काबुल : अमेरिका और तालिबान के बीच 18 महीनों की वार्ता के बाद शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर इसका टेक्स्ट जारी किया गया. समझौते को लेकर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अमेरिकी रक्षा सचिव मार्क ओशो और नाटो महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग के साथ कहा कि अफगानिस्तान, संयुक्त राज्य अमेरिका और नाटो में पहले से ही समझौते हैं, जो प्रभावी रहेंगे. वह अफगान बलों के लिए अमेरिका और नाटो की प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं.
गनी का कहना था कि संयुक्त घोषणा देश में स्थायी शांति का रास्ता खुलेगा. उन्होंने कहा कि वह देश के लिए अफगान बलों के बलिदान की वह सराहना करते हैं. अब शांति स्थापित करने में उनकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण होगी.
गनी ने कहा, 'हमारी टीम, अफगान सरकार के ढांचे के तहत, समावेशी होगी.' उन्होंने कहा कि यूएस-तालिबान समझौते में सभी चीजें परिस्थितियों पर आधारित हैं. उनका कहना है कि अफगानिस्तान से विदेशी ताकतों की वापसी इस बात पर निर्भर करती है कि तालिबान अपनी प्रतिबद्धताओं को कितना पूरा करते हैं.
गौरतलब है कि बच्चों, युवाओं सहित सभी उम्र के पुरुषों और महिलाओं और सार्वजनिक स्थानों में आतंक और हिंसा के सनसनीखेज कामों से उनका जीवन छीन लिया गया था.
साझेदारी के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नाटो और अमेरिका के साझेदारों ने न तो खून बहाया और न ही खजाना. हम आपको निस्वार्थ सेवा के लिए दिग्गजों, विशेष रूप से गोल्ड स्टार परिवारों को धन्यवाद देने के लिए कहते हैं.
वहीं, तालिबान के कतर कार्यालय के प्रमुख अब्दुल गनी बरादर का कहना है कि वह उन सभी देशों की सराहना करते हैं, जिन्होंने अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में मदद की. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में हिस्सा लेंगे.
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने दोहा की राजधानी में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा है कि तालिबान आतंकवादी समूहों के साथ अपने संबंधों को काटने के लिए प्रतिबद्ध है.
पोम्पिओ ने कहा, 'ये प्रयास तभी कामयाब हो सके, जब तालिबान ने अल-कायदा और अन्य विदेशी आतंकवादी समूहों के साथ अपने संबंधों को समाप्त करने में रुचि दिखाई. आज हमने जिस समझौते पर हस्ताक्षर किया, वह इस प्रयास की सच्ची परीक्षा है.'
अमेरिका 14 माह के भीतर अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुला लेगा
इससे पहले अमेरिका ने एलान किया कि वह 14 महीने के भीतर अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुला लेगा. यूएस का लक्ष्य है कि अमेरिका-अफगान घोषणा के अनुसार सभी बलों को '14 महीने के भीतर' वापस ले.
अमेरिका ने कहा है कि वह अमेरिका-तालिबान समझौते की घोषणा के 135 दिनों के भीतर अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य बलों की संख्या को 8,600 तक कम करे और अन्य प्रतिबद्धताओं को लागू करे.
अल-कायदा, आईएसआईएस-के और अन्य अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों या व्यक्तियों द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका या उसके सहयोगियों के खिलाफ हमले करने के प्रयासों को बाधित और नीचा दिखाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका अफगानिस्तान में इस्लामी गणतंत्र की सहमति से अफगानिस्तान में सैन्य संचालन जारी रखेगा.