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मानवाधिकार समूहों पर इजराइल के गोपनीय दस्तावेज में बेहद कम साक्ष्य - इजराइली दस्तावेज में बेहद कम पुख्ता साक्ष्य

इजराइल ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक से संचालित समूह के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. रक्षा मंत्रालय और 'शिन बेट' ने मामले में पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया नहीं दी. इजराइल और विदेशों में मानवाधिकार समूहों से करीबी जुड़ाव वाले छह संगठनों ने आरोपों से इनकार किया है.

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Published : Nov 6, 2021, 2:16 PM IST

यरुशलम: फलस्तीनी मानवाधिकार समूहों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नामित आतंकवादी संगठन के बीच कथित संबंधों का विवरण देने वाले एक गोपनीय इजराइली दस्तावेज में बेहद कम पुख्ता साक्ष्य हैं और ये दस्तावेज यूरोपीय देशों को समूहों का वित्त पोषण रोकने के लिए मनाने में नाकाम रहे हैं.

इजराइल की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी 'शीन बेट' ने 74 पन्ने का दस्तावेज तैयार किया और मई में इसे यूरोपीय देशों की सरकारों के साथ साझा किया था. पिछले महीने इजराइल ने फलस्तीन की छह 'नागरिक संस्थाओं' को आतंकवादी समूह के तौर पर नामित करते हुए कहा था कि उन्होंने फलस्तीन की आजादी के लिए वामपंथी राजनीतिक समूह पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फलस्तीन (पीएफएलपी) से समझौता किया. पॉपुलर फ्रंट की हथियारबंद इकाई पर इजराइल के खिलाफ कई घातक हमलों के आरोप हैं। इजराइल और पश्चिमी देश पीएफएलपी को आतंकवादी संगठन मानते हैं.

हालांकि, इजराइल ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक से संचालित समूह के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. रक्षा मंत्रालय और 'शिन बेट' ने मामले में पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया नहीं दी. इजराइल और विदेशों में मानवाधिकार समूहों से करीबी जुड़ाव वाले छह संगठनों ने आरोपों से इनकार किया है. उनका कहना है कि आतंकी संगठन नामित किया जाना फलस्तीनी क्षेत्र पर कब्जे को लेकर इजराइल के खिलाफ आवाज को दबाने की तरह है.

इन संगठनों में अल हक मानवाधिकार समूह, अद्दामीर अधिकार समूह, डिफेंस फॉर चिल्ड्रेन इंटरनेशनल-फलस्तीन, द बिसन सेंटर फॉर रिसर्च एंड डेवलपमेंट, द यूनियन ऑफ फलस्तीनियन वीमेंस कमेटीज और यूनियन ऑफ एग्रीकल्चरल वर्क कमेटीज शामिल हैं.

पढ़ें: जब इजरायल के पीएम ने मोदी से कहा, क्यों नहीं मेरी पार्टी ज्वाइन कर लेते ?

यह दस्तावेज सैद अबेदत और अमरु हमुदेह से बातचीत पर आधारित है जो एक अन्य समूह यूनियन ऑफ हेल्थ कमेटीज में अकाउंटेंट के पद पर काम करते थे जिसे जनवरी 2020 में प्रतिबंधित कर दिया गया था. प्राप्त सूचना के अनुसार दोनों को जनवरी 2019 में धन के गबन के आरोप में काम से हटा दिया गया था और बाद में उन्हें शिन बेट ने हिरासत में ले लिया था.

पीटीआई-भाषा

यरुशलम: फलस्तीनी मानवाधिकार समूहों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नामित आतंकवादी संगठन के बीच कथित संबंधों का विवरण देने वाले एक गोपनीय इजराइली दस्तावेज में बेहद कम पुख्ता साक्ष्य हैं और ये दस्तावेज यूरोपीय देशों को समूहों का वित्त पोषण रोकने के लिए मनाने में नाकाम रहे हैं.

इजराइल की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी 'शीन बेट' ने 74 पन्ने का दस्तावेज तैयार किया और मई में इसे यूरोपीय देशों की सरकारों के साथ साझा किया था. पिछले महीने इजराइल ने फलस्तीन की छह 'नागरिक संस्थाओं' को आतंकवादी समूह के तौर पर नामित करते हुए कहा था कि उन्होंने फलस्तीन की आजादी के लिए वामपंथी राजनीतिक समूह पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फलस्तीन (पीएफएलपी) से समझौता किया. पॉपुलर फ्रंट की हथियारबंद इकाई पर इजराइल के खिलाफ कई घातक हमलों के आरोप हैं। इजराइल और पश्चिमी देश पीएफएलपी को आतंकवादी संगठन मानते हैं.

हालांकि, इजराइल ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक से संचालित समूह के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. रक्षा मंत्रालय और 'शिन बेट' ने मामले में पूछे गए सवालों पर प्रतिक्रिया नहीं दी. इजराइल और विदेशों में मानवाधिकार समूहों से करीबी जुड़ाव वाले छह संगठनों ने आरोपों से इनकार किया है. उनका कहना है कि आतंकी संगठन नामित किया जाना फलस्तीनी क्षेत्र पर कब्जे को लेकर इजराइल के खिलाफ आवाज को दबाने की तरह है.

इन संगठनों में अल हक मानवाधिकार समूह, अद्दामीर अधिकार समूह, डिफेंस फॉर चिल्ड्रेन इंटरनेशनल-फलस्तीन, द बिसन सेंटर फॉर रिसर्च एंड डेवलपमेंट, द यूनियन ऑफ फलस्तीनियन वीमेंस कमेटीज और यूनियन ऑफ एग्रीकल्चरल वर्क कमेटीज शामिल हैं.

पढ़ें: जब इजरायल के पीएम ने मोदी से कहा, क्यों नहीं मेरी पार्टी ज्वाइन कर लेते ?

यह दस्तावेज सैद अबेदत और अमरु हमुदेह से बातचीत पर आधारित है जो एक अन्य समूह यूनियन ऑफ हेल्थ कमेटीज में अकाउंटेंट के पद पर काम करते थे जिसे जनवरी 2020 में प्रतिबंधित कर दिया गया था. प्राप्त सूचना के अनुसार दोनों को जनवरी 2019 में धन के गबन के आरोप में काम से हटा दिया गया था और बाद में उन्हें शिन बेट ने हिरासत में ले लिया था.

पीटीआई-भाषा

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