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अफगानिस्तान में हिंसा और अनिश्चितता के बीच नेता कर रहे हैं शांति वार्ता - इस्लामाबाद

अफगानिस्तान के कई जिलों पर तालिबान का कब्जा हो गया है और कई स्थानों पर हिंसा का दौर जारी है. ऐसे में राजनीतिक समाधान निकलने के ज्यादा संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं.

अफगानिस्तान के कई जिलों पर तालिबान का कब्जा
अफगानिस्तान के कई जिलों पर तालिबान का कब्जा
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Published : Jul 18, 2021, 9:37 PM IST

इस्लामाबाद : अफगानिस्तान के बड़े नेता कतर में तालिबान के साथ शांति वार्ता कर रहे हैं. वहीं तालिबानी नेता ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि तालिबान देश में दशकों से चल रहे युद्ध का राजनीतिक समाधान चाहता है.

अफगानिस्तान के कई जिलों पर तालिबान का कब्जा हो गया है और कई स्थानों पर हिंसा का दौर जारी है, ऐसे में राजनीतिक समाधान निकलने के ज्यादा संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं.

मंगलवार को बकरीद है और उसके पहले तालिबानी नेता मवलावी हिबातुल्लाह अखुंदजादा ने एक बयान जारी करके कहा कि इस्लामी अमीरात राजनीतिक समाधान का पक्षधर है. तालिबान अपने शासन के दौरान अपनी सरकार को इस्लामी अमीरात कहता था.

अखुंदजादा ने कहा, इस्लामी अमीरात देश में एक राजनीतिक समाधान और एक इस्लामी तंत्र की स्थापना के लिए हर अवसर के पक्ष में है.

इसे भी पढ़े-आईएसआई के इशारे पर तालिबान का हमला, भारत का 3 बिलियन का निवेश दांव पर

दोहा में पहले दौर की वार्ता शनिवार को हुई और दूसरे दौर की वार्ता रविवार देर शाम शुरू हुई है. अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के शांति दूत जलमय खलीलजाद भी दोहा में हैं और ताशकंद में पिछले सप्ताह एक सम्मेलन में उन्होंने हिंसा में कमी आने और बकरीद के दौरान तीन दिन तक संघर्ष विराम रहने की उम्मीद जताई थी.

(पीटीआई-भाषा)

इस्लामाबाद : अफगानिस्तान के बड़े नेता कतर में तालिबान के साथ शांति वार्ता कर रहे हैं. वहीं तालिबानी नेता ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि तालिबान देश में दशकों से चल रहे युद्ध का राजनीतिक समाधान चाहता है.

अफगानिस्तान के कई जिलों पर तालिबान का कब्जा हो गया है और कई स्थानों पर हिंसा का दौर जारी है, ऐसे में राजनीतिक समाधान निकलने के ज्यादा संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं.

मंगलवार को बकरीद है और उसके पहले तालिबानी नेता मवलावी हिबातुल्लाह अखुंदजादा ने एक बयान जारी करके कहा कि इस्लामी अमीरात राजनीतिक समाधान का पक्षधर है. तालिबान अपने शासन के दौरान अपनी सरकार को इस्लामी अमीरात कहता था.

अखुंदजादा ने कहा, इस्लामी अमीरात देश में एक राजनीतिक समाधान और एक इस्लामी तंत्र की स्थापना के लिए हर अवसर के पक्ष में है.

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दोहा में पहले दौर की वार्ता शनिवार को हुई और दूसरे दौर की वार्ता रविवार देर शाम शुरू हुई है. अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के शांति दूत जलमय खलीलजाद भी दोहा में हैं और ताशकंद में पिछले सप्ताह एक सम्मेलन में उन्होंने हिंसा में कमी आने और बकरीद के दौरान तीन दिन तक संघर्ष विराम रहने की उम्मीद जताई थी.

(पीटीआई-भाषा)

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