यरूशलम : कुवैत के एक समाचार पत्र ने पिछले दो सप्ताह में ईरान के दो ठिकानों में हुए विस्फोट के लिए इजरायल जिम्मेदार ठहराया है. यह विस्फोट एक यूरेनियम संवर्धन केंद्र में हुआ था और दूसरा ईरान के मिसाइल निर्माण केंद्र में.
द टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार कुवैती समाचार पत्र अल-जरीदा ने एक अज्ञात वरिष्ठ सूत्र का हवाला देते हुए कहा है कि इजराइल के साइबर हमले से गुरुवार को ईरान के नतांज परमाणु संवर्धन केंद्र में आग लग गई और विस्फोट हुआ.
सूत्रों ने बताया कि इस हमले के बाद अब ईरान का परमाणु कार्यक्रम लगभग दो महीने पीछे चला गया है.
नतांज तेहरान से 250 किलोमीटर दक्षिण दिशा स्थित है, जहां 25 फुट कंक्रीट के नीचे दबी भूमिगत सुविधा शामिल है, जो हवाई हमलों से सुरक्षा प्रदान करती हैं. यह सुविधा एक ईंधन संवर्धन संयंत्र है, जो 100,000 वर्ग मीटर को कवर करता है.
साइट की तस्वीरों में संयंत्र के ऊपर स्थित एक इमारत को काफी नुकसान पहुंचा दर्शाया गया है, और इसकी छत स्पष्ट रूप से नष्ट हो गई थी.
समाचार पत्र के मुताबिक 26 जून को इजराइल ने F-16 स्टील्थ लड़ाकू विमान से ईरान के पर्चिन इलाके में मौजूद एक ठिकाने पर हमला किया था और बमबारी की थी. कहा जा रहा है कि यही मिसाइल उत्पादन केंद्र था.
हालांकि इस दावे की अब तक इजराइल ने आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की है.
इससे पहले द टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट में बताया गया था कि ईरान ने अप्रैल महीने में इजराइल की जलापूर्ति को हैक करने की कोशिश की थी. ईरान के इस हमले को इजराइल के साइबर डिफेंस ने असफल कर दिया था.
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बता दें कि ईरान अपने इस प्रयास में सफल हो जाता तो पानी के अंदर क्लोरीन की मात्रा खतरनाक स्तर तक बढ़ जाती. पूरे देश में पानी का संकट भी खड़ा हो जाता.
ईरानी साइबर हमले पर इजराइली अधिकारियों ने कहा कि कुछ कारण की वजह से यह मुद्दा बन गया.
इस बीच, ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (एसएनएससी) ने शुक्रवार को कहा कि देश के विशेषज्ञों ने नतांज परमाणु ठिकाने में हुए विस्फोट का कारण बताया है और उचित समय पर इसकी घोषणा करेंगे.