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यूएई-इजराइल समझौता मुसलमानों की 'पीठ में छुरा घोंपने' जैसा : ईरान

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजराइल बीच संबंधों को सामान्य करने को ईरान ने खतरनाक और 'शर्मनाक' कदम बताया है. ईरान ने दोनों देशों द्वारा फारस की खाड़ी के क्षेत्र के 'राजनीतिक समीकरण' में हस्तक्षेप करने को लेकर भी आगाह किया है.

संयुक्त अरब अमीरात-इजराइल के बीच समझौते से ईरान खुश नहीं
संयुक्त अरब अमीरात-इजराइल के बीच समझौते से ईरान खुश नहीं
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Published : Aug 14, 2020, 4:01 PM IST

Updated : Aug 14, 2020, 4:36 PM IST

तेहरान : ईरान के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजराइल के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए हुए ऐतिहासिक समझौते की कड़ी निंदा की है. ईरान ने इसे सभी मुसलमानों के पीठ में छुरा घोंपना करार दिया. सरकारी टीवी ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट में यह बताया.

मंत्रालय की ओर से जारी बयान में ईरान ने दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने को खतरनाक और 'शर्मनाक' कदम बताया है और संयुक्त अरब अमीरात को इजराइल द्वारा फारस की खाड़ी के क्षेत्र के ‘राजनीतिक समीकरण’ में हस्तक्षेप करने को लेकर आगाह किया है.

बयान में मंत्रालय ने कहा, 'संयुक्त अरब अमीरात सरकार और अन्य सहयोगी सरकारों को इस कदम से होने वाले परिणाम की जिम्मेदारी भी अवश्य लेनी चाहिए.'

वहीं संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध बहाली के समझौते का स्वागत किया है.

गुतारेस ने उम्मीद जताई है कि इस समझौते से इजराइल और फिलस्तीन के नेता दोबारा से द्विराष्ट्रीय समाधान की दिशा में 'सार्थक वार्ता' की तरफ बढ़ सकते हैं.

गौरतलब है कि फलस्तीनी अपने भावी राज्य के लिए यह क्षेत्र चाहते हैं. फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के एक प्रवक्ता ने इस समझौते को विश्वासघात बताया.

यह भी पढ़ें - इजराइल-यूएई के बीच 'दुश्मनी' खत्म, संपन्न हुआ एतिहासिक समझौता

बता दें कि गुरुवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजराइल ने उस समझौते के तहत पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने पर सहमति जताई, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है. तीनों देशों का कहना है कि इससे पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति लाने में मदद मिलेगी और इसके तहत इजराइल वेस्ट बैंक के बड़े हिस्सों को अपने में मिलाने की योजना को स्थगित कर देगा.

तेहरान : ईरान के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजराइल के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए हुए ऐतिहासिक समझौते की कड़ी निंदा की है. ईरान ने इसे सभी मुसलमानों के पीठ में छुरा घोंपना करार दिया. सरकारी टीवी ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट में यह बताया.

मंत्रालय की ओर से जारी बयान में ईरान ने दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने को खतरनाक और 'शर्मनाक' कदम बताया है और संयुक्त अरब अमीरात को इजराइल द्वारा फारस की खाड़ी के क्षेत्र के ‘राजनीतिक समीकरण’ में हस्तक्षेप करने को लेकर आगाह किया है.

बयान में मंत्रालय ने कहा, 'संयुक्त अरब अमीरात सरकार और अन्य सहयोगी सरकारों को इस कदम से होने वाले परिणाम की जिम्मेदारी भी अवश्य लेनी चाहिए.'

वहीं संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध बहाली के समझौते का स्वागत किया है.

गुतारेस ने उम्मीद जताई है कि इस समझौते से इजराइल और फिलस्तीन के नेता दोबारा से द्विराष्ट्रीय समाधान की दिशा में 'सार्थक वार्ता' की तरफ बढ़ सकते हैं.

गौरतलब है कि फलस्तीनी अपने भावी राज्य के लिए यह क्षेत्र चाहते हैं. फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के एक प्रवक्ता ने इस समझौते को विश्वासघात बताया.

यह भी पढ़ें - इजराइल-यूएई के बीच 'दुश्मनी' खत्म, संपन्न हुआ एतिहासिक समझौता

बता दें कि गुरुवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजराइल ने उस समझौते के तहत पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने पर सहमति जताई, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है. तीनों देशों का कहना है कि इससे पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति लाने में मदद मिलेगी और इसके तहत इजराइल वेस्ट बैंक के बड़े हिस्सों को अपने में मिलाने की योजना को स्थगित कर देगा.

Last Updated : Aug 14, 2020, 4:36 PM IST
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