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एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं भारत और चीन : मोदी से बोले शी जिनपिंग

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का कहना है कि भारत और चीन एक दूसरे लिये खतरा नहीं हैं. जिनपिंग ने दोनों देशों के बीच करीबी विकास साझेदारी को बढ़ाने के लिये साथ मिलकर काम करने की भी बात की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग.
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Published : Jun 14, 2019, 9:20 AM IST

Updated : Jun 14, 2019, 9:37 AM IST

बीजिंग/बिश्केक: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में एससीओ सम्मेलन से इतर हुई बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा कि भारत और चीन एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं. साथ ही उन्होंने दोनों देशों के बीच करीबी विकास साझेदारी को बढ़ावा देने के भारत के प्रयासों में शामिल होने की चीन की इच्छा जतायी.

modi etvbharat
फोटो सौ. (नरेंद्र मोदी ट्विटर)

लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ जीत के बाद दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी और शी की यह पहली मुलाकात है.

चीन के विदेश मंत्रालय ने बीजिंग में जारी एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति शी ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि भारत और चीन को मतभेदों से सही तरीके से निपटते हुए सहयोग बढ़ाना चाहिए. साथ ही उन्होंने सीमा पर स्थिरता बनाए रखने के लिए विश्वास बहाली के कदम उठाने की बात भी कही.

modi etvbharat
पीएम मोदी का ट्वीट.

शी ने कहा, 'दोनों देशों के बीच करीबी विकास साझेदारी को बढ़ाने के लिए चीन लगातार भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है.'

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बयान के हवाले से खबर दी है, उन्होंने दोनों देशों से इस मूल सिद्धांत पर अमल करने को कहा कि 'चीन और भारत एक-दूसरे को विकास का अवसर देते हैं, और एक-दूसरे के लिए कोई खतरा नहीं हैं.'

पढ़ें: जिनपिंग से बोले पीएम मोदी- वार्ता के लिए पाक को उठाने होंगे आतंक के खिलाफ ठोस कदम

शी ने यह रेखांकित किया कि पूरी दुनिया में चीन और भारत ही ऐसी दो उभरती अर्थव्यवस्था हैं जिनकी आबादी एक अरब से ज्यादा है.

दोनों देशों के बीच मतभेद के पुराने कारण, सीमा विवाद पर शी ने कहा, 'हमें सीमा विवाद और अन्य तंत्रों के संबंध में विशेष प्रतिनिधियों की बैठकों का लाभ उठाना होगा, विश्वास बहाली के कदम उठाने होंगे और सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता बनाए रखनी होगी.'

गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर बातचीत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी विशेष प्रतिनिधि हैं.

बीजिंग/बिश्केक: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में एससीओ सम्मेलन से इतर हुई बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा कि भारत और चीन एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं. साथ ही उन्होंने दोनों देशों के बीच करीबी विकास साझेदारी को बढ़ावा देने के भारत के प्रयासों में शामिल होने की चीन की इच्छा जतायी.

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फोटो सौ. (नरेंद्र मोदी ट्विटर)

लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ जीत के बाद दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी और शी की यह पहली मुलाकात है.

चीन के विदेश मंत्रालय ने बीजिंग में जारी एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति शी ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि भारत और चीन को मतभेदों से सही तरीके से निपटते हुए सहयोग बढ़ाना चाहिए. साथ ही उन्होंने सीमा पर स्थिरता बनाए रखने के लिए विश्वास बहाली के कदम उठाने की बात भी कही.

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पीएम मोदी का ट्वीट.

शी ने कहा, 'दोनों देशों के बीच करीबी विकास साझेदारी को बढ़ाने के लिए चीन लगातार भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है.'

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बयान के हवाले से खबर दी है, उन्होंने दोनों देशों से इस मूल सिद्धांत पर अमल करने को कहा कि 'चीन और भारत एक-दूसरे को विकास का अवसर देते हैं, और एक-दूसरे के लिए कोई खतरा नहीं हैं.'

पढ़ें: जिनपिंग से बोले पीएम मोदी- वार्ता के लिए पाक को उठाने होंगे आतंक के खिलाफ ठोस कदम

शी ने यह रेखांकित किया कि पूरी दुनिया में चीन और भारत ही ऐसी दो उभरती अर्थव्यवस्था हैं जिनकी आबादी एक अरब से ज्यादा है.

दोनों देशों के बीच मतभेद के पुराने कारण, सीमा विवाद पर शी ने कहा, 'हमें सीमा विवाद और अन्य तंत्रों के संबंध में विशेष प्रतिनिधियों की बैठकों का लाभ उठाना होगा, विश्वास बहाली के कदम उठाने होंगे और सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता बनाए रखनी होगी.'

गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर बातचीत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी विशेष प्रतिनिधि हैं.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 23:25 HRS IST




             
  • एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं है भारत और चीन : शी ने मोदी से कहा



के. जे. एम. वर्मा 



बीजिंग/बिश्केक, 13 जून (भाषा) चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में एससीओ सम्मेलन से इतर हुई बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा कि भारत और चीन एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं। साथ ही उन्होंने दोनों देशों के बीच करीबी विकास साझेदारी को बढ़ावा देने के भारत के प्रयासों में शामिल होने की चीन की इच्छा जतायी।



लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ जीत के बाद दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी और शी की यह पहली मुलाकात है।



चीन के विदेश मंत्रालय ने बीजिंग में जारी एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति शी ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि भारत और चीन को मतभेदों से सही तरीके से निपटते हुए सहयोग बढ़ाना चाहिए। साथ ही उन्होंने सीमा पर स्थिरता बनाए रखने के लिए विश्वास बहाली के कदम उठाने की बात भी कही।



शी ने कहा, ‘‘दोनों देशों के बीच करीबी विकास साझेदारी को बढ़ाने के लिए चीन लगातार भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।’’ 



सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बयान के हवाले से खबर दी है, उन्होंने दोनों देशों से इस मूल सिद्धांत पर अमल करने को कहा कि ‘‘चीन और भारत एक-दूसरे को विकास का अवसर देते हैं, और एक-दूसरे के लिए कोई खतरा नहीं हैं।’’ 



शी ने यह रेखांकित किया कि पूरी दुनिया में चीन और भारत ही ऐसी दो उभरती अर्थव्यवस्था हैं जिनकी आबादी एक अरब से ज्यादा है।



दोनों देशों के बीच मतभेद के पुराने कारण, सीमा विवाद पर शी ने कहा, ‘‘हमें सीमा विवाद और अन्य तंत्रों के संबंध में विशेष प्रतिनिधियों की बैठकों का लाभ उठाना होगा, विश्वास बहाली के कदम उठाने होंगे और सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता बनाए रखनी होगी।’’ 



गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर बातचीत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी विशेष प्रतिनिधि हैं।




 


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Last Updated : Jun 14, 2019, 9:37 AM IST
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