गाजा सिटी : गाजा पट्टी की पहले से अस्थिर स्वास्थ्य व्यवस्था एक दशक में चौथे युद्ध से और चरमरा गई है. अस्पताल इजराइली बमबारी में मारे गए लोगों और घायल हुए मरीजों से भर गए हैं. इस छोटे से क्षेत्र में कई अहम दवाएं तेजी से खत्म हो रही हैं.
हमले में गाजा के दो सबसे प्रतिष्ठित डॉक्टर मारे गए. हमास और इजराइल के बीच 10 दिन पहले शुरू हुई लड़ाई के दौरान उनके घरों को ध्वस्त कर दिया गया था.
कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहे गाजा में संक्रमण की जांच के लिए एकमात्र प्रयोगशाला हवाई हमले में क्षतिग्रस्त हो गई और इसे बंद कर दिया गया है. स्वास्थ्य अधिकारियों को अस्थायी शिविरों में रह रहे हजारों विस्थापित निवासियों के बीच संक्रमण फैलने की आशंका है.
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संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित एक स्कूल में नवाल अल-दनाफ और उनके पांच बच्चे, पांच अन्य परिवारों के साथ एक ही कमरे में रहते हैं. इस स्कूल में 1,400 लोगों ने शरण ली हुई है.
उत्तरी गाजा के बैत लाहिया शहर पर इजराइल की बमबारी से भागी अल-दनाफ ने कहा, 'स्कूल युद्ध से तो सुरक्षित है, लेकिन जब कोरोना की बात आती है, तो एक कमरे में पांच परिवार रह रहे हैं, हर कोई एक-दूसरे को संक्रमित कर सकता है.'
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए के मीडिया सलाहकार अदनान अबू हसना ने कहा कि गाजा पट्टी का स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा इस युद्ध से पहले ही ढह रहा था.
इजराइल और गाजा के हमास शासकों के बीच पहले के तीन युद्धों के दौरान भी अस्पतालों और क्लीनिकों को क्षतिग्रस्त किया गया और चिकित्साकर्मियों को मारा गया.
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अब स्वास्थ्य देखभाल केंद्र युद्ध में हताहत हुए लोगों का इलाज करने और गाजा के 20 लाख लोगों की रोज की जरूरतों को पूरा करने के लिए जूझ रहे हैं.
गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि हवाई हमलों में 64 बच्चों समेत कम से कम 227 फलस्तीनी मारे गए और 1,600 से अधिक घायल हो गए. रॉकेट हमलों से इजराइल में 12 लोगों ने जान गंवाई.