे. भारतीय वायु सेना की ओर से तब सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान भी भेजा गया था.
गौरतलब है कि इजराइल, भारत को हथियारों की आपूर्ति करने वाले शीर्ष देशों में शामिल है. आपूर्ति किए जाने वाले हथियारों में हवाई चेतावनी एवं नियंत्रण प्रणाली फाल्कन अवाक्स से लेकर सर्चर, हेरान एवं हारोप जैसे यूएवी, एयरोस्टेट एवं ग्रीन पाइन रडार तथा मिसाइल रोधी बराक प्रणाली आदि शामिल हैं.
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(पीटीआई-भाषा)