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ईरान की चेतावनी- परमाणु मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में गया तो एनपीटी से हट जाएंगे

ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने ईरान पर 2015 के परमाणु समझौते के नियमों का पालन करने में विफल रहने का आरोप लगाया है. वहीं ईरान ने कहा है कि अगर परमाणु कार्यक्रम का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठता है तो वह एनपीटी से हटने के बारे में विचार करेगा.

Iran warns over nuclear deal
फाइल फोटो
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Published : Jan 20, 2020, 9:08 PM IST

Updated : Feb 17, 2020, 6:52 PM IST

तेहरान : ईरान ने सोमवार को चेतावनी दी कि अगर उसके परमाणु कार्यक्रम से जुड़े विवाद का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष ले जाया जाता है तो वह परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) से हटने के बारे में विचार करेगा.

पिछले सप्ताह ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने ईरान पर 2015 के परमाणु समझौते के नियमों का पालन करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए प्रक्रिया शुरू की थी. इस कदम से सुरक्षा परिषद ईरान पर फिर से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा सकती है.

ईरान ने आरोप लगाया है कि 2018 में ऐतिहासिक समझौते से एकतरफा रूप से पीछे हटने के बाद अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों पर यूरोपीय संघ के तीन सदस्य देश निष्क्रिय थे.

ईरानी संसद की वेबसाइट ने विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ के हवाले से कहा कि यूरोपीय कदम का कोई कानूनी आधार नहीं है और अगर वे आगे कदम उठाते हैं तो 'ईरान के एनपीटी से हटने पर विचार किया जाएगा.'

पढ़ें-ईरान और अमेरिका के बीच साइबर युद्ध, एक नजर

2015 का ऐतिहासिक समझौता ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और अमेरिका के बीच हुआ था तथा ईरान को परमाणु कार्यक्रम पर प्रतिबंधों से राहत मिली थी.

तेहरान : ईरान ने सोमवार को चेतावनी दी कि अगर उसके परमाणु कार्यक्रम से जुड़े विवाद का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष ले जाया जाता है तो वह परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) से हटने के बारे में विचार करेगा.

पिछले सप्ताह ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने ईरान पर 2015 के परमाणु समझौते के नियमों का पालन करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए प्रक्रिया शुरू की थी. इस कदम से सुरक्षा परिषद ईरान पर फिर से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा सकती है.

ईरान ने आरोप लगाया है कि 2018 में ऐतिहासिक समझौते से एकतरफा रूप से पीछे हटने के बाद अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों पर यूरोपीय संघ के तीन सदस्य देश निष्क्रिय थे.

ईरानी संसद की वेबसाइट ने विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ के हवाले से कहा कि यूरोपीय कदम का कोई कानूनी आधार नहीं है और अगर वे आगे कदम उठाते हैं तो 'ईरान के एनपीटी से हटने पर विचार किया जाएगा.'

पढ़ें-ईरान और अमेरिका के बीच साइबर युद्ध, एक नजर

2015 का ऐतिहासिक समझौता ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और अमेरिका के बीच हुआ था तथा ईरान को परमाणु कार्यक्रम पर प्रतिबंधों से राहत मिली थी.

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Last Updated : Feb 17, 2020, 6:52 PM IST
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