तेहरान : अमेरिका ने ईरान के साथ बहुपक्षीय समझौते से पीछे हटकर उसपर प्रतिबंध लगा दिए हैं. इसके जवाब में ईरान अब परमाणु समझौते से पीछे हटने से संबंधित अपने पांचवें कदम को अंतिम रूप देगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसावी ने टेलीविजन पर प्रसारित बयान में कहा, 'पांचवें कदम के संबंध में फैसला पहले ही किया जा चुका है... लेकिन मौजूदा स्थिति पर विचार किया जा रहा है. आज रात होने वाली बैठक में कुछ अहम बदलाव किए जाएंगे.'
इसके साथ ही ईरानी राज्य टीवी रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान अब 2015 के अपने परमाणु समझौते की किसी भी सीमा का पालन नहीं करेगा.
उन्होंने कहा, 'राजनीति की दुनिया में सभी चीजें एक दूसरे को प्रभावित करती हैं.'
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बहरहाल मौसावी ने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया कि अगला कदम क्या होगा और न ही इसके घोषणा किए जाने का समय बताया.
क्या था परमाणु समझौता
ईरान ने अपने करीब नौ टन अल्प संवर्धित यूरेनियम भंडार को कम करके 300 किलोग्राम तक करने की शर्त स्वीकार की थी.
यह तय किया गया था कि ईरान अपना अल्प संवर्धित यूरेनियम रूस को देगा और अपने यहां सेंट्रीफ्यूजों की संख्या घटाएगा. इसके बदले में रूस ईरान को करीब 140 टन प्राकृतिक यूरेनियम येलो केक के रूप में देगा.
गौरतलब है कि यूरेनियम के इस कंपाउंड का इस्तेमाल बिजलीघरों के लिए परमाणु छड़ बनाने के लिए होता है.
इस समझौते में एक शर्त यह भी थी कि (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) IAEA को अगले 10 से 25 साल तक इस बात की जांच करने का अधिकार होगा कि ईरान इस संधि के प्रावधानों का पालन कर रहा है या नहीं.
इन्हीं शर्तों के बदले में पश्चिमी देश ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध हटाने पर सहमत हुए थे.