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मस्जिद में यहूदी प्रार्थना पर लगे प्रतिबंध में कोई बदलाव नहीं : इजराइली पीएम - मस्जिद में यहूदी प्रार्थना

इजराइल के प्रधानमंत्री (Prime Minister of Israil) नफताली बेनेट यरूशलम में विवादित स्थान पर यहूदियों के प्रार्थना करने पर लगी रोक नहीं हटा रहे हैं. यह जानकारी सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय ने दी है.

इजराइली पीएम
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Published : Jul 19, 2021, 8:03 PM IST

यरुशलम : इजराइल के प्रधानमंत्री (Prime Minister of Israil) नफताली बेनेट (Naftali Bennett) यरूशलम में विवादित स्थान (disputed site in jerusalem) पर यहूदियों के प्रार्थना करने पर लगी रोक नहीं हटा रहे हैं. यह जानकारी सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय ने दी है. इस बाबत उनकी एक टिप्पणी के कारण रविवार को तीखी प्रतिक्रियाएं आई थीं.

बेनेट इजराइल के नए प्रधानमंत्री हैं, उन्होंने रविवार को कहा था कि वे पर्वत के ऊपर स्थित परिसर में यहूदियों के लिए उपासना की स्वतंत्रता का संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. लंबे अरसे से यह चलन है कि यहूदियों को परिसर में जाने की इजाजत है लेकिन वे वहां पर प्रार्थना नहीं कर सकते हैं. इस स्थल को वे मेंटल माउंट (mantle mount) के तौर पर पवित्र मानते हैं जबकि यह स्थान मुसलमानों के लिए भी मुकद्दस है, जहां अल अक्सा मस्जिद (किबला ए अव्वल भी कहते) है. यह स्थान इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थान है. पहले दो सऊदी अरब के मक्का में स्थित मस्जिद अल हराम (खाना-ए-काबा) और मदीना की मस्जिद अल नबवी है.

पढ़ें : अल-अक्सा मस्जिद के परिसर में फिलिस्तीनियों की इजराइल पुलिस से झड़प

फलस्तीनी और स्थल के इस्लामी अधिकारियों ने आशंका जताई है कि इजराइल आहिस्ता-आहिस्ता इलाके का नियंत्रण अपने हाथ में ले रहा है. उन्होंने पहले भी शिकायत की थी कि यहूदी स्थल पर प्रार्थना करते हैं. इस टकराव की वजह से मई में तनाव हुआ था, जिस कारण इजराइल और हमास के बीच 11 दिन की जंग हुई थी.

प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि बेनेट की टिप्पणी के बाद भी स्थल पर यथास्थिति बनी रहेगी.

(पीटीआई-भाषा)

यरुशलम : इजराइल के प्रधानमंत्री (Prime Minister of Israil) नफताली बेनेट (Naftali Bennett) यरूशलम में विवादित स्थान (disputed site in jerusalem) पर यहूदियों के प्रार्थना करने पर लगी रोक नहीं हटा रहे हैं. यह जानकारी सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय ने दी है. इस बाबत उनकी एक टिप्पणी के कारण रविवार को तीखी प्रतिक्रियाएं आई थीं.

बेनेट इजराइल के नए प्रधानमंत्री हैं, उन्होंने रविवार को कहा था कि वे पर्वत के ऊपर स्थित परिसर में यहूदियों के लिए उपासना की स्वतंत्रता का संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. लंबे अरसे से यह चलन है कि यहूदियों को परिसर में जाने की इजाजत है लेकिन वे वहां पर प्रार्थना नहीं कर सकते हैं. इस स्थल को वे मेंटल माउंट (mantle mount) के तौर पर पवित्र मानते हैं जबकि यह स्थान मुसलमानों के लिए भी मुकद्दस है, जहां अल अक्सा मस्जिद (किबला ए अव्वल भी कहते) है. यह स्थान इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थान है. पहले दो सऊदी अरब के मक्का में स्थित मस्जिद अल हराम (खाना-ए-काबा) और मदीना की मस्जिद अल नबवी है.

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फलस्तीनी और स्थल के इस्लामी अधिकारियों ने आशंका जताई है कि इजराइल आहिस्ता-आहिस्ता इलाके का नियंत्रण अपने हाथ में ले रहा है. उन्होंने पहले भी शिकायत की थी कि यहूदी स्थल पर प्रार्थना करते हैं. इस टकराव की वजह से मई में तनाव हुआ था, जिस कारण इजराइल और हमास के बीच 11 दिन की जंग हुई थी.

प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि बेनेट की टिप्पणी के बाद भी स्थल पर यथास्थिति बनी रहेगी.

(पीटीआई-भाषा)

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