गाजा पट्टी : इजरायल और फिलिस्तीन के बीच तनाव चरम पर है. जानकारी के मुताबिक इस संघर्ष में अब तक 103 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. हमास ने इजरायल के शहरों को निशाना बनाते हुए कुछ मिनटों के अंदर कई रॉकेट दागे. वहीं, इजरायल ने भी गाजा पर हमले तेज कर दिए हैं. महज कुछ दिन में दोनों पक्षों के बीच लड़ाई ने 2014 के उस विध्वंसक युद्ध की याद दिला दी, जो 50 दिन तक चला था. इस लड़ाई ने इजरायल में दशकों बाद भयावह यहूदी-अरब हिंसा को जन्म दिया है.
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, इजरायल हवाई हमले में अब तक 103 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है, जिनमें 27 बच्चे शामिल हैं. वहीं 580 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं.
संघर्ष विराम पर वार्ता के लिए प्रयास तेज
गाजा में लड़ाई बढ़ने के बीच संघर्ष विराम पर वार्ता के प्रयासों के तहत इजरायल के अधिकारियों के साथ बातचीत के लिए मिस्र का एक प्रतिनिधिमंडल तेल अवीव पहुंच गया है. इजरायल और गाजा के हमास शासकों के बीच संघर्ष 2014 की जंग से भी बड़े स्तर पर फैल चुका है. पहले संघर्ष फिलिस्तीन क्षेत्र और सीमा पर बसे इजरायली समुदायों वाले इलाके तक सीमित था, लेकिन इस बार यह लड़ाई यरुशलम में शुरू हुई है.
पढ़ें- धमाके में घायल हुए मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इलाज के लिए जर्मनी रवाना
कुछ रॉकेट तेल अवीव क्षेत्र को भी निशाना बनाकर दागे गए. इजरायल में भी बड़े स्तर पर हिंसा छिड़ गयी है. कई शहरों में अरब और यहूदियों की भीड़ सड़कों पर आकर उपद्रव कर रही है, लोगों से बुरी तरह मारपीट कर रही है. भीड़ ने कई वाहनों में भी आग लगा दी. हिंसा के कारण देश के मुख्य हवाई अड्डे से उड़ानें भी निलंबित कर दी गयी हैं.
इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष
संघर्ष के कारण फिलिस्तीन के लोगों के लिए मातम के साथ रमजान के पवित्र महीने का समापन हुआ है. सोमवार से रॉकेट दागे जाने के बाद से इजरायल ने गाजा में तीन बहुमंजिला इमारतों को जमींदोज कर दिया और कहा कि इसमें हमास के कई दफ्तर थे.
पढ़ें- बांग्लादेश : संसद पर हमले की योजना बनाने के आरोप में दो लोग गिरफ्तार
इस्लामी जेहादियों ने सात उग्रवादियों के मारे जाने की पुष्टि की है. हमास ने स्वीकार किया है कि उसके एक शीर्ष कमांडर और कई अन्य सदस्यों की मौत हुई है. वहीं, इजरायल ने कहा है कि हमास ने जितने लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है, उससे ज्यादा की मौत हुई है.
दोनों तरफ मौत का मंजर
इजरायल में भी सात लोगों की मौत हुई है. टैंक रोधी मिसाइल के हमले में एक सैनिक की मौत हो गयी और रॉकेट के हमले में छह वर्षीय बच्चे की भी मृत्यु हो गयी.
संघर्ष विराम के लिए आए मिस्र के प्रतिनिधिमंडल ने सबसे पहले गाजा पट्टी में हमास के अधिकारियों से वार्ता की और उसके बाद इजराइल की सीमा में पहुंचे. मिस्र दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता का प्रयास कर रहा है.
सैकड़ों रॉकेट दागे गए
इस्लामी उग्रवादी समूह ने भी पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया है और उसने इजरायली शहरों में सैकड़ों रॉकेट दागे.
वार्ताकारों की मौजूदगी के बावजूद गाजा के उग्रवादियों ने एक साथ करीब 100 रॉकेट दागे, जिससे इजरायल के दक्षिणी और मध्य शहरों में हवाई हमले के सायरन बज उठे.
नुकसान या हताहत होने के बारे में फिलहाल कोई खबर नहीं मिली है, लेकिन हमले का उद्देश्य यह दिखाना है कि हमास के पास अभी काफी आयुध भंडार हैं.
पढ़ें- पनामा के दक्षिण अपतटीय क्षेत्र में 6.0 तीव्रता का भूकंप
इजरायल ने सुबह होते ही कई हवाई हमले किए और गाजा में दर्जनों ठिकानों को निशाना बनाया. बुधवार को भी हवाई हमले जारी रहे थे, जिससे हवा में धुएं का गुबार बन गया.
यह संघर्ष ऐसे वक्त चल रहा है, जब मुस्लिमों के लिए रमजान का पवित्र महीना खत्म होने के बाद ईद मनायी जा रही है.
हमास ने लोगों से खुले स्थान के बजाए, अपने घरों के भीतर ही या निकटवर्ती मस्जिदों में ईद की नमाज अदा करने का आग्रह किया है.
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू डोम मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली का जायजा लेने पहुंचे. सेना ने कहा है कि इस प्रतिरक्षा प्रणाली ने गाजा से दागे गए 1200 रॉकेट में 90 प्रतिशत को गिरा दिया गया.
हमास ने कहा है कि उसने गाजा से सबसे शक्तिशाली रॉकेट अयाश दागे. इजरायली मीडिया ने कहा कि यह रॉकेट रेगिस्तानी इलाके में गिरा.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने गाजा में असैन्य इलाकों से इजरायली आबादी वाले इलाकों की ओर अंधाधुंध रॉकेट दागे जाने की निंदा की, लेकिन साथ ही उन्होंने इजरायल से अधिक से अधिक संयम बरतने का भी अनुरोध किया.
पढ़ें- नेपाल: बहुमत जुटाने में नाकाम रहा विपक्ष, ओली फिर बने प्रधानमंत्री
अमेरिका का समर्थन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नेतन्याहू को फोन कर इजरायल के अपने प्रतिरक्षा के अधिकार का समर्थन किया.
वहीं, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी जे. ब्लिंकन ने नेतन्याहू से इजरायल के अपनी रक्षा करने के अधिकार का समर्थन करने का आह्वान किया और कहा कि वह तनाव खत्म करने की कोशिश के तहत एक वरिष्ठ राजनयिक को भेज रहे हैं.
हिंसा का यह दौर एक महीने पहले यरुशलम में शुरू हुआ, जहां रमजान के पवित्र महीने के दौरान हथियारों से लैस इजरायली पुलिस तैनात रही और यहूदी शरणार्थियों द्वारा दर्जनों फिलिस्तीनी परिवारों को निर्वासित करने के खतरे ने प्रदर्शनों को हवा दी और पुलिस के साथ झड़पें हुई. अल अक्सा मस्जिद में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और प्रदर्शनकारियों पर ग्रेनेड फेंके.
यरुशलम को बचाने का दावा करने वाले हमास ने सोमवार देर रात इजरायल में कई रॉकेट दागे जिसके बाद लड़ाई शुरू हो गई.