वियना: ईरान ने बुधवार को कहा कि वह पश्चिमी शक्तियों द्वारा 2015 के परमाणु समझौते को बचाने की किसी भी कोशिश’ का समर्थन करेंगा.
गौरतलब है कि अमेरिका 2018 में इस संधि से बाहर निकल गया था और ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिए थे.
इस समझौते में शामिल बचे हुए पक्षकारों से ईरान के वार्ताकार अब्बास अरागची ने वियना में बातचीत की और कहा कि वह उन कदमों को स्पष्ट तौर पर वापस लेने के लिए तैयार हैं, जिसमें तेहरान की प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन हुआ लेकिन यह तभी होगा जब अन्य पक्ष भी वैसा ही रुख दिखाएं.
ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने इस साल जनवरी में औपचारिक तौर पर विवाद प्रक्रिया की शुरुआत की थी क्योंकि ईरान ने कहा था कि वह अब यूरेनियम के संवर्धन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सेंट्रीफ्यूज की संख्या पर लगी सीमा का पालन नहीं करेगा. यह समझौते की मुख्य शर्तों में से एक थी.
यह विवाद प्रक्रिया में कई कदम हैं जिनमें से एक में सुरक्षा परिषद को इसकी जानकारी देना भी है.
'परमाणु समझौते' को बचाने के लिए किसी भी कोशिश का हम समर्थन करेंगे : ईरान
ईरान और अमेरिका के बीच चल रहे तनावों के बीच ईरान ने कहा है कि वह पश्चिमी शक्तियों के द्वारा 2015 के परमाणु समझौते को बचाने की किसी भी कोशिश का वह समर्थन करेगा.
वियना: ईरान ने बुधवार को कहा कि वह पश्चिमी शक्तियों द्वारा 2015 के परमाणु समझौते को बचाने की किसी भी कोशिश’ का समर्थन करेंगा.
गौरतलब है कि अमेरिका 2018 में इस संधि से बाहर निकल गया था और ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिए थे.
इस समझौते में शामिल बचे हुए पक्षकारों से ईरान के वार्ताकार अब्बास अरागची ने वियना में बातचीत की और कहा कि वह उन कदमों को स्पष्ट तौर पर वापस लेने के लिए तैयार हैं, जिसमें तेहरान की प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन हुआ लेकिन यह तभी होगा जब अन्य पक्ष भी वैसा ही रुख दिखाएं.
ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने इस साल जनवरी में औपचारिक तौर पर विवाद प्रक्रिया की शुरुआत की थी क्योंकि ईरान ने कहा था कि वह अब यूरेनियम के संवर्धन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सेंट्रीफ्यूज की संख्या पर लगी सीमा का पालन नहीं करेगा. यह समझौते की मुख्य शर्तों में से एक थी.
यह विवाद प्रक्रिया में कई कदम हैं जिनमें से एक में सुरक्षा परिषद को इसकी जानकारी देना भी है.