तेहरान: जर्मनी के विदेश मंत्री की यात्रा के बीच ईरान के विदेश मंत्री ने सोमवार को अमेरिका को आगाह किया कि तेहरान के खिलाफ आर्थिक युद्ध छेड़ने के बाद 'वह सुरक्षित बने रहने की उम्मीद नहीं कर सकता.'
खाड़ी में मौजूदा तनाव के मद्देनजर ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने कड़े शब्दों में अपनी बातें रखी. यह संकट तब गहरा गया था, जब एक साल पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक ताकतों के साथ हुए 2015 के समझौते से बाहर निकलने का फैसला किया. ट्रंप ने ईरान के तेल क्षेत्रों को निशाना बनाते हुए कड़ी पाबंदी लगाने की भी घोषणा की थी.
जरीफ ने कहा, 'ट्रंप ने खुद ही घोषणा की थी कि अमेरिका ने ईरान के खिलाफ आर्थिक युद्ध छेड़ा है. इस क्षेत्र में तनाव घटाने का एकमात्र समाधान है कि आर्थिक युद्ध को रोका जाए.'
उन्होंने आगाह किया कि हमारे साथ जो भी युद्ध शुरू करेगा, वह उसे खत्म नहीं कर पाएगा.
जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास ने जोर दिया कि उनका देश और अन्य यूरोपीय देश परमाणु समझौते को बचाने के लिए रास्ता निकालना चाहते हैं.
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उन्होंने कहा, 'हम कोई चमत्कार तो नहीं कर पाएंगे लेकिन इसे असफल होने से बचाने के लिए जो भी बन पड़ेगा हम प्रयास करेंगे.'
हालांकि, यूरोप ने अमेरिका द्वारा लगायी गयी नयी पाबंदी से निकालने के लिए ईरान को अब तक किसी तरह की पेशकश नहीं की है. समझौते को बचाने के वास्ते यूरोप के लिए ईरान ने सात जुलाई की तारीख निर्धारित की है. वरना, ईरान आगाह कर चुका है कि वह यूरेनियम का संवर्द्धन करेगा.
एक खबर के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र के परमाणु एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख वाई अमानो ने कहा कि ईरान की (यूरेनियम की) उत्पादन दर बढ़ रही है. हालांकि उन्होंने कोई सटीक आंकड़ा नहीं दिया.
इसके कुछ देर बाद इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आईएईए के आकलन का हवाला देते हुए बयान जारी कर कहा कि उनका देश ईरान को कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देगा जो हमारे अस्तित्व और पूरी दुनिया के लिए खतरा है.